मध्य प्रदेश

RTO में वाहनों के पंजीयन का लोड, डीलरों की लेटलटीफी से परेशान हो रहे वाहन मालिक

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भोपाल
राजधानी के करीब 100 अलग-अलग कंपनियों के वाहन डीलरों ने दीपालवी और उससे पहले बेचे गए चार व दोपहिया वाहनों के पंजीयन के लिए विक्रय पत्र, संबंधित वाहन मालिक का पहचान पत्र, वाहनों का बीमा सहित अन्य जरूरी कागजात आरटीओ में पहुंचाना शुरू कर दिया है। डीलरों की लेटलटीफी और लगातार शासकीय अवकाश के कारण अब वाहनों के पंजीयन आवेदनों की संख्या बढ़ती जा रही है। अभी तक एक हजार वाहनों के कागजात आरटीओ में पंजीयन हेतु आए हैं। वाहनों के पंजीयन कराने के लिए फाइल बढ़ने से आरटीओ और स्मार्टचिप के कर्मचारियों पर काम का दबाव बढ़ गया है। आरटीओ में सुबह 10 से शाम 6-7 बजे तक पंजीयन कार्ड बनाए जा रहे हैं। इसके बाद भी रोजाना 100 कार्ड पेंडिंग हो जाते हैं। ऐसे में अभी तक 1000 कार्ड पेंडिंग हो चुके हैं।

गौरतलब है कि दीपावली और धनतेरस से पहले पुष्य नक्षत्र पर सैकड़ों वाहन शहर में बिके थे। इसके अलावा आम दिनों में भी वाहनों की बिक्री जारी है। आरटीओ का काम देख रही स्मार्ट चिप कंपनी के भोपाल आरटीओ प्रभारी राजेश शर्मा ने बताया कि सात दिन के अंदर लोगों के वाहनों के कार्ड दिए जा रहे हैं। यदि डीलर देरी से कागज भेजता है, तो उसमें उनकी जिम्मेदारी है। हमारे यहां समय पर कार्ड प्रिंट किए जा रहे हैं।

परिवहन विभाग के अनुसार वाहन बिक्री की तारीख से सात दिन के अंदर वाहन मालिक को वाहन का रजिस्ट्रेशन कार्ड मिलना चाहिए। इसके बाद यदि देरी होती है, तो वाहन मालिक सीधे परिवहन विभाग और अफसरों को इसकी शिकायत कर सकता है। इस पर डीलर सहित संबंधित अधिकारी पर कार्रवाई और जुर्माने का प्रावधान है।

आरटीओ में आम दिनों में अमूमन रोज 200 से 250 वाहनों के पंजीयन कराने के लिए कागजात आते हैं और सभी के कार्ड बनाए जाते थे। अब एक एक दिन में 500 से अधिक वाहनों के कागजात पंजीयन कार्ड बनवाने के लिए डीलरों की ओर से आ रहे हैं। इससे पेंडिंग वाहन पंजीयन आवेदनों की संख्या बढ़ती जा रही है। फिलहाल हर दिन 400 तक कार्ड बनाए जा रहे हैं।

कोलार निवासी अलका त्रिपाठी ने दशहरा पर चार पहिया वाहन खरीदा था लेकिन अब तक रजिस्ट्रेशन नहीं मिला है। इधर, बैरसिया के गजराज सिंह ने दीपावली के दौरान ट्रैक्टर खरीदा था लेकिन अब तक रजिस्ट्रेशन नहीं आया है। दोनों वाहन माहिक डीलर और आरटीओ के चक्कर लगाने को मजबूर हैं।

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