मध्य प्रदेश

लव जिहाद फंडिंग केस: कश्मीर से गिरफ्तार हुआ इंदौर का पार्षद, लड़कियों को फंसाने के लिए देता था लाखों

इंदौर 

लव जिहाद के लिए इंदौर में दो युवकों को पैसा देने वाले पार्षद अनवर कादरी उर्फ डकैत को पुलिस ने जम्मू से गिरफ्तार किया है। एक दिन पहले पुलिस ने दिल्ली से डकैत की बेटी आयशा को दिल्ली से गिरफ्तार किया था। पुलिस ने उसे भी डकैत की मदद करने के मामले में आरोपी बनाया है, हालांकि इंदौर पुलिस ने अभी अनवर की गिरफ्तारी की पुष्टि नहीं की है, लेकिन जम्मू पुलिस की मदद से उसे गिरफ्तार करने की सूचना है।  

बता दें, पिछले माह इंदौर पुलिस ने दो युवकों को पकड़ा था। उन्होंने बताया था कि अनवर डकैत ने उन्हें हिंदू युवतियों को फंसाकर उनसे विवाह करने के लिए दो लाख रुपये दिए थे। इसके बाद पुलिस ने डकैत को आरोपी बनाया था, लेकिन वह लंबे समय से फरार था। इंदौर पुलिस ने उसकी तलाश में दिल्ली में भी छापा मारा था, लेकिन वहां से वह भाग गया था। 

बेटी आयशा लॉ स्टूडेंट
पुलिस ने उसकी बेटी आयशा को गिरफ्तार किया था। आयशा लाॅ स्टूडेंट है और दिल्ली में रहती है। उसने अनवर की सुप्रीम कोर्ट से अग्रिम जमानत की भी तैयारी की थी और अनवर के हस्ताक्षर भी करवाए थे। पुलिस को पता चला है कि आयशा ने ही अनवर के लिए टिकट की बुकिंग कर उसके दिल्ली आने का इंतजाम किया था। अनवर पर केस दर्ज होने के बाद उसके परिवार के लोग भी घर पर ताला लगाकर फरार हो गए थे।
 
अपराधी से पार्षद बनने का सफर
अनवर कादरी ने उज्जैन में एक डकैती डाली थी। तब से उसके नाम के साथ डकैत भी जुड़ गया था। इसके बाद वह इंदौर के आजाद नगर में रहने लगा। उसने एक युवक पर जानलेवा हमला भी किया था। अनवर पर अलग-अलग थानों में पंद्रह से ज्यादा मामले दर्ज हैं। फिलहाल कादरी पर लव जिहाद और धर्मांतरण की साजिश करने के गंभीर आरोप हैं। लव जिहाद की फंडिंग के मामले में कादरी पर राष्ट्रीय सुरक्षा अधिनियम (रासुका)के तहत गिरफ्तारी का आदेश जारी किया गया है। कादरी तीन बार कांग्रेस के टिकट से चुनाव लड़कर पार्षद रह चुका है। पार्षद पद से उसे अयोग्य घोषित करने की तैयारी भी चल रही है।

बेटी पार्षद पिता की अग्रिम जमानत की कर रही थी तैयारी

बेटी आयशा दिल्ली में अपने पिता अनवर कादरी की सुप्रीम कोर्ट में अग्रिम जमानत को लेकर तैयारी कर रही थी। उसने वहां जमानत के दस्तावेज भी तैयार कराए थे, जिन पर अनवर के हस्ताक्षर हो गए थे। पुलिस को इस मामले में सुप्रीम कोर्ट से जानकारी मिली। इसके बाद पुलिस को शंका हुई थी कि अनवर बेटी के पास दिल्ली में है और टीम वहां पहुंच गई।

सोमवार को आयशा की गिरफ्तारी से पहले कई महिलाएं क्राइम ब्रांच के ऑफिस के बाहर प्रदर्शन करने पहुंची थीं। उनका आरोप था कि बेटियों को जबरन फंसाया जा रहा है। अनवर की गिरफ्तारी नहीं होने के चलते पुलिस अब परिवार को निशाना बना रही है।

वकील है और जज की पढ़ाई कर रही है आयशा अनवर कादरी के परिवार के लोगों का कहना है कि आयशा की गिरफ्तारी कानूनी रूप से पूरी तरह गलत है। वह वकील होने के नाते जमानत की अर्जी की तैयारी कर रही थी, ऐसे में उसे गिरफ्तार कर लिया गया। आयशा खुद पेशे से वकील है और दिल्ली में रहकर सिविल जज की पढ़ाई की तैयारी कर रही है।

उसकी छोटी बहन भी दिल्ली से वकालत की तैयारी कर रही है। पुलिस को मोबाइल में अनवर के साथ उसकी कोई बातचीत नहीं मिली, तो उसे वहीं छोड़ दिया गया। छोटी बहन ने ही इंदौर में परिवार को आयशा के पकड़े जाने की जानकारी दी थी। बाणगंगा पुलिस को फिलहाल आयशा का 3 अगस्त तक का रिमांड मिला हुआ है।

