बिहार

सदर अस्पताल में मरीजों को करना पड़ता है लंबा इंतजार

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खगड़िया

खगड़िया सदर अस्पताल जिले का सबसे बड़ा अस्पताल होने के बावजूद अव्यवस्था का शिकार है। ओपीडी में डॉक्टरों की अनुपस्थिति से मरीजों को भारी परेशानी का सामना करना पड़ रहा है। सोमवार को भी यही स्थिति बनी रही ओपीडी के बाहर मरीजों की भीड़ जमा रही, लेकिन डॉक्टर नदारद थे। अव्यवस्था के बीच सुरक्षा गार्डों को मरीजों को धक्का देते देखा गया, जिससे स्थिति और बिगड़ गई।

घंटों इंतजार के बाद भी नहीं मिला इलाज
बछौता के 52 वर्षीय वृद्ध मरीज ने बताया कि वह करीब एक घंटे से डॉक्टर के इंतजार में खड़े हैं, लेकिन डॉक्टर बाहर घूमने चले गए हैं। रांको से आई एक महिला ने कहा कि ओपीडी के बाहर इतनी भीड़ है कि महिलाओं को आगे बढ़ने में भी दिक्कत हो रही है।

सुबह 8 बजे शुरू होती है ओपीडी, लेकिन डॉक्टर आते हैं देरी से
सदर अस्पताल में इमरजेंसी सेवा 24 घंटे उपलब्ध रहती है, जबकि ओपीडी सेवा सुबह 8 बजे से दोपहर 2 बजे तक संचालित होती है। हालांकि, मरीजों का कहना है कि डॉक्टर अक्सर 10 बजे के बाद ही ओपीडी में पहुंचते हैं, जिससे मरीजों को लंबा इंतजार करना पड़ता है। इसके बावजूद अस्पताल प्रशासन लापरवाह डॉक्टरों के खिलाफ कोई ठोस कदम नहीं उठा रहा है।

बैठने की व्यवस्था भी नाकाफी
रोजाना 700 से 800 मरीज इलाज के लिए अस्पताल पहुंचते हैं, लेकिन बैठने की पर्याप्त व्यवस्था नहीं होने के कारण उन्हें फर्श पर बैठने को मजबूर होना पड़ता है। अस्पताल प्रबंधन का कहना है कि मरीजों को कतार में लगाने के लिए सुरक्षा गार्डों को तैनात किया गया है, और यदि वे अपनी जिम्मेदारी ठीक से नहीं निभा रहे हैं तो उनके खिलाफ कार्रवाई होगी। वहीं, ओपीडी में डॉक्टरों की देरी पर अस्पताल प्रबंधन ने इसे सिविल सर्जन के अधिकार क्षेत्र का मामला बताया। सदर अस्पताल में व्याप्त अव्यवस्था मरीजों के लिए गंभीर समस्या बनती जा रही है। अगर प्रशासन जल्द कोई ठोस कदम नहीं उठाता है, तो मरीजों की परेशानी और बढ़ सकती है।

 

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