बिहार

बिहार में नक्सलवाद की कमर टूटी, अब सिर्फ 3 हथियारबंद नक्सली बचे : ADG कुंदन कृष्णन

पटना

नक्सलवाद पूरे देश के लिए एक बड़ी समस्या है। लाल आतंक का नारा बुलंद करने वाले नक्सलियों ने कई बार देश को गहरे जख्म भी दिए हैं। केंद्र और अलग-अलग राज्य सरकारें समय-समय पर इन नक्सलियों के खिलाफ अभियान चलाती हैं और उन्हें उनके अंजाम तक भी पहुंचाया जाता है। बिहार में भी नक्सलवाद एक बड़ी समस्या है। बिहार के कई जिले नक्सल प्रभावित माने जाते रहे हैं। इस बीच बिहार एडीजी ऑपरेशन कुंदन कृष्णन ने बिहार में नक्सलियों के खात्मे को लेकर बड़ी बात कही है। एडीजी कुंदन कृष्णन ने बताया है कि बिहार में अब सिर्फ 3 हथियारबंद नक्सली ही बचे हैं।

एडीजी ने कहा, ‘हमारा टारगेट है कि जो केंद्र सरकार का दिशा-निर्देश है और हथियारबंद नक्सलियों के उन्मूलन के लिए जो मार्च 2026 तक जो समय सीमा दी गई है उसका अनुपालन हो जाए। अभी बिहार में हमारी जानकारी में मात्र 3 ही हथियारबंद नक्सली बचे हैं। इनको लेकर भी लगातार अभियान चलाया जा रहा है। जल्द ही यह काम पूरे होने की उम्मीद है। बिहार चुनाव से पहले ही ये जो बचे हुए नक्सली हैं उन्हें मना कर आत्मसमर्पण करवा लिया जाएगा। अगर वो सरेंडर नहीं करते हैं तो हमारा बल भी जंगल में घूम रहा है। अगर वो उनपर फायरिंग करते हैं तो वो भी फायरिंग करेंगे।’

एडीजी कुंदन कृष्णन के मुताबिक, बिहार अब नक्सलमुक्त राज्य बनने के कगार पर खड़ा है। साल 2025 में अभी तक एक भी बड़ी नक्सली हिंसक घटना नहीं हुई है। नक्सलियों में हथियार डालने और सरेंडर करने की होड़ मची है। यहां आपको बता दें कि एक समय था जब बिहार के 30 जिले नक्सल प्रभावित माने जाते थे। एडीजी ने बताया है कि लखीराय और जमुई के कुछ दुर्गम इलाकों को छोड़कर पूरा उत्तर बिहार नक्सल-मुक्त हो चुका है।

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