तेज प्रताप का बड़ा आरोप: राजद में मौजूद ‘जयचंद’ का किया खुलासा, पार्टी दफ्तर की गतिविधियों का भी राजफाश

पटना
तेज प्रताप यादव क्या सोचते हैं और क्या बोलने के पीछे क्या मंशा है- समझना सभी के वश की बात नहीं। कई बार यह दिखा चुके हैं वह। पिछले दिनों नई पार्टी की हवा फैलाने के बाद वह मीडिया को बुलाकर खुद नहीं आए। हसनपुर की जनता को अपने साथ बता महुआ सीट पर घूमने पहुंच गए। इसी सीट पर चुनाव की मंशा भी जाहिर कर दी। जब 25 मई को राष्ट्रीय जनता दल और अपने परिवार के मुखिया लालू प्रसाद यादव ने बड़े बेटे तेज प्रताप यादव को दल-परिवार से बाहर किया था तो उन्होंने पांच जयचंदों को अपने खिलाफ साजिश का सूत्रधार बताया था। छोटे भाई तेजस्वी यादव को भी इनसे होशियार किया था, हालांकि नाम नहीं बताया था। सभी ने अपने-अपने हिसाब से नाम विचारे थे, लेकिन अब तेज प्रताप यादव ने 'राजद के एक जयचंद' का नाम खोला है। इसके साथ ही उनके बाकी बयान भी वायरल हैं, जिनमें वह पार्टी दफ्तर का राजफाश कर रहे हैं। क्या अब भी अंदाजा लगाना संभव है कि तेज प्रताप यादव क्या करेंगे आगे? थोड़ा समझते हैं।
किसे बताया जयचंद और किसका नाम सामने आना बाकी
बिहार सरकार के पूर्व मंत्री और समस्तीपुर की हसनपुर सीट के राष्ट्रीय जनता दल विधायक तेज प्रताप यादव ने 25 मई 2025 को राजद और लालू परिवार से निष्कासन के बाद जब अपनी बात रखी तो बगैर नाम बताए यह कहा था कि राजद में चार-पांच जयचंद हैं। उसके बाद सोशल मीडिया पर उन्होंने तेजस्वी यादव को भी आगाह किया था कि पार्टी के अंदर और बाहर जयचंदों से सावधान रहना है। अब पटना के मनेर से राष्ट्रीय जनता दल के विधायक भाई वीरेंद्र को उन्होंने 'पार्टी का जयचंद' करार दिया है। उन्होंने सवाल उठाया है- "मुझे तो जयचंदों की साजिश के तहत पार्टी से बाहर कर दिया गया, लेकिन क्या राजद अपने भाई वीरेंद्र पर भी कार्रवाई करेगा?" तेज प्रताप ने लिखा है कि बाबा साहेब आंबेडकर के आदर्शों के उलट एससी-एसटी समाज के खिलाफ शर्मनाम टिप्पणी कर जान से मारने की धमकी देने वालों पर भी पार्टी उतनी सख्ती दिखाएगी? तेज प्रताप ने इसके साथ ही पार्टी के शीर्ष नेतृत्व को लिखा है- "संविधान का सम्मान भाषणों में नहीं, आचरण में दिखना चाहिए।" दरअसल, इस पोस्ट में भी तेज प्रताप ने जयचंद का जिक्र किया है, लेकिन घुमाकर। तेज प्रताप छोटे तेजस्वी यादव के आसपास दिखने वाले तीन नेताओं के साथ पर्दे के पीछे रहने वाले दो लोगों को जयचंद मानते हैं, लेकिन अब भी इंतजार है कि वह खुलकर उनके नाम बताएं।
पटना के मनेर विधानसभा सीट से राजद विधायक भाई वीरेंद्र चर्चा में
बिहार विधानसभा चुनाव 2025 से पहले, पिछले हफ्ते मौजूदा विधानसभा का अंतिम सत्र, मानसून सत्र बीता था। विधानमंडल परिसर में एक नेता की गाड़ी की ओर देखकर पटना के मनेर से राजद विधायक भाई वीरेंद्र ने सीधे तौर पर अपशब्द कहे। ऐसे अपशब्द, जिन्हें लिखा नहीं जा सका। उन्होंने भारतीय जनता पार्टी के एक नेता पर बाद में आरोप भी लगाया कि वह उन्हें कुचलने के लिए आ रहा था। हालांकि तब मीडियाकर्मियों से घिरे भाई वीरेंद्र को कुचलने का मतलब कई पत्रकार पहले कुचले जाते। खैर, उसके बाद भाई वीरेंद्र का अब एक ऑडियो वायरल है। इसमें वह एक मृत्यु प्रमाणपत्र में देरी के लिए अपने क्षेत्र के एक पंचायत सचिव को धमका रहे हैं कि वह उन्हें पदनाम बगैर, नाम से क्यों नहीं पहचान रहा है? भाई वीरेंद्र के खिलाफ पंचायत सचिव ने एससी-एसटी की धाराओं में केस कर दिया है, हालांकि इस वायरल ऑडिया में वह जातिसूचक शब्द कहते नहीं सुने जा रहे हैं। अलग से ऐसा कोई वाकया रहा हो तो वह मीडिया के सामने नहीं आया है। भाई वीरेंद्र ने इसपर अपना पक्ष भी रखा है, लेकिन सोशल मीडिया पर फिलहाल राजद विधायक के साथ पंचायत सचिव की भी फजीहत हो रही है। तेज प्रताप यादव ने इसी कांड पर राजद से पूछा है कि भाई वीरेंद्र पर कार्रवाई होगी या नहीं?
तेज प्रताप बोले- राजद दफ्तर में महिलाओं से छेड़खानी भी होती है
राष्ट्रीय जनता दल से निष्कासन के बाद तेज प्रताप यादव ने कई तरह की बातें कही है। कभी वह लालू प्रसाद यादव के प्रति आस्था जताते हुए तेजस्वी यादव को होशियार रहने के लिए चेताते हैं तो कभी इशारों में तेजस्वी यादव को ही अपने मौजूदा संकट का जिम्मेदार बताते हैं। कभी वह खुद का तेजस्वी का कृष्ण, यानी सारथी बताते हैं तो कभी कहते हैं कि वह साथ दे या नहीं, मैं देता रहूंगा। लेकिन, अब तेज प्रताप यादव ने अपनी पुरानी पार्टी को ही कठघरे में लाकर खड़ा कर दिया है। तेज प्रताप यादव का एक वीडियो वायरल है, जिसमें वह बता रहे हैं कि राजद दफ्तर में महिलाएं सुरक्षित नहीं रहती हैं, उनके साथ छेड़खानी की घटनाएं होती रहती हैं।
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