सियासत

क्या राजनीति में साथ आकर नवजोत सिद्धू और प्रशांत किशोर खेलेंगे नई पारी

5Views

नई दिल्ली
बीते 10 सालों में पीएम नरेंद्र मोदी, नीतीश कुमार, कैप्टन अमरिंदर सिंह समेत कई दिग्गज नेताओं और राजनीतिक दलों के लिए रणनीति बना चुके प्रशांत किशोर अब नेता के अवतार में उतरने की तैयारी में हैं। वहीं क्रिकेटर, कॉमेडियन से नेता बने नवजोत सिंह सिद्धू कांग्रेस में किनारे लगे हुए हैं और अपनी भूमिका की तलाश में हैं। इन दोनों का जिक्र यहां एक साथ हम इसलिए कर रहे हैं क्योंकि दोनों ही नई पारी खेलने जा रहे हैं और इनके साथ आने के कयास भी लग रहे हैं। दरअसल बीते दिनों जब प्रशांत किशोर के कांग्रेस के साथ न जाने की खबर आई तो उसी दिन पार्टी में कार्रवाई का सामना कर रहे नवजोत सिंह सिद्धू ने उनके साथ अपनी एक तस्वीर साझा की थी।

ऐसे में माना जा रहा है कि दोनों नेता साथ आ सकते हैं। जन सुराज का नारा देते हुए प्रशांत किशोर ने गांधी जयंती के मौके पर चंपारण से 3,000 किलोमीटर की पद यात्रा पर निकलने का ऐलान किया है। उनके ऐलान से माना जा रहा है कि वह बिहार में कुछ मुद्दों की तलाश करने के बाद राजनीतिक दल का ऐलान कर सकते हैं। नवजोत सिंह सिद्धू के साथ आने की चर्चाओं को लेकर यह भी कहा जा रहा है कि वह बिहार में कैसे प्रभावशाली हो सकते हैं, जहां सिखों की आबादी नाम मात्र की ही है। दरअसल प्रशांत किशोर को राजनीतिक दल बनाने के लिए कुछ ऐसे चेहरों की भी जरूरत है, जिनकी एक साख हो। नवजोत सिंह सिद्धू की जनता के मुद्दे उठाने की एक साख है और पंजाब में वह ऐसा करते रहे हैं।

कैसे सिद्धू के स्टारडम का फायदा उठाएंगे प्रशांत किशोर
इसके अलावा नवजोत सिंह सिद्धू सफल क्रिकेटर और कॉमेडियन भी रह चुके हैं। ऐसे में एक स्टारडम भी उनके साथ जुड़ा है, जिसका फायदा प्रशांत किशोर उठाना चाहेंगे। फिलहाल नवजोत सिंह सिद्धू अपने लिए भूमिका की तलाश में हैं। पंजाब में कांग्रेस के चुनाव हारने के बाद से हाईकमान ने उनसे दूरी बना ली है। यहां तक कि उनके खिलाफ पार्टी के अनुशासन को तोड़ने के आरोप हैं औैर उन पर कार्रवाई भी की जा सकती है। ऐसे में उन्हें भी अपनी छवि के मुताबिक नई भूमिका की तलाश है। यह रोल उन्हें प्रशांत किशोर के नए दल में मिल सकता है।

नीतीश और लालू को एक कटघरे में खड़ा कर चुके हैं पीके
प्रशांत किशोर ने गांधी जयंती के मौके पर 3,000 किमी पदयात्रा शुरू करने का ऐलान किया है। यह यात्रा चंपारण से शुरू होगी और बिहार के अलग-अलग हिस्सों में वह जाएंगे। पीके इसके जरिए चर्चा पाने की कोशिश में हैं, जो काम उन्हें बखूबी आता है। इसमें नवजोत सिंह सिद्धू उनके लिए कारगर साथी हो सकते हैं। गौरतलब है कि पिछले दिनों पीके ने यह कहकर बिहार की सियासत में हलचल पैदा कर दी थी कि नीतीश कुमार और लालू प्रसाद यादव के 15 सालों में बिहार बुरी तरह पिछड़ गया है। इस पर तेजस्वी यादव ने रिएक्शन देते हुए कहा था कि पीके कौन हैं? यही नहीं उनका कहना था कि ऐसी टिप्पणी आधारहीन है और उस पर टिप्पणी भी नहीं की जा सकती।

admin
the authoradmin