मध्यप्रदेश बजट 2025-26 ज्ञान मंत्र के साथ आत्मनिर्भर प्रदेश की दिशा में बड़ा कदम : मंत्री टेटवाल

भोपाल
मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव के नेतृत्व में प्रस्तुत बजट 2025-26 प्रदेश के हर वर्ग के सर्वांगीण विकास का संकल्प है। वित्त एवं उप मुख्यमंत्री जगदीश देवड़ा द्वारा प्रस्तुत इस बजट को "ज्ञान मंत्र" की अवधारणा पर तैयार किया गया है, जिसमें गरीब, युवा, अन्नदाता और नारी शक्ति के उत्थान को प्राथमिकता दी गई है। पहली बार जीरो-बेस्ड बजट के रूप में तैयार इस बजट में 1500 से अधिक सुझावों को शामिल किया गया है, जिससे सभी वर्गों की आकांक्षाओं के अनुरूप योजनाएं बनाई गई हैं।
कौशल विकास और रोजगार राज्य मंत्री (स्वतंत्र प्रभार) गौतम टेटवाल ने कहा है कि यह बजट प्रदेश के युवाओं को आत्मनिर्भर बनाने और कौशल विकास को नई ऊंचाइयों पर ले जाने वाला है। प्रदेश में युवाओं को उद्योगों की जरूरतों के अनुसार प्रशिक्षित करने और रोजगार के अवसर बढ़ाने के लिए ठोस कदम उठाए गए हैं। आई.टी.आई. विहीन 22 विकासखंडों में नवीन आई.टी.आई. स्थापित करने की घोषणा की गई है, जिससे प्रदेश में आई.टी.आई. की कुल संख्या बढ़कर 958 हो जाएगी और प्रशिक्षण क्षमता 1.21 लाख सीटों तक विस्तारित होगी। उन्होंने बताया कि शासकीय आई.टी.आई. देवास, छिंदवाड़ा और धार में ग्रीन स्किलिंग के तहत सोलर टेक्नीशियन और इलेक्ट्रिक व्हीकल मैकेनिक जैसे आधुनिक पाठ्यक्रम शुरू किए जा रहे हैं, जिससे प्रदेश के युवा भविष्य की तकनीकों में दक्ष हो सकेंगे।
राज्य मंत्री टेटवाल ने कहा कि लोकमाता अहिल्याबाई कौशल विकास कार्यक्रम के तहत युवाओं को उद्योगों की मांग के अनुसार प्रशिक्षित करने के लिए एक समग्र योजना बनाई गई है। यह कार्यक्रम प्रदेश स्तर पर एक सशक्त मंच के रूप में कार्य करेगा, जो युवाओं को रोजगारोन्मुखी प्रशिक्षण देकर उन्हें आत्मनिर्भर बनाएगा। यह बजट प्रदेश के युवाओं को न केवल तकनीकी रूप से सक्षम बनाएगा, बल्कि उन्हें उद्योगों की आवश्यकताओं के अनुरूप तैयार कर रोजगार के बेहतर अवसर भी उपलब्ध कराएगा। प्रदेश की शासकीय आई.टी.आई. में आधुनिक तकनीकों पर आधारित नए पाठ्यक्रम प्रारंभ किए जा रहे हैं, जिससे युवा भविष्य की चुनौतियों के लिए तैयार हो सकें।
प्रदेश में प्रत्येक जिले में जिला विकास सलाहकार समिति का गठन होगा, जो जिले की विकास योजना का रोडमैप तैयार करेगी। जनजातीय विकास के लिए 200 करोड़ रु. का प्रस्ताव किया गया है। सामाजिक सुरक्षा पेंशन के लिए 4066 करोड़ रु. का प्रावधान किया गया है। मुख्यमंत्री समग्र परिवार योजना के तहत गरीबी रेखा से नीचे रहने वाले परिवारों को लाभ मिलेगा। प्रदेश की शालाओं के उन्नयन के लिए 228 करोड़ रु. का प्रावधान किया गया है।
प्रदेश में नौ अंतर्राष्ट्रीय हॉकी टर्फ और 25 करोड़ की लागत से एक सर्व-सुविधायुक्त स्टेडियम बनाया जाएगा। 22 नए छात्रावासों का निर्माण होगा। जनजातीय इलाकों में सीएम राइज स्कूल के लिए 1017 करोड़ रु. का प्रावधान किया गया है। अनुसूचित जनजाति वर्ग के 50 विद्यार्थियों को विदेश में पढ़ाई के लिए भेजा जाएगा।
मंत्री टेटवाल ने कहा कि यह बजट प्रदेश के हर वर्ग की आवश्यकताओं को ध्यान में रखते हुए तैयार किया गया है। मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव के नेतृत्व में प्रदेश आत्मनिर्भरता की दिशा में तेज़ी से अग्रसर हो रहा है।
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