मध्य प्रदेश

नीमच और मंदसौर बन रहे डोडा चूरा तस्करी के नए केंद्र, पंजाब-हरियाणा तक फैला कॉरिडोर

 नीमच
 अफीम उत्पादन के लिए देशभर में प्रसिद्ध मध्य प्रदेश के सीमावर्ती जिले मंदसौर और नीमच इन दिनों डोडा चूरा तस्करी का नया केंद्र बनकर उभर रहे हैं। राजस्थान के रास्ते दिल्ली, पंजाब और हरियाणा तक डोडा चूरा सप्लाई का रूट तस्करों ने तैयार कर लिया है। सात माह में 30 किलो से लेकर 300 किलो तक डोडा चूरा तस्करी के दो दर्जन से ज्यादा मामले सामने आ चुके हैं।

हाल ही में नीमच जिले का एक पुलिसकर्मी खुद डोडा चूरा तस्करी के आरोप में पकड़ा जा चुका है। प्रतिबंधित डोडा चूरा को पंजाब, हरियाणा और दिल्ली के बाहरी इलाकों में पानी या चाय में मिलाकर नशे के रूप में उपयोग किया जाता है। सस्ता नशा होने से इसकी बड़ी मांग रहती है। ट्रक, एंबुलेंस और निजी वाहनों के माध्यम से इसकी तस्करी के मामले में सामने आए हैं।

सिर्फ मप्र, राजस्थान और उत्तर प्रदेश में केंद्रीय नारकोटिक्स ब्यूरो के अधीन अफीम की खेती होती है। अफीम वर्ष 2024-25 में समूचे देश में 1 लाख 6 हजार 390 किसानों को अफीम की खेती का लाइसेंस दिया गया, इनमें से 56 हजार 874 चीरा और 49 हजार 516 सीपीएस पद्धति से दिए गए। अकेले मप्र में चीरा पद्धति से 26 हजार 96 किसानों को लाइसेंस दिए गए। इन लाइसेंसी किसानों के पास लगभग 18 लाख 26 हजार 720 किलो डोडा चूरा की पैदावार होने का अनुमान है।

वास्तविकता यह है कि 1 अप्रैल 2016 से केंद्र सरकार डोडाचूरा पर प्रतिबंध लगा चुकी है और नष्टीकरण कराने की बात कह चुकी है। इसके बाद से ही मप्र की आबकारी नीति से डोडा चूरा को हटा दिया गया है लेकिन नष्टीकरण को लेकर आज तक को कोई स्पष्ट नीति नहीं है, जिसका फायदा उठाकर तस्कर डोडा चूरा को प्रदेश से बाहर नशे के आदी लोगों तक पहुंचा रहे हैं और काली कमाई कर रहे हैं।
डोडाचूरा का उपयोग

डोडा चूरा का विशुद्ध रूप से उपयोग नशे के लिए किया जाता है। राजस्थान, हरियाणा, पंजाब, दिल्ली और अन्य स्थानों पर डोडा चूरा की मांग रहती है। इन क्षेत्रों में नशे के आदी लोग डोडा चूरा को पानी में गलाकर व छानकर उस पानी का उपयोग नशे के लिए करते हैं। इसे चाय में मिलाकर भी पीया जाता है। डोडा चूरा में मार्फिन का प्रतिशत काफी कम 0.02 प्रतिशत होने से भी यह हल्के नशे के रूप में प्रयोग किया जाता है।

अब तक हुई कार्रवाई

    26 जुलाई को नीमच कैंट थाने के आरक्षक राजेंद्र सिंह को नारायणगढ़ पुलिस ने डोडा चूरा की तस्करी करते पकड़ा। इसके बाद एसपी अंकित जायसवाल ने आरक्षक को बर्खास्त कर दिया।

    21 अगस्त को नीमच सिटी पुलिस ने एक आरोपित के पास से 300 किलो डोडा चूरा पकड़ा।

    1 सप्ताह पहले नयागांव पुलिस ने दो आरोपितों को गिरफ्तार कर 280 किलो डोडा चूरा व दो अवैध पिस्टल मय कारतूस के जब्त की।

    मंदसौर और नीमच में पहले भी डोडा चूरा तस्करी में एबुलेंस तक का उपयोग हुआ है और कार्रवाई कर एंबुलेंस जब्त की गई है। पुलिस के अलावा केंद्रीय नारकोटिक्स ब्यूरो और मप्र पुलिस की नारकोटिक्स विंग भी तस्करों के खिलाफ कार्रवाई करती है।

डोडा चूरा नष्ट करने के लिए समिति गठित

    जिला स्तर पर डोडा चूरा नष्टीकरण की प्रक्रिया के लिए समिति गठित है। इसमें कलेक्टर, एसपी, केंद्रीय नारकोटिक्स ब्यूरो के अधिकारी व जिला आबकारी अधिकारी सदस्य हैं। विकासखंड स्तर पर इसी अनुक्रम में समिति है। डोडा चूरा नष्टीकरण के संबंध में आधिकारिक रूप से स्पष्ट नीति नहीं है। – एनपी सिंह, जिला आबकारी अधिकारी नीमच

तस्करी रोकने के लिए निरंतर हो रही कार्रवाई

    जिला स्तरीय समिति की दो बार बैठक हो चुकी है। डोडा चूरा नष्टीकरण का विषय नीतिगत है। इसके संबंध में राज्य शासन स्तर पर निर्णय लिया जाना है। रही बात डोडा चूरा नष्टीकरण की तो पुलिस और अन्य एजेंसियों द्वारा जब्त डोडा चूरा का नष्टीकरण समय-समय पर किया जाता है। तस्करी रोकने के लिए भी निरंतर कार्रवाई की जाती है। – अंकित जायसवाल, एसपी नीमच

तस्करों के खिलाफ की जाती है कार्रवाई

    डोडा चूरा नष्टीकरण का विषय नीतिगत विषय है। इसके संबंध में मैं कुछ नहीं कहना चाहूंगा। मादक पदार्थ के नियंत्रण के लिए जिला स्तरीय समन्वय समिति की मासिक एवं त्रैमासिक बैठक होती है, जिसमें सभी संबंधित विभाग के अधिकारी शामिल होते हैं। कार्रवाई की जानकारी भी बैठक में रखी जाती है। जिले में तस्करों के खिलाफ कार्रवाई भी जारी है। – हिमांशु चंद्रा, कलेक्टर नीमच

 

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