बिहार

मुजफ्फरपुर में बड़ा नाव हादसा, 16 बच्चे लापता, 33 स्कूली बच्चों से भरी नाव

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 मुजफ्फरपुर

बिहार के मुजफ्फरपुर में गुरुवार को बड़ा नाव हादसा हुआ है। यहां बच्चों से भरी नाव नदी में पलट गई है। शुरुआती सूचना में बताया गया है कि हादसे में 16 बच्चे लापता हैं। हालांकि मौके पर स्थानीय गोताखोर और गांव के युवक पहुंचकर नदी में बच्चों की तलाश कर रहे हैं। नाव पलटने की सूचना मिलते ही इलाके के लोगों के साथ शासन प्रशासन में हड़कंप मच गया है। बताया गया है कि गायघाट के बेनीबाद ओपी क्षेत्र के मधुपट्टी घाट पर नाव पलटने का हादसा हुआ है। नाव पर करीब 33 बच्चे सवार थे। संतुलन बिगड़ने के चलते नाव नदी में पलट गई।

बताया जा रहा है कि 17 बच्चों को सुरक्षित निकाल लिया गया है, बाकी की तलाश जारी है। 16 बच्चों के बारे में कोई जानकारी नहीं मिली है। जिले के एक आला अफसर ने बताया कि गायघाट और बेनीबाद पुलिस के साथ एसडीआरएफ की टीम मौके पर कार्रवाई में जुट गई है। बागमती नदी में यह हादसा हुआ है। रेस्क्यू ऑपरेशन चलाकर बच्चों की तलाश की जा रही है।

नदी के तट स्थित मधुरपट्टी घाट के समीप सैकड़ों लोगों की भीड़ जुटी हुई है। गायब बच्चों के परिजनों का रो-रोकर बुरा हाल है। मधुरपट्टी घाट पर कई बच्चों की मां बेहोश हो चुकी हैं। बताया जा रहा है कि बच्चे हर दिन नाव से बागमती नदी को पार कर स्कूल जाते हैं। हादसे के बाद मौके पर अफरा तफरी मच गई।

 

गायघाट और बेनीबाद ओपी पुलिस मौके पर पहुंची। एसडीआरएफ को भी बुलाया गया है। स्थानीय निवासी राकेश कुमार ने बताया कि नाव पर क्षमता से अधिक बच्चों को बैठाया गया था। इस कारण नदी के बीच में पहुंचने पर वो डगमगाने लगी। फिर नाव अनियंत्रित होकर पलट गई। नाविक और उसके सहयोगी ने पहले कुछ बच्चों को बचा लिया। इसके बाद स्थानीय लोग भी नदी में कूदे किसी तरह कुछ बच्चों को बाहर निकाला गया। बाकी बच्चों की तलाश जारी है।

नाव पलटने की सूचना मिलते ही गांव में अफरातफरी मच गई। जिन घरों से स्कूल जाने के लिए बच्चे निकले थे उनके परिजन भागते हुए नदी के पास पहुंचे। बच्चों को नदी से निकालने के लिए गांव के कई युवकों ने छलांग लगाई। महिलाओं का रो-रोकर बुरा हाल दिखा। बता दें कि सीएम नीतीश कुमार गुरुवार को मुजफ्फरपुर में ही रहेंगे। सीएम यहां कैंसर हॉस्पिटल का उद्धाटन करने आ रहे हैं।

पुलिस के प्रति लोगों में नाराजगी

गांव वालों ने बताया कि नाव पलटने की सूचना देने के बाद भी स्थानीय थाने की पुलिस ने इसे गंभीरता से नहीं लिया। सूचना देने के करीब दो घंटे बाद पुलिस मौके पर पहुंची। इस वजह से रेस्क्यू ऑपरेशन शुरू करने में काफी देर हो गई। इस बीच गांव के ही लोगों ने खुद के प्रयास से बच्चों को निकालने का प्रयास करते रहे। गांव वालों में पुलिस के प्रति भारी नाराजगी देखी जा रही है। उनका कहना है कि अगर समय पर पुलिस और रेस्क्यू टीम पहुंचती तो ज्यादा से ज्यादा बच्चों को समय रहते पानी से निकाला जा सकता था।

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