श्रम कानूनों में तीन बड़े संशोधन, उद्योग बंद या हड़ताल से पहले छह हफ्ते की सूचना अनिवार्य

भोपाल
वर्षों पुराने श्रम कानूनों में तीन संशोधन विधेयक गुरुवार को विधानसभा में पारित हो गए। इनमें ठेका श्रम अधिनियम 1970, कारखाना अधिनियम 1948 और औद्योगिक विवाद अधिनियम 1947 शामिल हैं। ठेका श्रम अधिनियम में संशोधन के बाद अब 50 से अधिक मजदूर होने पर पंजीयन की आवश्यकता होगी। हालांकि, पीएफ, ईएसआइ जैसे नियम कम संख्या पर भी लागू होंगे।
इसी तरह से कारखाना अधिनियम में 20 की जगह 40 मजदूर होने पर पंजीयन जरूरी होगा। औद्योगिक विवाद अधिनियम में कारखाना बंद करने के छह सप्ताह पहले नियोक्ता को सूचना देनी होगी। इसी तरह से श्रमिकों को हड़ताल करने के लिए भी नियोक्ता को छह सप्ताह पहले बताना होगा। चर्चा के दौरान कांग्रेस विधायकों ने इन विधेयकों को मजूदरों के हित के विपरीत बताया।
प्रहलाद सिंह पटेल ने कहा, दोनों के हितों का ध्यान रखा गया
कांग्रेस की ओर से हीरालाल अलावा, सोहन लाल वाल्मीकि व अन्य सदस्यों ने कहा कि ऐसे में तो मजदूर अब हड़ताल ही नहीं कर पाएंगे। उनका शोषण होगा। सरकार की ओर श्रम मंत्री प्रहलाद सिंह पटेल ने कहा दोनों के हितों का ध्यान रखा गया है।
संसदीय कार्य मंत्री कैलाश विजयवर्गीय ने कहा जैसे हड़ताल की सूचना मजदूर के लिए जरूरी है उसी तरह से नियोक्ता को तालाबंदी के पहले बताना होगा। कांग्रेस ने विधेयकों के विरोध में दो मिनट के लिए बहिर्गमन कर नारेबाजी की। इसी बीच घ्वनिमत से तीनों संशोधन विधेयक पारित हो गए।
कांग्रेस ने किया विरोध
कांग्रेस नेताओं ने कहा, इस विधेयक से मजदूरों का हड़ताल और आंदोलन करने का अधिकार छीन जाएगा। वहीं श्रम मंत्री प्रहलाद पटेल ने कहा कि यह संशोधन विधेयक श्रमिकों के हित में है। सरकार श्रमिकों के हितों का संरक्षण करने के लिए प्रतिबद्ध है। इसके तहत छोटी विनिर्माण इकाइयों को कारखाना अधिनियम के उपबंधों से राहत देने के लिए इसके तहत नियोजित श्रमिकों की संख्या बढ़ाई जा रही है। कारखाना अधिनियम के तहत निर्माण इकाई के पंजीयन के लिए अब मशीनों से उत्पादन होने की स्थिति में नियोजित श्रमिकों की संख्या 10 से बढ़ाकर 20 और बिना मशीन के उत्पादन होता है वहां 20 से बढ़ाकर 40 की जा रही है।
कांग्रेस विधायक बाला बच्चन ने कहा, संशोधन छोटी संस्था के कामगारों के हित में नहीं है। एक ओर सरकार निवेश बढ़ाकर रोजगार को बढ़ावा दे रही है। वहीं श्रमिकों का नुकसान कर रही है। विधायक दिनेश जैन बोस ने कहा कि आउटसोर्स कर्मचारी का ठेका प्रणाली से भारी शोषण होता है। कंप्यूटर ऑपरेटर को सरकार क्ञस् 13 हजार भुगतान करती है, पर उन्हें 12-13 हजार रुपए मिलते हैं। बिचौलिए पैसे खा जाते हैं। सीधे आउटसोर्स कर्मी के खाते में रुपए डालने की व्यवस्था होनी चाहिए।
एसजीएसटी संशोधन
विधानसभा में डिप्टी सीएम जगदीश देवड़ा ने मप्र माल और सेवा कर संशोधन विधेयक 2025 पेश किया। इसमें विशेष आर्थिक जोन, मुक्त व्यापार, भंडारण क्षेत्र में माल आपूर्ति को जीएसटी विधान में सप्लाय की श्रेणी से बाहर किया। इसमें जब तक माल की निकासी निर्यात के लिए न हो, करदाता इस जोन में बिना कर दिए आपस में कारोबार कर सकेंगे।
You Might Also Like
भोपाल ड्रग रैकेट: यासीन-शाहवर गैंग से जुड़ा बदमाश ‘भूरी’ गिरफ्तार
भोपाल मध्य प्रदेश की राजधानी भोपाल के मादक पदार्थ तस्करों की कमर तोड़ने के लिए क्राइम ब्रांच लगातार कार्रवाई कर...
यात्रियों को मिली नई ट्रेन सुविधा: रेल मंत्री ने मुख्यमंत्री को पत्र लिखकर दी जानकारी
रायपुर, छत्तीसगढ़ को रेल सेवाओं के क्षेत्र में एक और बड़ी सौगात मिलने जा रही है। भारत सरकार के रेल...
मध्यप्रदेश पुलिस के जनजागरूकता अभियान: नशे से दूरी-है जरूरी ने बनाया वर्ल्ड रिकार्ड
भोपाल. मध्यप्रदेश पुलिस के नशे के विरूद्ध 15 जुलाई से 30 जुलाई 2025 तक चलाए गए "नशे से दूरी-है जरूरी’’...
चोरी का आरोपी पुलिस को चकमा देकर फरार, दिल्ली से ला रही थी मुंगेली पुलिस
ग्वालियर मध्यप्रदेश के ग्वालियर में छत्तीसगढ़ मुंगेली पुलिस को चोरी का आरोपी चकमा देकर फरार हो गया। मुंगेली पुलिस दिल्ली...