बिहार

राजस्व एवं भूमि सुधार विभाग ने पहली बार जारी की डीएम की रैंकिंग, 38 जिलों की रैंकिंग 31वें स्थान पर पटना

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पटना
बिहार सरकार के राजस्व एवं भूमि सुधार विभाग ने जमीन से जुड़े मामलों में पहली बार डीएम के कामकाज की समीक्षा की। सितंबर की समीक्षा में सभी मानकों पर बांका के डीएम को पहला स्थान मिला। पटना के डीएम 38 जिलों में 31वें नम्बर पर रहे।

पटना उन पांच जिलों में शामिल है, जिसके डीएम सूची में अंतिम पांचवें नम्बर पर हैं। बाटम के पांच जिलों को सौ में 30 प्रतिशत से भी कम अंक मिले हैं। विभाग के सचिव जय सिंह ने कहा कि सितंबर से शुरुआत हो गई है और अब हर एक महीने डीएम के कामकाज की समीक्षा होगी। उस आधार पर उनकी रैंकिंग तय की जाएगी। डीएम के वार्षिक कार्य मूल्यांकन प्रतिवेदन में भी रैंकिंग में हासिल अंकों को जोड़ा जाएगा।

जय सिंह ने उम्मीद जाहिर की कि सभी डीएम अब राजस्व संबंधित कार्यों में अधिक अभिरुचि लेंगे और तीव्र निष्पादन सुनिश्चित कराएंगे। उन्होंने कहा कि राजस्व एवं भूमि सुधार विभाग में पिछले चार वर्षों से कामकाज की समीक्षा और उस आधार पर रैंकिंग सिस्टम लागू है। डीएम से पहले सीओ, डीसीएलआर और एडीएम की मासिक रैंकिंग होती थी। विशेष भूमि सर्वेक्षण के दौरान आई परेशानियों को देखते हुए सरकार ने डीएम को भी इसमें शामिल करने का निर्णय किया।

उन्होंने बताया कि डीएम को राजस्व एवं भूमि सुधार विभाग के कामकाज में न सिर्फ दखल देने का अधिकार है, बल्कि वे इस विभाग के अधिकारियों-कर्मचारियों के विरूद्ध अनुशासनिक कार्रवाई की अनुशंसा भी कर सकते हैं। उन्हें हरके काम की समीक्षा करने और सुधार के लिए निर्देश देने का अधिकार है।

उन्होंने आगे बताया कि विभाग ने समीक्षा के दौरान अधिकारियों की उपलब्धियों के आकलन के लिए मानदंड तय किया है, उसमें आठ कार्य शामिल हैं। हरेक के लिए अलग-अलग अंक निर्धारित हैं। ये सब कुल सौ अंक के हैं।

उन्होंने कहा कि बांका ऐसा जिला है, जिसके सीओ, डीसीएलआर और एडीएम को पहले भी कई बार पहला स्थान मिला है। डीएम की पहली बार हुई रैंकिंग में भी बांका एक नम्बर पर आया। इससे पहले सीओ के कामकाज की मासिक समीक्षा में पटना के अंचलों की हालत खराब बताई गई थी। इसके आधे दर्जन से अधिक सीओ बाटम में थे।

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