पटना
बिहार में जहरीली शराब पीने से लोगों की मौत हो रही है. राज्य में शराबबंदी पर जमकर सियासत भी हो रही है. नेता सियासी बयानबाजी कर रहे हैं. इस बीत नेता प्रतिपक्ष तेजस्वी यादव ने नीतीश कुमार पर निशाना साधा है. उन्होंने सोशल मीडिया अकाउंट एक्स पर पोस्ट लिखा और सीएम नीतीश कुमार से 12 सवाल पूछे. तेजस्वी ने अपनी पोस्ट में लिखा कि शराबबंदी नीतीश कुमार के संस्थागत भ्रष्टाचार का एक छोटा सा नमूना है. अगर शराबबंदी हुई है तो इसे पूर्ण रूप से लागू करना सरकार का दायित्व है, लेकिन मुख्यमंत्री की वैचारिक और नीतिगत अस्पष्टता, कमजोर इच्छाशक्ति और जनप्रतिनिधियों की बजाय चुनिंदा अधिकारियों पर निर्भरता के कारण आज बिहार में शराबबंदी सुपरफ्लॉप है. सत्ताधारी नेताओं-पुलिस और शराब माफिया के नापाक गठजोड़ के कारण बिहार में 30 हजार करोड़ से अधिक अवैध शराब का काला बाजार फला-फूला है.
अगर शराबबंदी के बावजूद बिहार में 3 करोड़ 46 लाख लीटर शराब की कागजों में बरामदगी दिखायी जा रही है (एक ईमानदार वरीय पुलिस अधिकारी के अनुसार इसमें भी घपला है, क्योंकि अवैध शराब की तस्करी के लिए पुलिस अधिकारी शराब पकड़ने/पकड़वाने का ढोंग रचते है. जैसे की 20 ट्रक शराब के बिहार में घुसाने पर एक टूटा-फूटा ट्रक पकड़वाते है उसमें भी शराब की बजाय कुछ और द्रव्य पदार्थ होता है).
तेजस्वी यादव ने आगे लिखा कि अगर मुख्यमंत्री नीतीश कुमार जी होशमंद है तो इन सवालों का जवाब दें.
1. अगर प्रतिवर्ष इतनी बड़ी मात्रा में शराब बरामद हो रही तो उसके दोषी कौन?
2. सरकारी गुलाबी फ़ाइलों के अनुसार अवैध शराब से मरने वालों की संख्या 300 से अधिक है लेकिन हक़ीक़त इससे विपरीत है, अब तक हजारों लोगों की अवैध शराब के कारण मौत नहीं बल्कि हत्या हुई है. इनका हत्यारा कौन और दोषी कौन? दोषियों पर क्या कारवाई हुई?
3. क्या अब तक आज तक किसी बड़े पुलिस अधिकारी/पुलिस अधीक्षक पर कभी कोई कारवाई हुई?
4. अगर पटना में शराब मिलती है तो उसका मतलब है 5-6 जिला पार कर यहां तक शराब पहुंची है, तो फिर यह उन सभी 5-6 जिलों की पुलिस की नाकामी है या नहीं?
5. जानकारों के मुताबिक़ शराब माफिया मुख्यमंत्री से रिटायर्ड अधिकारी के मार्फ़त सीमावर्ती जिलों के पुलिस अधीक्षकों के पदस्थापन में खुली बोली के अंतर्गत पोस्टिंग करवाता है अर्थात् किस जिला में कौन अधिकारी जाएगा इसका चयन भी शराब माफिया ही करता है. क्या यह आरोप सही नहीं है?
6. क्या यह सही नहीं है कि बिहार में शराबबंदी के बाद से अगस्त 2024 तक मद्यनिषेध विभाग की ओर से निषेध कानूनों के उल्लंघन से संबंधित कुल 8.43
लाख मामले दर्ज किए गए हैं, जिनमें कुल 12.7 लाख लोगों को अब तक गिरफ्तार किया गया है.
7. मुख्यमंत्री बतायें कि गिरफ़्तार लोगों में अधिकांश गरीब व वंचित वर्गों से ही क्यों है?
8. अब तक DSP या उससे ऊपर के स्तर के कितने अधिकारियों को सजा मिली? कितने बर्खास्त हुए?
9. प्रतिदिन पुलिस और उत्पाद विभाग की ओर से करीब 6600 छापेमारी होती है उसके बावजूद भी शराब की अवैध तस्करी जारी है तो इसका दोषी कौन?
10. क्या गृहमंत्री सह मुख्यमंत्री इसकी ज़िम्मेवारी लेंगे?
11. क्या यह संयोग है अथवा प्रयोग कि शराबबंदी में अधिकांश जदयू के नेता/कार्यकर्ता पकड़ाए जा रहे है?
12. मुख्यमंत्री बतायें कि बिहार के हर चौक-चौराहों पर शराब के ठेके किसने खुलवाये?
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