मध्य प्रदेश

मध्यप्रदेश को मिला 20,000 करोड़ रुपये की सड़क निर्माण परियोजनाओं का उपहार

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मध्यप्रदेश को मिला 20,000 करोड़ रुपये की सड़क निर्माण परियोजनाओं का उपहार

केंद्रीय मंत्री गडकरी ने भोपाल दौरे पर की थी ऐतिहासिक घोषणा
प्रदेश में आधारभूत संरचना का तेज़ी से होगा विस्तार
मुख्यमंत्री डॉ. यादव के नेतृत्व में विकास की नई ऊँचाइयों की ओर अग्रसर मध्यप्रदेश

भोपाल

मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव के कुशल नेतृत्व में मध्य प्रदेश लगातार विकास की नई ऊँचाइयाँ छू रहा है। उनके विजन के अनुरूप राज्य में इंफ्रास्ट्रक्चर का तेज़ी से विकास हो रहा है, जो प्रदेश के समग्र उत्थान में सहायक सिद्ध हो रहा है। मध्यप्रदेश की आधारभूत संरचना को सुदृढ़ और आधुनिक बनाने के उद्देश्य से केंद्रीय भूतल एवं परिवहन मंत्री नितिन गडकरी ने 19 अक्टूबर को भोपाल में हुए सेमिनार में की गई घोषणा अनुसार प्रदेश को 20,000 करोड़ रुपये से अधिक की सड़क निर्माण योजनाओं की स्वीकृति प्रदान कर दी है। इन परियोजनाओं को शीघ्र धरातल पर उतारने के लिए कार्यवाही तेज़ी से की जा रही है। आने वाले दिनों में लगभग 20 हज़ार 403 करोड़ की लागत से प्रारंभ होने वाली 27 परियोजनाओं से प्रदेश के मार्गों और सड़कों का विस्तार होगा, जिससे यातायात सुगम बनेगा साथ ही सड़क सुरक्षा में अभूतपूर्व सुधार आएगा।

लोक निर्माण मंत्री राकेश सिंह ने केंद्रीय मंत्री गडकरी और मुख्यमंत्री डॉ. यादव का आभार व्यक्त किया। उन्होंने कहा कि यह सौगात प्रदेश के लिए एक बड़ी उपलब्धि है, जो राज्य के इंफ्रास्ट्रक्चर विकास को नई दिशा प्रदान करेगी। राज्य के विभिन्न क्षेत्रों में सड़क निर्माण कार्य शुरू होंगे, जिससे यातायात में सुधार के साथ आर्थिक और सामाजिक प्रगति के नये आयाम स्थापित होंगे। इन महत्वाकांक्षी परियोजनाओं से मध्यप्रदेश में विकास की रफ्तार बढ़ेगी और राज्य के नागरिकों के लिए सफर पहले से अधिक सुगम और सुरक्षित होगा।

एनएचएआई के अंतर्गत प्रस्तावित परियोजनाएँ:

    बैतूल-खंडवा सेक्शन (एनएच-347बी): बेतूल से मोहदा (90 कि.मी.) और मोहदा से बाराकुंड तक 2-लेन प्लस पावर्ड सेक्शन का निर्माण किया जाएगा, जिसकी लागत 1,200 करोड़ रुपये है।

    देशगांव-खरगोन सेक्शन (एनएच-347बी): 65 कि.मी. लंबी इस सड़क को 4 लेन में परिवर्तित करने के लिए 1,700 करोड़ रुपये का बजट आवंटित किया गया है।

    खरगोन-बड़वानी सेक्शन (एनएच-347बी): 35 कि.मी. की इस परियोजना में 1,000 करोड़ रुपये का प्रावधान है।

    बरेठा घाट (एनएच-46): इटारसी-बैतूल सेक्शन में टाइगर कॉरिडोर के इस 20 कि.मी. हिस्से को 4-लेन में परिवर्तित किया जाएगा, जिसकी लागत 550 करोड़ रुपये है।

    सलकनपुर-नसरुल्लागंज-बुधनी-बाड़ी स्ट्रेच: इस 41 कि.मी. लंबे हिस्से की लागत 650 करोड़ रुपये निर्धारित की गई है।

    झाबुआ-रायपुरिया-पेटलावद सेक्शन: 50 कि.मी. लंबाई की इस परियोजना के लिए 650 करोड़ रुपये का प्रावधान है।

    बेतूल-खंडवा पैकेज-4 (एनएच-347बी): यह 33 कि.मी. लंबी परियोजना 381 करोड़ रुपये में पूरी होगी।

    सागर-कानपुर (पैकेज-3): सतिया घाट से अंगोर गाँव तक 55 कि.मी. की यह सड़क 1,006 करोड़ रुपये में बनेगी।

    सागर-कानपुर (पैकेज-4): अंगोर गाँव से एमपी/यूपी सीमा तक के 44 कि.मी. हिस्से की लागत 996 करोड़ रुपये है।

    ग्वालियर सिटी बायपास: पश्चिमी क्षेत्र में 29 कि.मी. लंबे इस बायपास पर 1,005 करोड़ रुपये खर्च किए जाएंगे।

