अब गांधीसागर अभ्यारण में सुनाई देगी चीतों की दहाड़, 8 क्वारंटाइन बाड़े बनकर तैयार

मंदसौर
मध्यप्रदेश के कूनो नेशनल पार्क के बाद अब जल्द ही गांधीसागर अभ्यारण में भी चीतों के दीदार हो सकेंगे. मंदसौर के गांधीसागर अभ्यारण में चीतों को बसाने के लिए सभी तैयारियां पूरी हो गई है, बाड़े बनकर तैयार है. गांधी सागर अभ्यारण में अफ्रीका से आई टीम ने भी निरीक्षण किया और अपनी मुहर लगा दी है. अब जल्द ही यहां अफ्रीका से चीते लाए जाएंगे.
बताया जा रहा है गांधीसागर अभ्यारण में चीतों के लिए 8 क्वॉरंटीन बाड़े बनाए गए हैं, जिनमें चीतों को रखा जाएगा. सीसीटीवी कैमरे भी लगाए गए हैं. एक मेडिकल यूनिट भी बनाई है, जिसमें चीतों का इलाज हो सके. माना जा रहा है कि बारिश के बाद ठंड के मौसम में अफ्रीका से चीतों की खेप यहां आ जाएगी.
चीतों के भोजन की यह व्यवस्था
गांधीसागर अभ्यारण के रावलीकुडी में 28 किलोमीटर लंबा बाड़ा बनाया गया है. यह 64 वर्ग किमी में फैला हुआ है. चीतों के लिए प्रति वर्ग किलोमीटर 20 शाकाहारी वन्य प्राणी की आवश्यकता होती है, लेकिन वर्तमान में प्रति वर्ग किलोमीटर 15 ही शाकाहारी वन्य प्राणी है. 1250 वन्य प्राणी अभी तीन सेंचुरी से आना शेष है. बताया जा रहा है कि बारिश से पहले यहां प्रति वर्ग किलोमीटर 20 शाकाहारी वन्य प्राणियों की संख्या हो जाएगी.
सितंबर 2022 में आए थे चीते
बता दें 70 साल बाद भारत में चीतों को पुन बसाया गया है. 17 सितंबर 2022 को श्योपुर स्थित कूनो नेशनल पार्क में नामीबिया से 8 चीते लाए गए थे. इन चीतों को पीएम मोदी ने छोड़ा था. इसके बाद 18 फरवरी 2023 को 12 चीते जोहान्सबर्ग से ग्वालियर लाए गए. जिसके बाद हेलीकॉप्टर के जरिए इन्हें कूनो नेशनल पार्क लाया गया था. इन चीतों को पूर्व मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान और केन्द्रीय वनमंत्री भूपेन्द्र यादव कूनो नेशनल पार्क में छोड़ा था. वहीं अब कूनो नेशनल पार्क के बाद मंदसौर के गांधीसागर अभ्यारण में चीतों को बसाने की प्लानिंग है.
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