विगत वर्षों से आवागमन साधन को लेकर आक्रोश महिलाएं सहित सड़क पर उतरे ग्रामीण, सड़क नहीं तो बोट नहीं

मंडला
गौरतलब है कि आदिवासी बाहुल्य जिला मंडला के ग्रामीण अंचलों में भी आज तक ग्रामीण मूलभूत सुविधाओं से वंचित हैं। वहीं एक तरफ सरकार दिन व दिन अनेकों योजनाओं को घोषणा कर रही है तथा विकास यात्रा के माध्यम से गांव गांव सड़क, बिजली, घर घर नल टोंटी पेयजल, शिक्षा, स्वास्थ्य, रोजगार की व्यवस्था कि जाए। वहीं दूसरी तरफ विकासखंड निवास अंतर्गत ग्राम पंचायत मासूर घुघरी के पोषक ग्राम डिप्पा टोला सहित पूरे ग्राम पंचायत में मूलभूत सुविधाओं का अंबार लगा हुआ है।
बता दें कि मोहगांव मार्ग मेन रोड से लगभग 1 किलोमीटर पहुंच मार्ग विगत वर्षों से कच्ची सड़क है जिससे वहां के ग्रामीणों को आवागमन सहित अनेकों समस्याओं का सामना करना पड़ता है। और ऐसे अनेकों समस्याएं हैं जोकि सरकार की पोल खोल रही हैं जिससे सरकार के विभिन्न योजनाओं के घोषणाओं से ग्रामीण असंतुष्ट नजर दिखे। साथ ही आंगनबाड़ी भवन न होना, शाला भवन जर्जर, पेयजल की व्यवस्था न होना, स्वास्थ्य, बिजली, सड़क जैसे अनेकों समस्याओं से जूझ रहे ग्रामीण।
आक्रोशित ग्रामीणों ने कहा बारिश में रास्ता खराब होने के कारण स्कूली बच्चों को नंगे पैर कीचड़ से लथपथ चलकर मा .शाला व हाई स्कूल जाना पड़ता है जिससे बच्चों को विद्याध्यन में बाधा उत्पन्न होती है और आक्रोशित महिलाओं ने कहा दराई पिसाई करवाने ले जाने भी काफी समस्या होती है।
जिसे समझ सकते हैं कि भारी समस्या का सामना करना पड़ रहा है। साथ ही गांव में अगर किसी को अचानक स्वास्थ्य खराब हो जाए व उल्टी दस्त लग जाए या किसी महिला को डेलिवरी पीरियड का समय आ जाए तो तत्काल में एमरजेंसी सेवा का लाभ नहीं मिल पाता है। अपने स्वयं के व्यवस्था से लगभग 1 किलो मीटर दूर कंधे व खाट से पैदल चलकर मेनरोड तक पहुंचाया जाता है। तब बड़ी मशक्कत से पीड़ित व्यक्तियों को सामुदायिक स्वास्थ्य केन्द्र निवास पहुंचाया जाता है।
उन्होंने यह भी कहा क्ई बार लिखित रूप से क्षेत्रीय विधायक, सांसद महोदय जी को सड़क सहित अनेकों समस्याओं के संबंध में आवेदन निवेदन किया गया है। परन्तु इस योर किसी जनप्रतिनिधि ने आज तक ध्यान नहीं दिया गया है। सिर्फ आश्वासन ही दिया गया है।जिससे शासन प्रशासन व क्षेत्रीय जनप्रतिनिधि एवं, सरकार के जिम्मेदारों को ग्राम पंचायतों के अनेकों मूलभूत समस्यायों को मीडिया के माध्यम से अवगत कराते हैं। अगर हमारी अनेकों समस्याओं को जल्द संज्ञान में नहीं लिया गया तो मजबूरन आने वाले विधानसभा चुनाव में चुनाव का वहिष्कार करेंगे, जिसकी संपूर्ण जवाबदारी शासन प्रशासन की होगी।
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