Latest Posts

मध्य प्रदेश

एसडीएम ने दिखाई तत्परता महाराष्ट्र से रिहा 52 मजदूर

11Views

जतारा
कोरोना काल में प्रशासनिक अधिकारी के साथ-साथ डॉक्टर की भूमिका निभाने वाले एसडीएम सौरव सोनवणे ने दोहरी भूमिका निभाने के साथ अपनी कार्यशैली से जिले जिले का नाम रोशन किया। एक बार फिर उन्होंने अपनी कार्यकुशलता तत्परता को दिखाते हुए प्रदेश के बंधक बनाए गए 52 मजदूरों को महाराष्ट्र के सोलापुर जिले से रिहा करवाने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई है जिसके बाद  मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान पूरी टीम को ट्विटर के माध्यम से तारीफ पर बधाई दे चुके हैं।

विदित हो कि जनसुनवाई के दौरान कटनी कलेक्टर को जानकारी मिली कि मध्य प्रदेश के कटनी जिले के 52 मजदूरों को दिहाड़ीदारी का झांसा देकर महाराष्ट्र के सोलापुल जिले के कंदल गांव में रखा गया है। मजदूरों से अत्याधिक काम कम पैसे देकर जोर-जबरजस्ती से कराया जा रहा है।। इसके बाद 5 जनवरी को मजदूरों के परिजनों ने जनसुनवाई में शिकायत की थी। इसके बाद प्रशासन जागा और कार्रवाई में लग गया। कलेक्टर प्रियंक मिश्रा ने शिकायत को गंभीरता से लिया और मामले में एक्शन लिया उन्होंने। तत्काल जांच करने के लिए बहोरीबंद एसडीएम रोहित सिंनोनिया जांच का जिम्मा सौंपा बहोरीबंद एसडीएम आईएएस को अपने बेचमेंट टीकमगढ़ जिले के जतारा में सदस्य एसडीएम सौरव सोन बणे  की याद आई कि वह महाराष्ट्र से है उन्होंने तत्काल फोन पर संपर्क कर जानकारी दी जतारा एसडीएम सौरभ सोनवणे ने मामले को गंभीरता में लेते हुए तत्परता से अपने यूपीएससी के सहयोगी साथियों के नंबरों को खोजा तो  सोलापुर एसपी तेजस्वी सतपोटे का नंबर उनको मिल गया। उन्होंने मामले की पूरी जानकारी दी इसके बाद महाराष्ट्र पुलिस के सहयोग से सर्च आॅपरेशन कराया गया जिस में सफलता हासिल हुई बंधक बनाए गए 52 मजदूरों को घर वापसी की गई। इस मामले में महाराष्ट्र पुलिस  इंस्पेक्टर  नितिन थेटे और एसडीएम टीकमगढ़ सौरभ सोनवणे का खास योगदान रहा।

जानकारी के मुताबिक, स्लीमनाबाद थाना के धनवाही और कारीपाथर के मजदूरों को करीब 45 दिन पहले स्थानीय दलालों की मदद से महाराष्ट्र के सोलापुर लगभग 70 मजदूरों को चार सौ रुपए दिन के हिसाब से गन्ना कटाई के लिए ले जाया गया। लेकिन वहां जाकर मालिक की असलियत का पता चला वह उनसे मारपीट करता व मजदूरों को बंधक बनाकर रखने लगा।इस दौरान न तो मजदूरों को काम के पैसे देता न ही दवाई दारू और मोबाइल का इस्तेमाल भी नहीं करने देता था। इस घटना की जानकारी मजदूरों ने स्थानीय लोगों को दी। जिसके बाद धीरे -धीरे मामले में खुलासे होने लगे। घटना की जानकारी लगने के बाद बहोरीबंद एसडीएम रोहित सिनोनिया जतारा एसडीएम सौरभ सोनवणे के प्रयास से ना केवल मजदूरों की घर वापसी हुई बल्कि उनको पूरी मजदूरी के साथ गर्म कपड़े कंबल घर तक वाहन की व्यवस्था भी की गई।

admin
the authoradmin