देश

हिमाचल में रिकॉर्ड बारिश! 76 साल का टूटा रिकॉर्ड, 3056 करोड़ की संपत्ति नष्ट

शिमला 

हिमाचल प्रदेश में इस साल अगस्त की बारिश ने 76 साल के रिकॉर्ड तोड़ डाला हैं। अगस्त में सामान्य से 68 प्रतिशत ज्यादा बादल बरसे हैं। 1949 से आज तक अगस्त में कभी भी इतनी बारिश नहीं हुई। एक से 31 अगस्त के बीच 256.8 मिलीमीटर सामान्य बारिश होती है.

मौसम विभाग के अनुसार, 1948 में 456.5 मिलीमीटर रिकॉर्ड बारिश थी। 1949 के बाद कभी भी इतनी भारी बारिश नहीं हुई। बीते 15 सालों में रिकॉर्ड बारिश 2019 में नॉर्मल से 23 प्रतिशत ज्यादा थी। अगस्त में आज तक की रिकॉर्ड बारिश 98 साल पहले यानी 1927 में 542.4 मिलीमीटर है।

कुल्लू जिला में तो सामान्य से 165 प्रतिशत अधिक यानी डबल से भी 65 प्रतिशत ज्यादा बारिश हुई है। कुल्लू में अगस्त में 180.2 मिलीमीटर सामान्य बारिश होती है, इस बार 477.5 मिलीमीटर बादल बरसे हैं।

कुल्लू के बाद शिमला जिला में भी सामान्य से 123% ज्यादा बादल बरसे हैं। शिमला में इस अवधि में 196.4 मिलीमीटर सामान्य बारिश होती है, लेकिन इस बार 438 मिलीमीटर बारिश हुई है। ऊना जिला में सामान्य से 119% ज्यादा और सोलन में सामान्य से 118% ज्यादा बारिश हुई।

4 जिलों में डबल से भी ज्यादा बारिश

प्रदेश में 4 जिले ऐसे हैं, जहां डबल से भी ज्यादा बारिश रिकॉर्ड की गई। यही भारी बारिश तबाही का बड़ा कारण है। मानसून सीजन यानी 1 जून से 31 अगस्त तक भी सामान्य से 35 प्रतिशत अधिक बारिश हो चुकी है। इस अवधि में प्रदेश में औसत सामान्य बारिश 613.8 मिलीमीटर होती है, लेकिन इस बार 826.8 मिलीमीटर बादल बरस चुके हैं।

इस साल अगस्त में ऊना जिला 2 अगस्त को सर्वाधिक 222.8 मिलीमीटर बारिश हुई है।

3056 करोड़ की संपत्ति नष्ट, 844 घर जमीदोंज

प्रदेश में इससे 3056 करोड़ रुपए की सरकारी व प्राइवेट प्रॉपर्टी नष्ट हो चुकी है। मानसून सीजन में 320 लोगों की मौत, 844 घर पूरी तरह जमींदोज, 3254 घरों को आंशिक नुकसान, 472 दुकानें और 3710 घर टूट चुके हैं।

बादल फटने की 45 घटनाओं से तबाही

प्रदेश में इस सीजन में लैंडस्लाइड की 95 बड़ी घटनाओं, बाढ़ की 91 और बादल फटने की 45 घटनाओं से बड़े पैमाने पर जान व माल का नुकसान हुआ है। इससे न केवल हिमाचल बल्कि पड़ोसी राज्य पंजाब पर भी असर पड़ा है। पंजाब के कई इलाके इससे जलमग्न हो गए और भारी नुकसान हुआ।

हिमाचल के सीएम सुखविंदर सुक्खू ने कहा कि इस मानसून सीजन में जानी नुकसान कम हुआ है। मगर संपत्ति को साल 2023 की आपदा से भी ज्यादा का नुकसान हो चुका है।

admin
the authoradmin