मुंबई
महाराष्ट्र के नागपुर में मंगलवार को ह्यूमन मेटान्यूमोवायरस (एचएमपीवी) के दो मामले सामने आए। इन मामलों को लेकर अधिकारियों ने कहा कि दोनों बच्चे हैं और उनकी हालत स्थिर है। 13 और 7 साल की दो लड़कियों में यह लक्षण दिखाई दिए थे। राज्य के सार्वजनिक स्वास्थ्य विभाग के सूत्रों के अनुसार, दो दिन तक लगातार बुखार रहने के बाद इन लड़कियों ने एक निजी लैब में जांच कराई और उनकी रिपोर्ट पॉजिटिव आई। इनका घर पर ही इलाज किया गया और इनकी हालत स्थिर है।
गंभीरता से संज्ञान लेते हुए राज्य सरकार ने जेजे अस्पताल की डीन डॉ. पल्लवी सैपले की अध्यक्षता में एक टास्क फोर्स का गठन किया है, जो स्टैंडर्ड ऑपरेटिंग प्रोसीजर (एसओपी) तैयार करेगी। सूत्रों ने बताया, ''इन दोनों बच्चियों को खांसी और बुखार था। इनके सैंपल एनआईवी को भेजे गए हैं क्योंकि इनके लक्षण थोड़े अलग थे। दोनों बच्चों को अस्पताल में भर्ती होने की जरूरत नहीं पड़ी और दोनों मरीज ठीक हो गए हैं।''
नागपुर के सरकारी मेडिकल और अस्पताल के अधीक्षक डॉ. अविनाश गावंडे ने कहा, "माता-पिता को चिंता करने की जरूरत नहीं है, यह वायरस कोरोना जैसा खतरनाक नहीं है।'' हालांकि उन्होंने सुझाव दिया कि बच्चों को मास्क पहनना चाहिए। महाराष्ट्र के स्वास्थ्य मंत्री प्रकाश अंबाडेकर ने एचएमपीवी वायरस को लेकर विभाग की एक आपात बैठक बुलाई है। खबर है कि इस बैठक में केंद्रीय स्वास्थ्य राज्य मंत्री प्रतापराव जाधव भी मौजूद रहेंगे। मंत्री ने लोगों से अपील की है कि वे घबराएं नहीं।
चिकित्सा शिक्षा आयुक्त राजीव निवतकर ने सरकारी मेडिकल कॉलेजों के डीन के साथ वर्चुअल बैठक कर एचएमपीवी रोगियों से निपटने की उनकी तैयारियों की समीक्षा की और उन्हें उठाए जाने वाले कदमों के बारे में जानकारी दी। बृहन्मुंबई नगर निगम (बीएमसी) अलर्ट मोड में आ गया है और एचएमपीवी रोगियों के इलाज के लिए विशेष वार्ड स्थापित किए गए हैं। मुख्यमंत्री देवेंद्र फडणवीस ने सोमवार को कहा, "एचएमपीवी वायरस से डरने की कोई बात नहीं है। प्रारंभिक जानकारी के अनुसार यह वायरस नया नहीं है, यह वायरस पहले भी प्रचलित था। ऐसा लगता है कि यह वायरस एक बार फिर से वापसी कर रहा है।
केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्रालय ने राज्यों को सूचित करने का निर्णय लिया है जिसमें कहा गया है कि इस संबंध में किसी भी तरह की काल्पनिक जानकारी न दें, जो आधिकारिक जानकारी है, केवल वही दी जाए। एचएमपीवी वायरस से डरने की कोई वजह नहीं है। प्रारंभिक जानकारी के अनुसार यह वायरस नया नहीं है, यह वायरस पहले भी मौजूद था। ऐसा लगता है कि यह वायरस एक बार फिर से वापसी कर रहा है। इस संबंध में नियमों की घोषणा की जाएगी। राज्य स्वास्थ्य विभाग ने एडवाइजरी जारी कर जिला प्रशासन को सर्दी-खांसी के मरीजों की निगरानी बढ़ाने के साथ ही उन पर कड़ी नजर रखने को कहा है।
स्वास्थ्य विभाग के निदेशक डॉ. नितिन अंबाडेकर ने बताया, 'ह्यूमन मेटान्यूमोवायरस (एचएमपीवी) श्वसन संक्रमण का कारण बनता है। इस वायरस का पहली बार 2001 में नीदरलैंड में पता चला था। यह एक सामान्य श्वसन वायरस है, जो ऊपरी श्वसन पथ में संक्रमण का कारण बनता है। यह मौसमी महामारी है और फ्लू की तरह सर्दियों और गर्मियों की शुरुआत में होती है।'' उन्हाहेंने आगे कहा, ''एचएमपीवी के बढ़ते खतरे को देखते हुए स्वास्थ्य विभाग ने राज्य में श्वसन संक्रमण के आंकड़ों का विश्लेषण किया है। दिसंबर 2024 में राज्य में श्वसन संक्रमण में 2023 की तुलना में कोई वृद्धि नहीं हुई है।" उन्होंने बताया कि एहतियात के तौर नागरिकों को श्वसन संक्रमण से खुद को बचाने के लिए सावधानी बरतने की सलाह दी है।
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