मध्य प्रदेश

अब Special audit से वित्त विभाग सरकारी धन के बंदरबांट पर लगाम कसेगा

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भोपाल
 प्रदेश में सरकारी योजनाओं पर किए जाने वाले खर्च की परंपरागत ऑडिट से हटकर अब वित्त विभाग द्वारा विशिष्ट ऑडिट किया जाएगा। इसके माध्यम से सरकारी धन के गबन और बंदरबांट पर लगाम कसने का काम सरकार करेगी। अभी जिस डीडीओ का ऑडिट किया जाता है वह सामान्य परम्परागत ऑडिट होता है। इसमें विभाग के सभी क्षेत्रों को शामिल करते हुए सामान्य ऑडिट किया जाता है।

समय सीमा बंधन के चलते डिटेल ऑडिट नहीं हो पाता है। इसलिए अब वित्त विभाग सात तरह के पैरामीटर पर ऑडिट कराने का काम करेगा जो परफार्मेंस ऑडिट , स्पेशल ऑडिट , पार्शियल ऑडिट , आउटकम ऑडिट , आईटी और सायबर ऑडिट, जेंडर बजट ऑडिट और चाइल्ड बजट ऑडिट की कैटेगरी में होंगे। यह ऑडिट आयुक्त कोष और लेखा तथा संचालक स्थानीय निधि संपरीक्षा के द्वारा की जाएगी। जिन अधिकारियों को ऑडिट के लिए तैनात किया जाएगा उन्हें ऑडिट प्रकोष्ठ में पदस्थ किए जाने के तत्काल बाद ऑडिट के लिए नहीं भेजा जाएगा बल्कि इन्हें कम से कम एक माह का प्रशिक्षण अलग-अलग मसलों पर दिया जाएगा।

इसमें उन्हें जिस कार्यालय का ऑडिट करना है, उसके बजट, प्रशासनिक प्रतिवेदन, विभागीय मैन्युअल, विभागीय संहिताओं को अध्ययन कराने के साथ ऑडिट रिपोर्ट जारी करने के तरीके, विभागीय योजनाओं के प्रशिक्षण, ऑडिट कंडिकाओं के निराकरण का प्रशिक्षण समेत अन्य जानकारी दी जाएगी। इसमें रिपोर्ट ऑनलाइन तैयार करने,कंडिकाओं के निराकरण और अन्य व्यवहारिक जानकारी देना भी शामिल होगा। इन्हें साल भर में कम से कम एक बार प्रशासन अकादमी में दो सप्ताह की अलग से टेÑनिंग दी जाएगी।
इनका होगा परफार्मेंस आडिट

परफार्मेंस आडिट की कैटेगरी में सामाजिक न्याय विभाग की मुख्यमंत्री कन्यादान योजना, वन विभाग की बिगड़े वनों के सुधार की योजना और ऊर्जा विभाग की सब्सिडी योजनाओं का आडिट शामिल रहेगा। इसी तरह किसी अन्य विशेष योजना का आडिट किया जा सकेगा।
स्पेशल ऑडिट

किसी कार्यालय विशेष की विशिष्ट अवधि का स्पेशल ऑडिट करने का प्रावधान भी वित्त विभाग ने किया है। इसमें विभागों की योजनाओं की समयावधि के भुगतान और राजस्व का ऑडिट या कलेक्टर कार्यालयों में प्राकृतिक आपदा प्रभावितों के मुआवजा भुगतान का ऑडिट समेत अन्य तरह के ऑडिट शामिल किए जा सकेंगे।
पार्शियल ऑडिट

विभाग के प्रस्ताव के अनुसार पार्शियल ऑडिट की कैटेगरी में जो काम शामिल होंगे उसमें किसी अधिकारी विशेष के कार्य अवधि का ऑडिट शामिल होगा। वह अधिकारी किसी भी विभाग से संबंधित हो सकता है जिसे डीडीओ पावर उपलब्ध रहे हैं।
बनेगा नया साफ्टवेयर

इस कसावट के लिए वित्त विभाग ने आईएफएमआईएस साफ्टवेयर से अलग एक नया साफ्टवेयर बनाने का भी फैसला किया है। इसमें वित्त वर्ष में ऑडिट रोस्टर और ऑडिट टीम चयन का डिटेल रहेगा। पांच साल के अंतराल में पांच करोड़ से कम बजट वाले विभाग, तीन साल के अंतराल में 5 से 20 करोड़ तक बजट वाले विभाग, एक साल के अंतराल में 20 करोड़ से अधिक बजट वाले विभाग की जानकारी इसमें रहेगी। इसमें एक अप्रेल को सिस्टम यह जानकारी जनरेट कर देगा। ऑडिट टीम में डीडीओ जिसका ऑडिट करना है उसके साथ दल के सदस्य गण उपसंचालक, संयुक्त संचालक, सहायक संचालक आदि की जानकारी भी रहेगी।
आउटकम ऑडिट

आउटकम ऑडिट में जो काम शामिल किए जाने हैं उनमें सामाजिक न्याय विभाग की सभी पेंशन योजनाओं का ऑडिट , लोक निर्माण विभाग की मरम्मत योजना का ऑडिट जैसे मामले शामिल हैं।
सायबर और आईटी

सूचना प्रौद्योगिकी संबंधी मामलों में आईटी और सायबर ऑडिट के लिए जिस तरह के मामले चिन्हित किए जाएंगे उसमें कोषालय से स्कॉलरशिप भुगतान में गबन का सायबर ऑडिट, मृत पेंशनर को पेंशन भुगतान का सायबर ऑडिट जैसे मसले शामिल किए जाएंगे।

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