मुलायम सिंह की कोठी अब सपा के हाथ से बाहर, पॉश इलाके में सिर्फ ₹250 किराया

लखनऊ
मुरादाबाद में जिला प्रशासन ने समाजवादी पार्टी को दी गई सरकारी कोठी का आवंटन रद्द कर दिया है.यह कोठी वर्ष 1994 में तत्कालीन मुख्यमंत्री और सपा संस्थापक मुलायम सिंह यादव के नाम पर केवल 250 रुपये प्रति माह किराए पर आवंटित की गई थी.अब जिला प्रशासन ने समाजवादी पार्टी की स्थानीय इकाई को 30 दिनों के भीतर यह कोठी खाली करने का आदेश जारी कर दिया है.
सिविल लाइंस में बनी है यह कोठी
यह कोठी मुरादाबाद के पॉश इलाके सिविल लाइंस क्षेत्र में ग्राम छावनी के पास स्थित है, जहां पुलिस ट्रेनिंग कॉलेज समेत कई सरकारी संस्थान मौजूद हैं.लगभग 1000 वर्ग मीटर क्षेत्रफल में फैली इस कोठी में वर्तमान समय में समाजवादी पार्टी का जिला कार्यालय संचालित हो रहा है.इस कोठी का स्वामित्व राज्य सरकार के पास है, और यह राजस्व अभिलेखों में सरकारी संपत्ति के रूप में दर्ज है.
नामांतरण न होने से निरस्त हुआ आवंटन
प्रशासन की ओर से दी गई जानकारी के अनुसार, मुलायम सिंह यादव के निधन के बाद कोठी का नामांतरण नहीं कराया गया.नियमानुसार, किसी सरकारी आवंटन के मूल लाभार्थी की मृत्यु होने पर संपत्ति का नामांतरण आवश्यक होता है.चूंकि ऐसा नहीं किया गया, इसलिए प्रशासन ने आवंटन को समाप्त कर दिया.
सरकारी जरूरतों को ध्यान में रखकर लिया गया निर्णय
बताया जा रहा है कि जिलाधिकारी अनुज सिंह की ओर से यह निर्णय राज्य सरकार की प्राथमिकताओं के अनुरूप लिया गया है. अधिकारियों का कहना है कि सरकारी योजनाओं के क्रियान्वयन और विभिन्न विभागों की जरूरतों के लिए भूमि और भवन की मांग लगातार बढ़ रही है.विशेषकर अधिकारियों के आवास के विस्तार के लिए भूमि की आवश्यकता को ध्यान में रखते हुए यह कोठी वापस लेने का निर्णय लिया गया.
एडीएम (वित्त) ने जारी किया नोटिस
इस संबंध में एडीएम (वित्त) ने समाजवादी पार्टी के जिलाध्यक्ष को नोटिस भेजते हुए निर्देश दिए हैं कि कोठी को एक माह के भीतर खाली कर दिया जाए. यदि तय समयसीमा में कोठी खाली नहीं की जाती, तो प्रशासन आगे की कानूनी कार्रवाई करेगी.
प्रशासनिक कार्रवाई, राजनीतिक रंग
इस कार्रवाई को लेकर राजनीतिक हलकों में चर्चाएं शुरू हो गई हैं.कुछ लोगों का मानना है कि यह फैसला नियमों के तहत लिया गया है, जबकि कुछ इसे राजनीतिक निर्णय मानकर देख रहे हैं.हालांकि प्रशासन का कहना है कि यह केवल नियमानुसार की गई एक सामान्य प्रक्रिया है, जिसका उद्देश्य सरकारी संपत्ति का प्रभावी और उचित उपयोग सुनिश्चित करना है.
You Might Also Like
अभी नहीं थमेगी बारिश! अगस्त-सितंबर में भी झमाझम के आसार, जानें किस क्षेत्र में कितना पानी
नई दिल्ली दिल्ली-एनसीआर, हरियाणा और पश्चिम उत्तर प्रदेश जैसे इलाकों में इस साल मॉनसून में अब तक अच्छी बारिश हुई...
डोकलाम के पास भारत की रणनीतिक बढ़त, भूटान में बनाई अहम सड़क
नई दिल्ली भारत लगातार अपनी सीमाओं और पड़ोसी देशों में बुनियादी ढांचे को मजबूत कर रहा है, खासकर चीन के...
रेलवे में 3000+ अपरेंटिस पदों पर भर्ती, जानें आवेदन की प्रक्रिया और योग्यता
मुंबई भर्ती प्रकोष्ठ (RRC) ने भारतीय रेलवे के वर्कशॉप और डिवीजनों में 3000 से अधिक अपरेंटिस पदों के लिए आवेदन...
फैंस को झटका: चुनाव आयोग ने रिंकू सिंह को मतदाता जागरूकता अभियान से हटाया
लखनऊ क्रिकेट फैंस के लिए बड़ी खबर सामने आई है, दरअसल, चुनाव आयोग ने भारतीय क्रिकेटर रिंकू सिंह को मतदाता...