    ओरछा-झांसी ग्रीनफील्ड हाईवे लिंक: NH-26 को एनएच-76 से जोड़ने वाले इस लिंक की लंबाई 14 कि.मी. होगी और इसकी लागत 491 करोड़ रुपये है।

    सागर बायपास (सागर लिंक रोड-02): इस 26 कि.मी. लंबे बाईपास की लागत 756 करोड़ रुपये है।

    जबलपुर-दमोह (पैकेज-1 और 3): जबलपुर से दमोह तक 80 कि.मी. लंबी इस परियोजना पर 1,773 करोड़ रुपये का व्यय होगा।

    रीवा-सीधी सेक्शन (एनएच-39): 30 कि.मी. लंबे इस सेक्शन पर 1,500 करोड़ रुपये का व्यय होगा।

एनएचएआई के तहत कुल 612 कि.मी. लंबाई की परियोजनाओं का अनुमानित बजट 13,658 करोड़ रुपये है।

सड़क परिवहन एवं राजमार्ग मंत्रालय के अंतर्गत प्रस्तावित परियोजनाएँ:

    मंडला बायपास से नैनपुर बायपास (एनएच-543): इस 46 कि.मी. लंबे खंड की लागत 642 करोड़ रुपये का व्यय होगा।

    सेंधवा-खेतिया (एनएच-752जी): इस 57 कि.मी. लंबे हिस्से के लिए 725 करोड़ रुपये का व्यय होगा।

    टिकमगढ़-ओरछा (एनएच-539): 75 कि.मी. की यह परियोजना 926 करोड़ रुपये का व्यय होगा।

    शाहगढ़-टीकमगढ़ (NH-539): इस 80.1 कि.मी. लंबी सड़क की लागत 951 करोड़ रुपये का व्यय होगा।

    अंजड़-बड़वानी (एनएच-347बी): 20.25 कि.मी. लंबाई की इस परियोजना पर 250 करोड़ रुपये का व्यय होगा।

    चंदेरी-पिछोरे (एनएच-346): इस 55.15 कि.मी. लंबे हिस्से पर 452 करोड़ रुपये का व्यय होगा, जिसमें तीन ग्रीनफील्ड बाईपास भी शामिल हैं।

    सिरमौर-डभोरा (एनएच-135बी): 38.29 कि.मी. लंबाई की इस सड़क का बजट 300 करोड़ रुपये का व्यय होगा।

    पवई-सलेहा-जसो-नागौद (एनएच-943): इस 12.49 कि.मी. लंबे हिस्से के शेष कार्य पर 56 करोड़ रुपये खर्च होंगे।

    बैतूल-परतवाड़ा (एनएच-548सी): 62.16 कि.मी. की इस सड़क के लिए 580 करोड़ रुपये का प्रावधान है।

    नैनपुर बायपास से बालाघाट बायपास (एनएच-543): इस 74.35 कि.मी. लंबे खंड पर 860 करोड़ रुपये की लागत आएगी।

    लोनिया (मध्यप्रदेश /महाराष्ट्र सीमा) से बुरहानपुर(एनएच-347सी): 8.8 कि.मी. की इस परियोजना पर 100 करोड़ रुपये खर्च होंगे।

    सिंगरौली-चित्रंगी-बगदरा (एनएच-135सी): 70.1 कि.मी. लंबी इस सड़क की लागत 903 करोड़ रुपये है।

    सड़क परिवहन एवं राजमार्ग मंत्रालय के तहत कुल 616 कि.मी. लंबाई की परियोजनाओं का अनुमानित बजट 6,745 करोड़ रुपये है।

स्वीकृत परियोजनाएँ

    वित्तीय वर्ष 2024-25 में पहले से स्वीकृत परियोजनाएँ जो प्रदेश के अलग-अलग हिस्सों में प्रगतिरत है।

    अयोध्या नगर बायपास (NH-46 से NH-146): 16 कि.मी. लंबे इस बायपास की लागत 1,219 करोड़ रुपये है।

    ग्यारसपुर-राहतगढ़ (NH-146): 36 कि.मी. लंबाई की इस परियोजना पर 620 करोड़ रुपये का खर्च होगा।

    राहतगढ़-बरखेड़ी (NH-146): 11 कि.मी. की यह परियोजना 450 करोड़ रुपये में पूरी होगी।

    विदिशा-भोपाल (NH-146): 52 कि.मी. लंबाई की इस सड़क पर 1,096 करोड़ रुपये खर्च किए जाएंगे।

    विदिशा-ग्यारसपुर (NH-146): इस 32 कि.मी. लंबी परियोजना की लागत 543 करोड़ रुपये है।

    जबलपुर रिंग रोड (पैकेज-5): 18 कि.मी. लंबाई की इस रिंग रोड के लिए 620 करोड़ रुपये का बजट है।

    आगरा-ग्वालियर ग्रीनफील्ड: इस 88 कि.मी. लंबे हाईवे की लागत 4,821 करोड़ रुपये है।

    प्रदेश मे केन्द्र स्वीकृत परियोजनाओं के तहत 9,369 करोड़ रुपये के विभिन्न सड़क निर्माण कार्य प्रगतिरत है।

 

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