मप्र विधानसभा अध्यक्ष के खिलाफ फिर आएगा अविश्वास प्रस्ताव
विधायक जीतू पटवारी के निलंबन से नाराज कांग्रेस ने लिया निर्णय
भोपाल। विधानसभा अध्यक्ष गिरीश गौतम के खिलाफ आज अविश्वास प्रस्ताव आएगा। विधायक जीतू पटवारी के निलंबन से नाराज कांग्रेस ने यह निर्णय लिया। इसका ऐलान कांग्रेस अध्यक्ष कमलनाथ के निवास पर हुई विधायकों की बैठक के बाद किया गया। प्रदेश विधानसभा के इतिहास में यह तीसरा मौका है जबकि अध्यक्ष के खिलाफ विपक्ष अविश्वास प्रस्ताव लेकर आ रहा है।
अध्यक्ष गिरिश गौतम से पहले यह प्रस्ताव डॉक्टर सीतासरन शर्मा और दिवंगत भाजपा नेता ईश्वरदास रोहाणी के खिलाफ कांग्रेस ला चुकी है। हालांकि इसमें प्रयास निष्फल रहा लेकिन इस बहाने सदन पर दवाब बनाने में वह जरूर सफल रही है। विधानसभा के प्रक्रिया तथा कार्य संचालन संबंधी नियम 145 तथा संविधान के अनुच्छेेद 179 ग के तहत वर्ष 2013 में यह प्रस्ताव विधानसभा अध्यक्ष ईश्वरदास रोहाणी के खिलाफ लाया गया था। इसके बाद सदन का संचालन निष्पक्षता से न करते हुए सरकार के दबाव में करने का आरोप लगाते हुए तत्कालीन नेता प्रतिपक्ष अजय सिंह ने डॉक्टर सीतासरन शर्मा को कटघरे में खड़ा किया था। क्योंकि तब इन्होंने महिलाओं की सुरक्षा के मामले में स्थगन ग्राह करने के बजाय खारिज कर दिया था।
इसलिये अविश्वास प्रस्ताव
विधानसभा अध्यक्ष गिरीश गौतम ने गुरुवार को कांग्रेस विधायक जीतू पटवारी को पूरे बजट सत्र के लिए निलंबित कर दिया। कांग्रेस ने अध्यक्ष के इस फैसले के विरुद्ध जमकर विरोध जताया और अध्यक्ष के खिलाफ नारेबाजी भी की। इसके पहले फरवरी 2003 में दिग्विजय सिंह शासन में विधायक डॉ सुनीलम को सस्पेंड किया गया था और मार्शल उन्हें उठाकर सदन से बाहर ले गए थे। जबकि 2013 में शिवराज सिंह सरकार के दौरान ही तत्कालीन सदस्य चौधरी राकेश सिंह चतुर्वेदी और कल्पना पारुलेकर की सदस्यता समाप्त कर दी गई थी। जिसे बाद में वापस लिया गया।
और तैयार हो गई निलंबन की भूमिका
सदन में जीतू पटवारी ने वक्तव्य के दौरान कहा कि मध्यप्रदेश सरकार ने रिलायंस ग्रुप को इंदौर जू से 6 बाघ, 5 शेर, 8 घड़ियाल, 2 बंगाली लोमड़ी और 1 हनी बेजर दिए हैं। जानवर जामनगर भेजे गए, जहां रिलायंस ग्रुप की बड़ी-बड़ी फैक्ट्री और अंबानी का घर है। हमारे प्रदेश को इन सबके एक्सचेंज में तोते, चिड़िया, छिपकलियां और झगड़ने वाले बंदर मिले हैं। यह कैसा न्याय है? इस पर संसदीय कार्यमंत्री नरोत्तम मिश्रा ने पटवारी को झूठा बताते हुए कहा कि इसके सबूत हैं तो सदन में रखिए। साथ ही पटवारी को बजट सत्र से सस्पेंड करने की मांग की। अध्यक्ष गौतम ने भी दस्तावेज पटल पर रखने कहा। इसके बाद जो दस्तावेज रखे गए उसे देखने के बाद अध्यक्ष ने कहा कि पटवारी ने जो बोला और जो पेश किया वह अलग अलग है। अध्यक्ष द्वारा निलंबित किए जाने के बाद विधायक जीतू पटवारी ने कहा कि मेरी बात सुनी जाए। इस पर मंत्री नरोत्तम ने कहा कि निलंबित सदस्य भाषण नहीं दे सकता।
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