Latest Posts

गैस टैंकर हादसे ने कई परिवार इसमें डूब चुके हैं, छोटी सी पोटली में सिमटे ट्रांसपोर्ट कंपनी के मालिक

1View

जयपुर
राजस्थान की राजधानी जयपुर में जैसे दर्द का दरिया बह रहा है। गैस टैंकर हादसे ने कई परिवार इसमें डूब चुके हैं। हादसे का शिकार बने 14 लोगों की जान जा चुकी है तो दो दर्जन से अधिक लोग असहनीय दर्द और जलन सहन कर रहे हैं। इन सभी के परिजनों पर भी दुखों का पहाड़ टूट पड़ा है। भीषण अग्निकांड में कई लोग इस कदर जल गए कि शवों की पहचान कठिन हो गई।

एक तरफ जहां पूर्व आईएएस ऑफिसर करणी सिंह राठौड़ के शव की पहचान डीएनए टेस्ट से हो सकी तो एक ट्रांसपोर्ट कंपनी के मालिक के अवशेष परिवार को एक छोटी सी पोटली में बंधे हुए मिले। ट्रांसपोर्ट कंपनी चलाने वाले संजेश उन 14 लोगों में शामिल हैं जो शुक्रवार सुबह जयपुर-अजमेर हाईवे पर हुए दर्दनाक हादसे का शिकार हो गए।

संजेश के दो भाई और ट्रांसपोर्ट कंपनी के मैनेजर लापता संजेश की तलाश करते हुए एसएमएस अस्पताल के मॉर्च्युरी में पहुंचे। एक दुकानदार ने उन्हें हादसे के कुछ वीडियो दिखाए, जिसे देखकर उन्होंने अपने भाई के ट्रक की पहचान की। हादसे के वक्त संजेश इस ट्रक में सवार थे और आग में जल गए। उनके शरीर का अधिकांश हिस्सा वहीं राख में तब्दील हो गया। उनके अवशेष को एक पोटली में बांधकर रखा गया था।

उल्लेखनीय है कि शुक्रवार को हुए भीषण अग्निकांड में अब तक 14 लोगों की मौत हो चुकी है, जबकि 27 घायलों का इलाज SMS अस्पताल में जारी है। इनमें से 25 लोग 80 फीसदी से अधिक झुलसे हुए हैं और 7 मरीजों की हालत बेहद गंभीर बताई जा रही है। अस्पताला प्रशासन के मुताबिक 7 घायलों को वेंटिलेटर पर रखा गया है। वहीं, अस्पताल में लाए गए 5 शवों की अभी तक पहचान नहीं हो सकी है।

राजस्थान के जयपुर के भांकरोटा क्षेत्र में गैस टैंकर हादसे में राजस्थान हाईकोर्ट ने स्वत: संज्ञान लिया है। केंद्र और राज्य सरकार को नोटिस जारी किया है। जस्टिस अनूप कुमार की एकलपीठ ने निर्देश दिया कि पीड़ित परिवारों को उचित मुआवजा दिया जाए। कोर्ट ने भारत सरकार, पेट्रोलियम मंत्रालय, राज्य के मुख्य सचिव, और आपदा प्रबंधन विभाग को जवाब दाखिल करने के निर्देश दिए हैं। हाईकोर्ट ने यह भी सवाल उठाया कि ज्वलनशील पदार्थों के गोदाम और खतरनाक फैक्ट्रियां शहरी क्षेत्र से बाहर क्यों नहीं की गईं। पेट्रोलियम सचिव को नोटिस जारी कर जवाब मांगा गया है। कोर्ट ने इस मामले की आगे की सुनवाई के लिए इसे खंडपीठ के समक्ष सूचीबद्ध करने के निर्देश दिए हैं।

admin
the authoradmin