दो युवकों ने पुलिस को बताया था अनवर फंडिंग करता है इंदौर पुलिस ने साहिल शेख और अल्ताफ के खिलाफ दो युवतियों के साथ रेप और धर्म परिवर्तन के लिए दबाव बनाने का मामला दर्ज किया था। जांच के दौरान सामने आए वीडियो में दोनों आरोपियों ने कांग्रेस पार्षद अनवर कादरी का नाम लिया, जिस पर उन्हें लड़कियों को प्रेमजाल में फंसाने और निकाह के लिए पैसों का लालच देने का आरोप है। पुलिस को मिले वीडियो साक्ष्यों और आरोपियों के बयान के आधार पर पार्षद अनवर कादरी का नाम एफआईआर में जोड़ा गया था।

पुलिस के मुताबिक, आरोपी ने सोशल मीडिया पर फर्जी हिंदू नामों से आईडी बनाकर युवतियों से संपर्क किया था। मोबाइल जांच में यह स्पष्ट हुआ कि वे 'अर्जुन' और 'राज' जैसे नामों का इस्तेमाल कर लड़कियों से दोस्ती करते और फिर उन्हें बहलाकर मुलाकात के लिए बुलाते थे। इसके बाद शादी और धर्म परिवर्तन का दबाव बनाया जाता था।

साहिल शेख और अल्ताफ ने पुलिस को बताया था कि अनवर ने युवकों को एक लड़की को फंसाने के लिए एक लाख रुपए और निकाह कराने पर दो लाख रुपए देने की बात कही थी। जांच में पता चला था कि यह एक संगठित गिरोह की साजिश हो सकती है। पुलिस इस रैकेट से जुड़े अन्य लोगों की भी तलाश कर रही है और आगे जल्द ही बड़े खुलासे संभव हैं।

जम्मू–कश्मीर के पुंछ में गलत तरीके से बना आर्म्स लाइसेंस एडिशनल डीसीपी रामसनेही मिश्रा ने बताया कि जम्मू-कश्मीर के पुंछ से गलत तरीके से एक आर्म्स लाइसेंस अनवर के नाम से जारी किया था। इस लाइसेंस को सस्पेंड किया है। कुछ फर्म और एसोसिएट्स भी सामने आए हैं। 3 बैंक अकाउंट और एक फिशरिस फर्म की जानकारी भी मिली है।

जांच में खुलासा हुआ है कि एक संगठित अपराध किया जा रहा है। इललीगल तरीके से फंडिंग की जानकारी मिली है। पुलिस व्यावसायिक साझेदारी में शामिल लोगों तक पहुंची है। संकेत मिले हैं कि इस मामले में कई लोग शामिल हैं।

अनवर कादरी उर्फ डकैत के सबसे चर्चित आपराधिक मामले

जानलेवा हमले पर 14 साल पहले काटी एक साल की सजा 2011 में कांग्रेस पार्षद अनवर कादरी, उसके भाई और एक अन्य आरोपी को जानलेवा हमले के मामले में अदालत ने एक-एक साल के कारावास की सजा सुनाई थी। यह हमला 6 मई 2009 को इंदौर के आजादनगर चौराहे के पास अनवर हुसैन पर किया गया था।

अनवर हुसैन आरोपियों पर चल रहे एक अन्य मामले में गवाह था। पुलिस ने कादरी समेत कुल 9 आरोपियों को गिरफ्तार किया था। उनके पास से पिस्तौल, कट्टा, तलवार और चाकू बरामद किए गए थे।

उज्जैन में डकैती का केस, इसी से मिला डकैत नाम अनवर कादरी पर 1996 में उज्जैन के महाकाल थाने में डकैती का केस दर्ज किया गया था। इसके बाद उसे अनवर डकैत के नाम से पहचाना जाने लगा। अनवर ने इंदौर में भी मारपीट, घर में घुसकर धमकाने जैसी कई घटनाओं को अंजाम दिया।

अनवर कांग्रेस से तीन बार पार्षद रह चुका है। उसकी पत्नी दो बार पार्षद रही है। प्रमोद टंडन के शहर कांग्रेस अध्यक्ष रहते हुए अनवर को शहर कांग्रेस का महामंत्री भी नियुक्त किया गया था। उसने एक बार निर्दलीय चुनाव भी लड़ा था।

‘पाकिस्तान जिंदाबाद’ के नारे, जेल जाना पड़ा 28 अप्रैल 2025 को अनवर ने इंदौर के वार्ड 58 स्थित बड़वाली चौकी पर पहलगाम हमले के विरोध में पाकिस्तान और आतंकवाद का पुतला दहन किया था। कार्यक्रम के दौरान जैसे ही कादरी ने 'पाकिस्तान' शब्द बोला, वहां मौजूद उसके कुछ समर्थकों ने 'जिंदाबाद' के नारे लगा दिए। इस मौके पर बड़ी संख्या में मुस्लिम महिलाएं, पुरुष और बच्चे शामिल थे।

घटना के वीडियो को लेकर बीजेपी विधायक गोलू शुक्ला ने एफआईआर दर्ज कराई थी। इस पर अनवर कादरी को गिरफ्तार कर जेल भेजा गया था।

 

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