उद्धव सेना ने सांसदों को लेकर एडवाइजरी जारी कर दी, शिंदे गुट के नेताओं से मुलाकात न करने की दी नसीहत

मुंबई
शरद पवार की ओर से एकनाथ शिंदे को महादजी शिंदे राष्ट्र गौरव पुरस्कार दिया गया था। इस सम्मान को लेकर टकराव खत्म भी नहीं हुआ था कि उद्धव सेना ने सांसदों को लेकर एडवाइजरी जारी कर दी है। उद्धव सेना के कुछ सांसद एकनाथ शिंदे गुट के नेताओं से मिल रहे थे। इसे लेकर उद्धव खेमा चिंतित था और अब उसने एकनाथ शिंदे गुट के नेताओं से ज्यादा मुलाकात न करने की नसीहत दी है। आदित्य ठाकरे की ओर से यह एडवाइजरी दी गई है। दरअसल खबरें थीं कि कई सांसदों ने एकनाथ शिंदे और उनके गुट के अन्य नेताओं से मुलाकात की है। एकनाथ शिंदे ने ढाई साल सरकार चलाई थी और अब भाजपा की लीडरशिप वाली सरकार में वह डिप्टी सीएम हैं। ऐसे में उद्धव खेमे के सांसदों और विधायकों को लगता है कि सत्ता से करीबी के लिए एकनाथ शिंदे गुट के साथ रहना मुनासिब होगा।
यह बात उद्धव गुट के लिए चिंता की वजह बन गई है। अब आदित्य ठाकरे की ओर से कहा गया है कि किसी भी आयोजन का न्योता स्वीकार करने से पहले लीडरशिप की मंजूरी जरूरी है। एकनाथ शिंदे खेमे की ओर से यदि कोई डिनर या लंच का इनवाइट आता है तो उसके लिए भी परमिशन लेकर ही जाना होगा। दरअसल 11 फरवरी को शरद पवार ने एकनाख शइंदे को सम्मानित किया था। दिल्ली में यह आयोजन हुआ था, जिसमें उद्धव सेना के सांसद संजय पाटिल भी मौजूद थे। यह बात उद्धव खेमे को अखर गई है। सम्मान को लेकर संजय राउत ने यहां तक कह दिया कि ऐसे सम्मान या तो खरीदे जाते हैं या फिर बेचे जाते हैं। इन पुरस्कारों को हासिल करने का और कोई तरीका नहीं है।
एकनाथ शिंदे के सम्मान समारोह में मौजूद रहने वाले सांसद शाम को श्रीकांत शिंदे की ओर से दिए गए डिनर में भी पहुंचे थे। इस बात को लेकर टेंशन है। यही नहीं 12 नवंबर को एकनाथ शिंदे गुट के केंद्रीय मंत्री प्रतापराव जाधव डिनर दिया था। उसमें भी उद्धव ठाकरे के कई सांसद पहुंचे थे। इन सभी को लेकर उद्धव ठाकरे गुट ने आपत्ति जताई है। दरअसल उद्धव खेमे का कहना है कि शरद पवार की ओर से एकनाथ शिंदे को सम्मानित करना एक तरह से उनके गुट को वैधता प्रदान करना है। इसके अलावा सांसदों के बार-बार मिलने से गलत संदेश जाता है। एक तरफ नैरेटिव खराब होता है तो वहीं ऐसी मुलाकातें सुर्खियां बनती हैं।
इन्हीं मुलाकातों के चलते अकसर खबरें आती हैं कि उद्धव सेना के कई विधायक और सांसद पालाबदल कर सकते हैं। ऐसी खबरें उद्धव खेमे को असहज करने वाली होती हैं। यहां तक कि बीते सप्ताह मुंबई में एक मीटिंग हुई थी। इसमें उद्धव खेमे ने सभी सांसदों की परेड कराई थी। दिलचस्प बात है कि संजय पाटिल इसमें नहीं थे, जो श्रीकांत शिंदे के डिनर और एकनाथ शिंदे के सम्मान कार्यक्रम में पहुंचे थे।
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