All Type Of Newsप्रशासनिकमध्य प्रदेशराज्य

विभाग को यश दिलाएगा मप्र के नए वन मुख्यालय भवन का आकार 

ज्योतिषियों का अनुमान 2025 तक दिखने लगेगा परिणाम

भोपाल। लिंक रोड़ नंबर-दो स्थित वन मुख्यालय विभाग को यश दिलाएगा। यह आंकलन है ज्योतिष से जुड़े विशेषज्ञों का। यहां कार्यरत अधिकारी- कर्मचारियों के बेहतर स्वास्थ्य के मामले पर वास्तुशास्त्र के विद्वान जरूर आश्वस्त नहीं हैं। बावजूद इसके अंक ज्योतिष के जानकार यह दावा करने से नहीं चूक रहे हैं कि भविष्य में यह भवन प्रदेश में जंगलों के विकास का कीर्तिमान स्थापित करेगा।
इसके पीछे भवन की आकृति मुख्य वजह बताई है। करीब 2 लाख वर्ग फिट में नवनिर्मित पांच ब्लाक के इस पांच मंजिला भवन ऊपर से देखने में 009 की तरह नजर आता है। अंक ज्योतिष की नजर में यही वह खूबी है जो मप्र के वन विभाग को न केवल नई ऊंचाईयां प्रदान करेगा बल्कि, विकास का पर्याय भी बनेगा। इसका असर 2025 तक दिखाई पड़ जाएगा। इनका यह मानना है कि भवन निर्माण में देरी के लिये इसका आकार ही जिम्मेदार है। जिससे निर्माण योजना, आकृति सहित दूसरे जरूरी कार्यों में बार-बार बदलाव हुए है और निर्माण पूरा करने तय समय सीमा से कई वर्षों बाद यह बामुश्किल तैयार हो पाया है।

009 के अंक को लेकर नजर

•-0 प्लूटो की एनर्जी है और 09 मंगल के साथ मिलने से इसकी शक्ति बढ़ जाती है। शुरूआती समय में यह काम को गति नहीं देता है, लेकिन बाद में यह अकल्पनीय नेम, फेम और ग्रोथ देता है। 2025 तक असर दिखेगा।
शिल्पा बगरेचा, अंक ज्योतिष विशेषज्ञ,

•-विषम का अंक भवन निर्माण के लिये दोषपूर्ण है। वास्तुशास्त्र के अनुसार यह शुभ सूचक नहीं है। यह अधिकारी-कर्मचारियों के स्वास्थ्य के हिसाब से भी ठीक नहीं है। यह जंगल और रहने वाले जानवरों को भी प्रभावित करेगा।
अरविंद पचौरी, वास्तु व ज्योतिष विशेषज्ञ

चर्चा में आया भवन

लोकार्पण के बाद यह भवन चर्चा में आ गया। हरित भवन की परिकल्पना के बाद भी इसमें जहां कांच की खिड़कियों के चलते वेंटीलेशन का जहां अभाव है। वहीं यह तय नहीं हो पाया है कि तीन विभागों को बेचे गए इस भवन की तीन मंजिलें वन विभाग को आधिकारिक रूप से कब तक मिल जााएगी। जबकि कांच को हटाकर खिड़कियां तैयार करवाने के निर्देश वन मंत्री विजय शाह और जरूरत पड़ने पर भवन का पूराअ अधिपत्य वन विभाग को सौंपने की घोषणा मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान कर चुके हैं।

बनती-बिगड़ती रही स्थिति
यह भवन 86 करोड़ रुपये में बनकर तैयार होना था, लेकिन समय बढ़ने से लोकार्पण तक लागत 180 करोड़ रुपये तक पहुंच गई। 5 ब्लाक वाले इस 4 मंजिला भवन में 80 से अधिक कक्ष वन विभाग के लिये आरक्षित हैं। निर्माण में करीब 15 वर्ष का समय लगने के बाद भी बजट की कमी के कारण करीब 58 करोड़ रुपए में श्रम विभाग, इलेक्ट्रॉनिक डेवलपमेंट कॉर्पोरेशन और माइनिंग कॉर्पोरेशन को इसके तीन तलों को बेच दिया गया। वहीं दूसरी बजट बढ़ने से ग्रीन बिल्डिंग और केंद्रीकृत वातानुकूलन की परिकल्पना समाप्त हो गई है। वन भवन में 100 सीटर एक ऑडिटोरियम और 50 सीटर हॉल तथा 30 सीटर हॉल बनाए गए हैं।

admin
the authoradmin