टोक्यो
टोक्यो ओलंपिक में सोमवार (2 अगस्त) को भारतीय महिला हॉकी टीम ने इतिहास रच दिया। ऑस्ट्रेलिया के खिलाफ खेले गए क्वार्टर फाइनल में टीम इंडिया ने कंगारू टीम को 1-0 से हराया। इस जीत से साथ भारतीय महिला हॉकी टीम सेमीफाइनल में पहुंच गई। भारतीय महिला हॉकी टीम 41 साल बाद ओलंपिक के सेमीफाइनल में पहुंची है। भारत की इस शानदार जीत के चलते कोच सोजर्ड मारिजने भी गदगद हैं। वह चाहते हैं कि खिलाड़ियों ने जो कुछ हासिल किया है उसका जश्न मनाएं। उनका मानना है कि हर पल को जीना महत्वपूर्ण है।
रोमांचक मुकाबले में जीत दर्ज करने बाद उन्होंने पत्रकारों से बात करते हुए कहा, हमें मैच दर मैच देखना होगा कि आगामी मैच में हम क्या सुधार कर सकते हैं, हमने ऑस्ट्रेलिया के खिलाफ बहुत छोटी-छोटी चीजों पर ध्यान केंद्रित किया, यह सब मानसिकता के बारे में है और यह एक सपने के सच होने जैसा है। यह पूछे जाने पर कि दूसरे हाफ में पूरी ऑस्ट्रेलियाई टीम गोल करने के लिए टूट रही थी। इस सवाल के जवाब में भारतीय कोच ने कहा, उऩ्होंने रणनीत बदली और हमने उसे समाय़ोजित किया। जिस तरह से हमने बचाव किया वह शानदार था।
यह पूछे जाने पर कि ऑस्ट्रेलिया को अंतिम क्षणों में दो पेनाल्टी मिलीं इस सवाल के जवाब में कोच ने कहा इस पर काम हो रहा है और हम ओलंपिक में बने हुए हैं। उन्होंने आगे कहा, यह भविष्य देखने का समय नहीं है, मैं चाहता हूं कि लड़कियों ने ऑस्ट्रेलिया के खिलाफ जो उपलब्धि हासिल की उसका जश्न मनाएं, यही मेरा भारतीय हॉकी महिला टीम को संदेश है।
वहीं अगर भारती महिला हॉकी टीम की बात की जाए भारत ने पलटवार करते हुए सेमीफाइनल का सफर तय किया। टीम इंडिया शुरुआत के तीनों मैच हार गई थी। कोच सोजर्ड मारिजने ने कहा आयरलैंड के खिलाफ पूल मैच से पहले फिल्म ने मनोवैज्ञानिक रूप से मजबूत किया। लेकिन उन्होंने इस फिल्म का नाम बताने से इनकार कर दिया। उन्होंने आगे कहा कि अंतर खुद पर विश्वास करने और उनके सपनों पर विश्वास करने में है। फिर यह आपके अतीत पर ध्यान केंद्रित करते हुए वास्तविकता में वापस जाने के बारे में है। मुझे लगता है कि यही मुख्य चीज है और हमने यही किया।
उन्होंने आगे कहा, यदि आप हार जाते हैं तो विश्वास करना नहीं छोड़ते, यही चीज मैंने लड़कियों से कही, सबसे महत्वपूर्ण पल में बने रहना है, मैंने उन्हें एक फिल्म दिखाई। मेरा मानना है कि उस फिल्म ने मेरी काफी मदद की। आयरलैंड के खिलाफ मिली जीते के बाद हम उस फिल्म का जिक्र करते रहे। वहीं भारतीय महिला हॉकी टीम की कप्तान रानी रामपाल ने भी उस फिल्म की जमकर तारीफ की। उन्होंने कहा, मुझे लगता है कि उस फिल्म ने वास्तव में हमारी मदद की, फिल्म ने वर्तमान क्षण में बने रहने का हौसला दिया, जो आपके सामने है उसके बारे में सोचें अतीत के बारे में नहीं, आज कोच ने कहा कि बस 60 मिनट पर ध्यान दो, बस 60 मिनट के लिए अपना काम करो।
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