मध्य प्रदेश

अफसरों की लापरवाही विद्यार्थियों को पड़ी भारी, 5 लाख 23 हजार विद्यार्थियों की वापस आई छात्रवृत्ति

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भोपाल

मध्यप्रदेश में अफसरों की लापरवाही विद्यार्थियों को भारी पड़ रही है। प्रदेश के पांच लाख 23 हजार विद्यार्थियों के बैंक खाते सही नहीं होंने के कारण छात्रवृत्ति की राशि सरकारी खजाने में  वापस आ गई है। बार-बार निर्देशित करने के बाद भी अधिकारी-कर्मचारी केवल चौदह हजार बैंक खाते अपडेट किये गए है।

प्रदेश में अनुसूचित जाति, एवं जनजाति, प्री मेट्रिक एवं पोस्ट मेट्रिक छात्रवृत्ति योजनाओं का क्रियान्वयन एमपी टास पोर्टल के माध्यम से किया जा रहा है। पोर्टल पर प्रोफाइल पंजीकरण एवं छात्रवृत्ति आवेदन हेतु विद्यार्थियों का आधार ई केवायसी अनिवार्यता है एवं छात्रवृत्ति का भुगतान  आधार से लिंक बैंक खाते में ही किये जाने की अनिवार्यता है।

इन योजनाओं के अंतर्गत तेरह लाख विद्यार्थियों की अनिवार्यता है जिनका डाटा एमपी टास पोर्टल पर अपलोड कर दिया गया है।अद्यतन लगभग तीन लाख 16 हजार विद्यार्थियों ने छात्रवृत्ति के लिए आवेदन किया है।

संचालक लोक शिक्षण ने बताया है असफल भुगतान वाले पांच लाख 23 हजार विद्यार्थियों में से केवल चौदह हजार विद्यार्थियों के खाते अपडेट किए गए है। निरंतर निर्देश दिए जाने के बाद भी इंदौर में सर्वाधिक 37 हजार विद्यार्थियों के बैंक खाते अपडेट होना लंबित है। शिवपुरी, मुरैना, जबलपुर, ग्वालियर, सागर, भोपाल,धार, रीवा में अद्यतन पंद्रह हजार से अधिक विद्यार्थियों के बैंक खाते अपडेट किए जाना शेष है। बैंक खाते अपडेट नहीं होंने के कारण बार-बार प्रयास किए जाने के बाद भी छात्रवृत्ति की राशि अंतरित नहीं की जा सकी है।

आगामी सात दिवस में असफल भुगतानवाले शत प्रतिशत विद्यार्थियों के बैंक खाते शिक्षा पोर्टल पर अनिवार्यत: अपडेट संशोधित करने के निर्देश आयुक्त ने दिए है। वहीं समेकित छात्रवृत्ति योजना में वर्ष 22-23 हेतु शिक्षा पोर्टल पर कक्षा एक से बारह तक अध्ययनरत एक करोड़ 40 लाख नामांकित विद्यार्थियों की तुलना में एक करोड़ 39 लाख का प्रोफाइल अपडेट किया गया है। इसमें से पात्र 70 लाख 49 हजार में से 70 लाख 13 हजार विद्यार्थियों को छात्रवृत्ति स्वीकृत की गई है।

सीएम हेल्पलाईन में 987 प्रकरण लंबित
छात्रवृत्ति के 987 प्रकरण सीएम हेल्पलाईन पर लंबित हो गए है। इनमें विदिशा में 72, सिंगरौली में 63,  सागर में 58, पन्ना में 53 प्रकरण लंबित है। टीमगढ़ और राजगढ़ में चालीस से अधिक मामले लंबित है सभी मामलों के तत्काल निराकरण के निर्देश दिए गए है।

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