सियासत

लाभार्थियों का साथ और नए लोगों पर फोकस, 2024 के लिए BJP की कैसी तैयारी

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नईदिल्ली

भारतीय जनता पार्टी ने लोकसभा चुनाव 2024 के लिए रोड मैप तैयार कर लिया है। हाल ही में 5 राज्यों में हुए विधानसभा चुनाव ट्रायल रन की तरह थे जो भगवा दल के लिए प्लान के मुताबिक ही गए। पार्टी आलाकमान अब उस रणनीति को आगे बढ़ाने पर काम कर रही है जिससे उसे मध्य प्रदेश, राजस्थान और छत्तीसगढ़ में शानदार सफलता मिली है। माना जा रहा था कि इन तीनों ही राज्यों में कड़ा मुकाबला देखने को मिलेगा मगर ऐसा कुछ नहीं हुआ और बीजेपी ने एकतरफा जीत दर्ज की। आगामी लोकसभा चुनाव से भाजपा की इस जीत ने निश्चित तौर पर पार्टी कार्यकर्ताओं का उत्साह और बढ़ा दिया है। 

जानकारों का कहना है कि बीजेपी ने पहले ही बड़े पैमाने पर काम शुरू कर दिया है। देश भर के मतदाताओं को पार्टी की ओर आकर्षित करने को लेकर कोशिशें शुरू कर दी गई हैं। इस दौरान 800 करोड़ उन लोगों पर फोकस किया जाएगा जो सरकारी योजनाओं के लाभार्थी रहे हैं। पार्टी की ओर से करीब 300 कॉल सेंटर पहले ही स्थापित किए जा चुके हैं, जिनमें से ज्यादातर जिला भाजपा कार्यालयों में हैं। इनका इस्तेमाल मिस्ड कॉल देकर बीजेपी में शामिल होने वाले लगभग 5 मिलियन लोगों से जुड़ने के लिए हो रहा है। इसके जरिए उन लोगों को शॉर्टलिस्ट किया जाएगा जो पार्टी में सक्रिय रूप से योगदान देना चाहते हैं। इसके बाद इन लोगों को सरकारी योजनाओं के लाभार्थियों से जोड़ा जाएगा। 

लाभार्थी सूची में और 7 करोड़ लोगों को जोड़ने का प्लान
बताया जा रहा है कि पार्टी आलाकमान ने लाभार्थी सूची में और 70 मिलियन (7 करोड़) और लोगों को जोड़ने का प्लान बनाया है। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी एक और लाभार्थी आउटरीच कैंपेन चलाने वाले हैं जिसकी शुरुआत दिसंबर के अंत या जनवरी की शुरुआत में होगी। साथ ही आम चुनाव के शुरू होने से पहले इसे समाप्त करने का टारगेट भी रखा गया है। इस ऑपरेशन के समन्वय की जिम्मेदारी केंद्रीय मंत्री भूपेंद्र यादव और भाजपा महासचिव सुनील बंसल पर होगी। यह आंकड़ा भी दिलचस्प है कि 2019 के लोकसभा चुनाव में बीजेपी को 220 मिलियन वोट मिले थे। अब राष्ट्रीय अध्यक्ष जेपी नड्डा ने अगले साल के लिए 350 मिलियन का टारगेट रखा है जो कि 5 साल पहले की तुलना में लगभग 60% अधिक है।

पार्टी कार्यकर्ताओं की सक्रियता और मोबाइल ऐप्स
भाजपा आलाकमान का पार्टी कार्यकर्ताओं और कल्याणकारी योजनाओं के लाभार्थियों पर फोकस रहा है। इससे बीजेपी ने उन तीन राज्यों में खेल बदल दिया जहां उसे कांग्रेस से टक्कर मिलने की उम्मीद थी। अब देश भर में जीत के इस फॉर्मूले का विस्तार किया जाएगा। विधानसभा चुनावों से करीब 4 महीने पहले केंद्रीय मंत्री अमित शाह ने राज्य नेतृत्व और संचार टीमों को एक और सौंपा था। इसके तहत छूटे हुए कार्यकर्ताओं को पार्टी से जोड़ने का लक्ष्य रखा गया। साथ ही बीजेपी ने तीन राज्यों के लिए अलग-अलग मोबाइल ऐप बनाए। संगठन (एमपी), विजय संकल्प (राजस्थान) और संगठन शक्ति (छत्तीसगढ़)। इसके अलावा, राष्ट्रीय स्तर पर भाजपा सदस्यता और बूथ स्तर पर कनेक्टिविटी के लिए सरल ऐप बनी है। राज्य-स्तरीय ये ऐप्स स्थानीय जानकारियों के साथ सरल का ही विस्तार थे। इस तरह डिजिटल तरीके से भी जनता से जुड़े रहने की प्लानिंग है।

 

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