नई दिल्ली
वित्त मंत्रालय ने शुक्रवार को घोषणा की कि नेशनल पेंशन सिस्टम (एनपीएस) के तहत मिलने वाले कर लाभ आवश्यक परिवर्तनों के साथ यूनीफाइड पेंशन स्कीम (यूपीएस) पर भी लागू होंगे, क्योंकि यूपीएस, एनपीएस के तहत एक विकल्प के रूप में लाया गया है। वित्त मंत्रालय के बयान के अनुसार, इस उपाय का उद्देश्य यूपीएस को गति प्रदान करना है। ये प्रावधान मौजूदा एनपीएस फ्रेमवर्क के साथ समानता सुनिश्चित करते हैं और यूपीएस का विकल्प चुनने वाले कर्मचारियों को पर्याप्त कर राहत और प्रोत्साहन प्रदान करते हैं। वित्त मंत्रालय ने कहा कि यूपीएस को टैक्स फ्रेमवर्क के तहत शामिल करना पारदर्शी, लचीले और कर-कुशल विकल्पों के माध्यम से केंद्र सरकार के कर्मचारियों के लिए रिटायरमेंट सुरक्षा को मजबूत करने के प्रयासों में एक महत्वपूर्ण कदम है। वित्त मंत्रालय ने 1 अप्रैल, 2025 से केंद्र सरकार की सिविल सेवा में भर्ती होने वाले लोगों के लिए एनपीएस के तहत एक विकल्प के रूप में यूपीएस की शुरूआत को अधिसूचित किया था, जिससे एनपीएस के तहत आने वाले केंद्र सरकार के कर्मचारियों को यूपीएस के तहत शामिल होने का वन-टाइम ऑप्शन मिल गया।
इस फ्रेमवर्क को क्रियान्वित करने के लिए, पेंशन फंड नियामक और विकास प्राधिकरण (पीएफआरडीए) ने 19 मार्च 2025 को पीएफआरडीए (एनपीएस के तहत यूपीएस का संचालन) विनियम, 2025 को अधिसूचित किया।
ये विनियम केंद्र सरकार के कर्मचारियों की तीन श्रेणियों के नामांकन को सक्षम करते हैं।
पहली श्रेणी में 1 अप्रैल 2025 तक सेवा में मौजूदा केंद्र सरकार के कर्मचारी शामिल हैं, जो एनपीएस के तहत आते हैं। दूसरी श्रेणी में केंद्र सरकार की सेवाओं में नए भर्ती हुए लोग शामिल हैं, जो 1 अप्रैल 2025 को या उसके बाद सेवा में शामिल होते हैं। तीसरी श्रेणी में केंद्र सरकार के कर्मचारी शामिल हैं, जो एनपीएस के तहत आते थे और जो 31 मार्च 2025 को या उससे पहले सेवानिवृत्त हो चुके हैं या स्वैच्छिक रूप से सेवानिवृत्त हो चुके हैं या मौलिक नियम 56 (जे) के तहत सेवानिवृत्त हुए हैं और यूपीएस के लिए पात्र हैं या ऐसे ग्राहक के मामले में कानूनी रूप से विवाहित पति या पत्नी जो सेवानिवृत्त हो चुके हैं और यूपीएस के विकल्प का प्रयोग करने से पहले उनकी मृत्यु हो गई है।
वित्त मंत्रालय ने 30 मई को यह भी घोषणा की थी कि केंद्र सरकार के एनपीएस सब्सक्राइबर्स जो 31 मार्च, 2025 को या उससे पहले न्यूनतम 10 साल की क्वालिफाइंग सर्विस के साथ रिटायर हुए हैं, या उनके कानूनी रूप से विवाहित पति या पत्नी अब पहले से दावा किए गए एनपीएस लाभों के अलावा यूपीएस के तहत अतिरिक्त लाभों का दावा कर सकते हैं।
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