नई दिल्ली
देश में गूगल पे, फोन पे और पेटीएम को छोड़ दिया जाए, तो देश में किसी को शायद ही मालूम हो कि Super Money ऐप क्या है? साथ ही इसकी टॉप 5 यूपीआई ऐप में रैकिंग क्या है? यह किसी को मालूम नहीं होगा। साथ ही कुछ लोगों को शायद Super Money ऐप के बारे में भी मालूम नहीं होगा। हालांकि सुपर मनी ऐप ने हाल ही में टॉप-5 यूपीआई पेमेंट ऐप में जगह बनाई है, जिसने इसे चर्चा में ला दिया है। अब सवाल उठता है कि आखिर सुपर मनी ऐप क्या है? तो बता दें कि सुपर मनी ऐप फ्लिपकार्ट ग्रुप की पेमेंट ऐप है। यह कुछ दिनों पहले ही टॉप-5 यूपीआई पेमेंट की लिस्ट में शामिल हुई है।
Cred छूट गया पीछे
Super Money ऐप ने Cred को पीछे छोड़ दिया है। कुणाल शाह की लीडरशिप वाली क्रेड छठवें पायदान पर पहुंच गई है। ऐसा दावा नेशनल पेमेंट्स कॉरपोरेशन ऑफ इंडिया यानी NPCI के आंकड़े से हुआ है। रिपोर्ट की मानें, तो मार्च UPI के लिए एक शानदार माह रहा है। यह पहला मौका रहा है, जब पेमेंट का आंकड़ा 1 लाख करोड़ रुपये को पार कर गया। बता दें कि 1 मार्च को UPI को 1,01,628 करोड़ रुपये के लेनदेन दर्ज किये गये हैं।
UPI की स्थिति में बदलाव
इससे पहले नवंबर में सचिन बंसल की फिनटेक और क्रेडिट प्लेटफॉर्म Navi ने Cred को पीछे छोड़कर देश का टॉप 4 UPI ऐप बन गया था। वही फरवरी तक दिग्गज UPI प्लेटफॉर्म और यूपीआई मार्केट लीडर Phonepe के पेमेंट में माह दर माह मामूवी गिरावट दर्ज की गई है। हालांकि नवी और सुपर मनी में ग्रोथ दर्ज की गई है।
किसका कितना मार्केट शेयर
क्रेडिट कार्ड बिल भुगतान ऐप क्रेड लगभग एक साल से 130 मिलियन लेनदेन करके मार्केट में टॉप-5 यूपीआई पेमेंट ऐप बनी हुई है। हालांकि सच यह भी है कि Navi, Super Money और Cred का मार्केट शेयर काफी कम है। अगर फोनपे, गगूल पे और पेटीएम के मुकाबले की बात करें, तो Cred Super money और Navi के लेनदेन का आंकड़ा काफी कम है। यह तीनों UPI यूपीआई पेमेंट में काफी योगदान देते हैं। जनवरी में Navi का मार्केट शेयर 1.5 फीसद था। वही सुपर मनी का मार्केट शेयर 0.9 फीसद था, जबकि 0.7 फीसद के साथ Cred का नंबर आता है।
NPCI की कैपिंग योजना
गूगल की UPI ऐप गूगल पे का मार्केट शेयर करीब 36 फीसद है। फोनपे भी करीब 35 से 37 फीसद मार्केट शेयर कवर करता है, जबकि पेटीएम का मौजूदा मार्केट शेयर करीब 6.7 फीसद है। NPCI ने 2024 के अंत तक यूपीआई मार्केट में किसी एक कंपनी की मनमानी रोकने के लिए कैप नियम की योजना बनाई थी, जिसे फिलहाल अभी तक लागू नहीं किया जा सका है। इस योजना के तहत किसी भी एक UPI ऐप मार्केट में 30 फीसद से ज्यादा की हिस्सेदारी को रोकता है। फोनपे और गूगल पे मिलकर UPI लेनदेन का 84 फीसद हिस्सा कवर किया है।
पार किया 90 हजार करोड़ रुपये का आंकड़ा
पिछले साल के अंत से UPI ने कई बार डेली लेनदेन मूल्य में 90,000 करोड़ रुपये को पार किया है, जो 1 फरवरी को यह ऐतिहासिक आंकड़े के करीब पहुंचा, जब इसने 99,835 करोड़ रुपये का मूल्य दर्ज किया।
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