एनसीआर में किसानों और गुर्जर नेताओं की महापंचायत, 13 जुलाई को राष्ट्रीय पंचायत का ऐलान

नई दिल्ली
राष्ट्रीय राजधानी क्षेत्र के फरीदाबाद जिला स्थित अरावली क्षेत्र में वन विभाग के बुलडोजर एक्शन के खिलाफ लामबंदी तेज हो गई है। शनिवार को महापंचायत में हजारों की संख्या में जुटे किसानों और गुर्जर नेताओं ने तोड़फोड़ के खिलाफ कड़ी नाराजगी जताई। इस महापंचायत में पूरे एनसीआर से किसान और गुर्जर नेताओं ने भाग लिया। यह पंचायत फरीदाबाद जिले के अनंगपुर गांव में आयोजित की गई। इसे भारतीय किसान यूनियन समेत कई किसान संगठनों ने अपना समर्थन दिया है। ग्रामीणों का कहना है कि रविवार को भी पंचायत होगी। इसके साथ ही 13 जुलाई को किसानों की राष्ट्रीय पंचायत बुलाई गई है। जो बुलडोजर एक्शन के खिलाफ ग्रामीणों की आवाज बुलंद करेगी।
वन विभाग के बुलडोजर एक्शन पर भड़का गुस्सा
दरअसल, फरीदाबाद जिले के अरावली क्षेत्र स्थित अनंगपुर गांव में वन विभाग ने अवैध अतिक्रमण के खिलाफ कार्रवाई शुरू की है। इसका बड़े स्तर पर विरोध शुरू हो गया है। शनिवार को आयोजित पंचायत में ग्रामीणों और किसान यूनियन के नेताओं ने कहा कि अरावली क्षेत्र में अनंगपुर गांव सदियों पुराना है। यहां कई लोग पीढ़ियों से निवास करते आए हैं। किसान और गुर्जर नेताओं ने कहा कि वन कानून बहुत बाद में बना। जबकि यह गांव सैकड़ों साल पुराना है। ऐसे में गांवों पर वन कानून जबरन लागू करना गलत है।
गांवों को उजाड़ रही भाजपा सरकार
पंचायत में जुटे किसान और गुर्जर नेताओं ने भाजपा सरकार पर बड़ा हमला बोला। किसानों और गुर्जरों ने कहा कि भाजपा सरकार पूरे देश में बुलडोजर चला रही है। इसके साथ ही अब वह पुराने गांवों को भी उजाड़ने में जुटी है। ग्रामीणों ने कहा कि सदियों पुराने अनंगपुर गांव को बचाने के लिए बड़े स्तर पर प्रदर्शन किया जाएगा, लेकिन वन विभाग को यहां तोड़फोड़ नहीं करने दी जाएगी। लोगों ने पंचायत में कहा कि आबादी वाले पुराने गांवों को नुकसान पहुंचाना जनता के साथ बड़ा अन्याय है।
घर टूटने के डर से अनंगपुर में चल रहा धरना प्रदर्शन
दरअसल, वन विभाग ने फरीदाबाद के गांव अनंगपुर को अरावली क्षेत्र में अवैध कब्जा बताया है। इसके साथ ही स्थानीय निवासियों को घर खाली करने को कहा गया है। इसी के बाद से ग्रामीण अनंगपुर में अपना घर बचाने के लिए धरना प्रदर्शन कर रहे हैं। शुक्रवार को ग्रामीणों के धरने को कांग्रेसी नेता विजय प्रताप और किसान मजदूर संघर्ष मोर्चा के प्रतिनिधि अपना समर्थन देने पहुंचे थे। इस दौरान 13 जुलाई को गांव बचाने के लिए राष्ट्रीय पंचायत बुलाने ऐलान किया गया था। धरना प्रदर्शन कर रहे लोगों ने अनंगपुर को ग्रामीणों की संपत्ति बताते हुए वन विभाग की कार्रवाई को गलत बताया।
सुप्रीम कोर्ट के आदेश पर हो रही कार्रवाई
गौरतलब है कि फरीदाबाद अरावली क्षेत्र में अवैध अतिक्रमण हटाने की कार्रवाई सुप्रीम कोर्ट के आदेश पर चल रही है। सुप्रीम कोर्ट ने सरकार को आदेश दिया था कि अरावली पर्वत माला क्षेत्र में जितने भी अवैध कब्जे हैं, उन्हें तत्काल प्रभाव से हटाकर पर्यावरण को सुरक्षित किया जाए। इसके बाद पहले फेज में वन विभाग ने अब तक 420 अवैध ढांचों को ध्वस्त किया है। इस कार्रवाई की जद में अनंगपुर समेत करीब आधा दर्जन से ज्यादा गांव शामिल हैं। अनंगपुर गांव में आबादी ज्यादा होने के चलते ग्रामीण तोड़फोड़ के खिलाफ धरना प्रदर्शन कर रहे हैं।
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