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राहुल द्रविड़ का दनदनाता बयान, सूर्यकुमार यादव खुद स्वीकार करेंगे कि वनडे क्रिकेट में…

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 नई दिल्ली
टीम इंडिया के हेड कोच राहुल द्रविड़ ने भारतीय बल्लेबाज सूर्यकुमार यादव को लेकर बयान दिया है। द्रविड़ का कहना है कि सूर्या खुद भी इस बात को स्वीकार करेंगे कि उनके वनडे क्रिकेट के आंकड़े उतने अच्छे नहीं हैं, जितने टी20 क्रिकेट में हैं। हालांकि, खराब प्रदर्शन के बावजूद टीम उन्हें मौके देना चाहती है, क्योंकि राहुल द्रविड़ मानते हैं कि वह दमदार खिलाड़ी हैं, जो वनडे क्रिकेट को समझ रहे हैं। हालांकि, इस बीच एक सवाल है कि वर्ल्ड कप 2023 से ठीक पहले इस तरह के फैसले लेना कोई बुद्धिमानी का काम नहीं होगा।

राहुल द्रविड़ ने मैच के बाद प्रेस कॉन्फ्रेंस में कहा, "देखिए, मुझे लगता है कि सूर्या वास्तव में एक अच्छा खिलाड़ी है। इसमें कोई संदेह नहीं है। उसके प्रदर्शन से पता चलता है, विशेष रूप से टी 20 क्रिकेट में, और यहां तक कि घरेलू क्रिकेट में, सफेद बॉल क्रिकेट में, उसने कुछ बहुत अच्छे प्रदर्शन किए हैं। दुर्भाग्य से, मैं सोचता हूं और यहां तक कि वह यह स्वीकार करने वाले पहले व्यक्ति होंगे कि उनके वनडे आंकड़े शायद उनके अपने उच्च मानकों या टी20 में उनके द्वारा निर्धारित मानकों के अनुरूप नहीं हैं, लेकिन वह शायद एकदिवसीय क्रिकेट के बारे में सीख रहे हैं।"

द्रविड़ ने आगे कहा, "उन्होंने आईपीएल के माध्यम से बहुत सारी टी20 क्रिकेट खेली है और भारत के लिए पदार्पण करने से पहले उन्होंने बहुत सारी प्रतिस्पर्धी टी20 क्रिकेट खेली है, लेकिन एकदिवसीय क्रिकेट के संदर्भ में, उन्होंने शायद उतनी प्रतिस्पर्धी क्रिकेट नहीं खेली है, क्योंकि एकदिवसीय आईपीएल नहीं होता है। ऐसे में मुझे लगता है कि वह अपने खेल के बारे में भी सीख रहा है और सीखता जा रहा है कि बीच के ओवरों में कैसे बल्लेबाजी करनी है। वह एक टैलेंट खिलाड़ी हैं और वह वास्तव में एक अच्छे खिलाड़ी हैं। इसलिए हम उन्हें जितना संभव हो उतने अवसर देना चाहते हैं।"
 
पूर्व भारतीय कप्तान का कहना है, "हम उन अवसरों का लाभ उठाना और उन अवसरों का उपयोग करना उन पर निर्भर है, लेकिन हां, हम जिस तरह की व्यवस्था में हैं, हम लोगों को यथासंभव उतने मौके देना पसंद करते हैं। मैं इतनी चिंता नहीं करूंगा।" सूर्या इस समय टी20 इंटरनेशनल क्रिकेट में नंबर वन क्रिकेटर हैं, लेकिन वनडे इंटरनेशनल क्रिकेट में उनका रिकॉर्ड उतना अच्छी नहीं है। एक दर्जन से ज्यादा मैचों में वे अर्धशतक तक नहीं जड़ सके हैं। यहां तक कि वे ऑस्ट्रेलिया के खिलाफ घरेलू सरजमीं पर खेली गई तीन मैचों की वनडे सीरीज में खाता तक नहीं खोल सके थे।  

 

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