शहडोल जिले में आई बहू के ओबीसी जाति प्रमाण पत्र को स्कूल शिक्षा विभाग ने किया अस्वीकार

बुरहानपुर
उत्तर प्रदेश के लखनऊ से ब्याह कर मप्र के शहडोल जिले में आई बहू के ओबीसी जाति प्रमाण पत्र को स्कूल शिक्षा विभाग द्वारा अस्वीकार कर 21 माह बाद शिक्षिका के पद से हटाने का दिलचस्प मामला सामने आया है। पीड़ित आरती मौर्य ने मप्र सरकार के इस निर्णय को अब हाईकोर्ट जबलपुर में चुनौती देने का निर्णय लिया है।
सरकार पर सवाल उठाया
आरती ने सवाल उठाया है कि बेटियां चाहे किसी भी राज्य में जन्मी हो, विवाह के बाद पति का शहर और घर ही उनका घर हो जाता है। ऐसे में उनके जन्म स्थान से जारी जाति प्रमाण पत्र को अस्वीकार कर सेवा से हटाना अन्याय है। यदि सरकार इस तरह से निर्णय लेगी तो दूसरे राज्यों के लोग मध्य प्रदेश के युवाओं को अपनी शिक्षित बेटियां ही देना बंद कर देंगे।
यह है पूरा मामला
अधिवक्ता मनोज अग्रवाल ने बताया कि आरती मौर्य का जन्म व शिक्षा दीक्षा यूपी के लखनऊ में हुई थी। विवाह के बाद वे मप्र के शहडोल जिले में आ गईं और यहां सरकारी नौकरी के लिए प्रयास किए। बावजूद इसके शिक्षा विभाग ने उन्हें सेवा में नहीं लिया। अब वे अधिक्ता के माध्यम से हाईकोर्ट जबलपुर में सरकार के इस निर्णय को चुनौती देंगी।
You Might Also Like
प्रयागराज महाकुंभ में रेलवे ने दोगुनी संख्या में यात्री ट्रेनों का संचालन किया, जिससे श्रद्धालुओं सहायता मिली
जबलपुर प्रयागराज महाकुंभ के दौरान पश्चिम मध्य रेलवे (पमरे) ने भारी यात्री दबाव के मध्य ट्रेनों को निर्धारित समय पर...
माधव टाइगर रिजर्व में छोड़ी नई बाघिन को भाया जंगल, पन्ना से आई बाघिन ने 24 घंटे में 15 किमी का क्षेत्र घूमा
शिवपुरी मध्य प्रदेश के शिवपुरी जिले के माधव टाइगर रिजर्व में मादा बाघ को छोड़ा गया है। जब से वह...
ऐतिहासिक ग्वालियर किले का आधा हिस्सा निजी हाथों में, 5 साल सौंदर्यीकरण और देखरेख के लिए दिया गया
ग्वालियर मध्यप्रदेश में हुए ग्लोबल इन्वेस्टर्स समिट Memorandum of understanding (MOU) पर वर्क शुरू हो गया है। इसी कड़ी में...
चंद्र ग्रहण आज, करीब साढ़े तीन घंटे तक चलेगा, इन देशों में दिखाई देगा ग्रहण
उज्जैन खगोलीय गणना के अनुसार आज साल का पहला पूर्ण चंद्र ग्रहण होगा। हालांकि यह ग्रहण भारत में दिखाई नहीं...