नई दिल्ली
प्रधानमंत्री कार्यालय (पीएमओ) ने बुधवार को कहा कि पोषण ट्रैकर और डायरेक्ट बेनिफिट ट्रांसफर (डीबीटी) जैसी पहलों ने देश में महिलाओं और बच्चों के कल्याण में बड़ा बदलाव लाया है। सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म 'एक्स' पर साझा की गई एक पोस्ट में पीएमओ ने कहा कि ये योजनाएं देश भर में वास्तविक समय में प्रभावशाली बदलाव ला रही हैं। पीएमओ ने यह बात एक मीडिया लेख साझा करते हुए कही, जिसमें बताया गया है कि किस तरह सरकार ने महिलाओं और बच्चों के कल्याण में बदलाव लाने के लिए टेक्नोलॉजी का लाभ उठाया है।
पीएमओ ने एक्स पर कहा, "केंद्रीय महिला एवं बाल विकास मंत्री अन्नपूर्णा देवी के लेख में पोषण ट्रैकर, एक समर्पित शिकायत निवारण मॉड्यूल और डायरेक्ट बेनिफिट ट्रांसफर जैसी पहलों के बारे में बात की गई है, जो पूरे देश में वास्तविक समय में, प्रभावशाली बदलाव ला रही हैं।"
एक्स पर केंद्रीय मंत्री अन्नपूर्णा देवी ने कहा, "पोषण और शिक्षा से लेकर न्याय और सम्मान से सच्चे सशक्तिकरण तक, टेक्नोलॉजी महिलाओं और बाल कल्याण में परिवर्तनकारी बदलाव में अहम भूमिका निभा रही है।"
लेख में केंद्रीय मंत्री ने कहा कि यह सुनिश्चित करने के लिए कि लाभ तेजी से अंतिम मील तक पारदर्शी और कुशलता से पहुँचें, महिला और बाल विकास मंत्रालय ने अपने कार्यक्रमों में टेक्नोलॉजी को शामिल किया है।
इसका एक प्रमुख उदाहरण मंत्रालय की पोषण ट्रैकर पहल है और इसका उद्देश्य स्वस्थ भारत, सुपोषित भारत के राष्ट्रीय दृष्टिकोण को आगे बढ़ाना है।
इस पहल के तहत, आंगनवाड़ी केंद्र शहरी-ग्रामीण विभाजन को पाटने वाले डिजिटल रूप से सशक्त सामुदायिक केंद्रों के रूप में कार्य करते हैं।
प्राइम मिनिस्टर अवॉर्ड फॉर एक्सीलेंस इन पब्लिक एडमिनिस्ट्रेशन (2025) से सम्मानित, यह आंगनवाड़ी कार्यकर्ताओं को बचपन की शिक्षा के लिए डिजिटल प्रशिक्षण मॉड्यूल भी प्रदान करता है।
केंद्रीय मंत्री ने आगे लिखा, "पोषण ट्रैकर वास्तविक समय के डैशबोर्ड, जियो-टैग किए गए आंगनवाड़ी केंद्रों और टेक होम राशन वितरण के लिए चेहरे की पहचान के साथ पोषण निगरानी को बदल रहा है और पूरे भारत में पारदर्शिता और दक्षता सुनिश्चित कर रहा है।"
इसके अलावा, सक्षम आंगनवाड़ी पहल के तहत, देश भर में 14 लाख आंगनवाड़ी केंद्रों को पोषण ट्रैकर के साथ एकीकृत किया गया है।
केंद्रीय मंत्री ने कहा कि गर्भवती महिलाओं, स्तनपान कराने वाली माताओं, छह साल से कम उम्र के बच्चों और किशोरियों सहित 10.14 करोड़ से अधिक लाभार्थी अब पोषण ट्रैकर पर पंजीकृत हैं, जिससे अंतिम छोर तक डिलीवरी सुनिश्चित हो रही है।
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