नई दिल्ली
सुप्रीम कोर्ट (Supreme Court) ने करोड़ों रुपये के चारा घोटाला मामले में राष्ट्रीय जनता दल (राजद) अध्यक्ष लालू प्रसाद को जमानत देने के झारखंड हाई कोर्ट के दो आदेशों को चुनौती देने वाली सीबीआई की याचिकाओं पर विचार करने के लिये सोमवार को सहमति व्यक्त की। न्यायमूर्ति एल. नागेश्वर राव और न्यायमूर्ति बी. आर. गवई की पीठ ने उच्च न्यायालय के 17 अप्रैल, 2021 और नौ अक्टूबर, 2020 के आदेशों को चुनौती देने वाली याचिकाओं पर प्रसाद को नोटिस जारी किया। सीबीआई की तरफ से अतिरिक्त सॉलिसिटर जनरल एस. वी. राजू न्यायालय में पेश हुए।
लालू यादव को सजा की अवधि आधी पूरी होने पर मिली थी जमानत
झारखंड हाईकोर्ट ने 17 अप्रैल, 2021 को चारा घोटाले से जुड़े दुमका कोषागार मामले में प्रसाद को सजा की आधी अवधि पूरी होने पर जमानत दे दी थी। इससे जेल से उनकी रिहाई का मार्ग प्रशस्त हुआ था। शीर्ष अदालत ने 9 अक्टूबर, 2020 को चारा घोटाला मामले में चाईबासा कोषागार से धन की अवैध निकासी से जुड़े एक मामले में भी प्रसाद को जमानत दे दी थी।
दुमका मामले में 24 मार्च, 2018 को प्रसाद को 14 साल की जेल की सजा सुनाते हुए रांची की विशेष सीबीआई अदालत ने भारतीय दंड संहिता की धाराओं और भ्रष्टाचार अधिनियम के तहत क्रमश: 60 लाख रुपये व 30 लाख रुपये का जुर्माना भी लगाया था। यह मामला 1990 के दशक की शुरुआत में दुमका कोषागार से धोखाधड़ी से 3.13 करोड़ रुपये निकालने से जुड़ा है।
आपको बता दें कि सुप्रीम कोर्ट के जस्टिस एल नागेश्वर राव की अगुवाई वाली बेंच ने सीबीआई की अर्जी पर लालू यादव को नोटिस जारी कर जवाब दाखिल करने को कहा है। झारखंड हाई कोर्ट ने 17 अप्रैल 2021 और 9 अक्टूबर 2020 को लालू यादव को अलग-अलग मामले में जमानत दी थी। अब सीबीआई ने जमानत दिए जाने के फैसले को सुप्रीम कोर्ट में चुनौती दी है। सुप्रीम कोर्ट ने मामले में सुनवाई का फैसला किया है और लालू यादव को नोटिस जारी किया है।
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