भोपाल
साल के अंत तक मध्य प्रदेश विधानसभा चुनाव होने है। इसे लेकर सभी पार्टियों ने अपनी तैयारी शुरू कर दी है। मध्यप्रदेश विधानसभा चुनाव के लिए कांग्रेस 106 उम्मीदवारों को प्रदेश अध्यक्ष कमलनाथ की तरफ से हरी झंडी मिल गई है। इस बात की जानकारी वरिष्ठ कांग्रेस नेता ने दी। 106 उम्मीदवारों में से 66 वे हैं जिन्हें उन विधानसभा सीटों को जीतने की जिम्मेदारी दी गई है जो पिछले तीन विधानसभा चुनावों में पार्टी ने नहीं जीती थीं। साथ ही इन सीटों को सत्तारूढ़ बीजेपी का मजबूत गढ़ कहा जाता है। इसके अलावा अन्य 40 मौजूदा विधायक हैं। पार्टी ने अन्य 56 मौजूदा विधायकों को पार्टी टिकट आवंटित करने के लिए प्रदर्शन में सुधार करने के लिए एक महीने का समय दिया है।
कांग्रेस के एक वरिष्ठ नेता ने कहा, 'कहा जा रहा है कि पार्टी चुनाव से लगभग चार-पांच महीने पहले कुछ उम्मीदवारों के नामों की घोषणा करेगी। लेकिन घोषणा से पहले पार्टी ने फ़िलहाल 106 उम्मीदवारों को हरी झंडी दे दी।' इसकी पुष्टि करते हुए एमपी कांग्रेस कमेटी के अध्यक्ष कमलनाथ ने कहा कि लोगों को इसके बारे में बता दिया गया है और इसे सार्वजनिक रूप से घोषित करने की कोई जरूरत नहीं है।
बता दें कि 2018 के चुनाव में कांग्रेस को जीत मिली थी, लेकिन कमलनाथ की सरकार ज्यादा दिनों तक नहीं चल सकी। मध्य प्रदेश में विधानसभा की कुल 230 सीटें हैं। साल 2018 के विधानसभा चुनाव में कांग्रेस ने 114 सीटें जीती थीं और सरकार बनाई थी। हालांकि, मार्च 2020 में ज्योतिरादित्य सिंधिया के वफादार 28 विधायकों ने पार्टी छोड़ दी। इसके चलते कमलनाथ सरकार गिर गई और बीजेपी की सिर्फ 15 महीने बाद सत्ता में वापसी हुई। 2020 में शिवराज सिंह चौहान एक बार फिर से प्रदेश की सीएम बने। इसके बाद नवंबर 2020 में हुए उपचुनावों में बीजेपी ने 28 विधानसभा सीटों में से 19 सीटें जीतीं। वहीं, कांग्रेस के पास विधानसभा में 96 विधायक रह गए।
एक अन्य नेता ने कहा, 'उम्मीदवारों को अपनी-अपनी विधानसभा सीटों पर प्रचार शुरू करने के लिए कहा गया है। टिकट बंटवारे को लेकर चल रहे विवाद और ऐन वक्त पर मचे घमासान को खत्म करने के लिए नामों का ऐलान किया गया है। साथ ही कार्यकर्ताओं और पदाधिकारियों ने भी उम्मीदवार का समर्थन करने को कहा है।'
वहीं, एक दूसरे कांग्रेस नेता ने बताया कि उम्मीदवारों को जाति, समुदाय और स्थानीय मुद्दों से संबंधित लिस्ट भी प्रदान की गई है। ताकि वे उसके अनुसार अभियान रेडी कर सकें। इस बार कांग्रेस माइक्रोमैनेजमेंट में विश्वास कर रही है और कई सीटों पर उस मिथक को तोड़ देगी। उन्होंने काह, 'कुछ जातिगत वर्चस्व के आधार पर टिकट दिए जा रहे हैं। हमने एक सर्वेक्षण किया और जातियों के अलावा कई निर्णायक कारक पाए।'
एमपी कांग्रेस कमेटी के प्रवक्ता केके मिश्रा ने कहा, 'हम माइक्रो मैनेजमेंट और सोशल इंजीनियरिंग से यह चुनाव जीतेंगे और इसीलिए सर्वे में सबसे अच्छा प्रदर्शन करने वाले उम्मीदवारों को उनके नाम फाइनल होने की जानकारी दे दी गई है।' हालांकि, बीजेपी ने इस फैसले का मजाक उड़ाया और आरोप लगाया कि टिकट बिक गए हैं। एमपी बीजेपी के मीडिया प्रभारी आशीष अग्रवाल ने कहा कि सबसे पहले कांग्रेस ने कौन सा नाम फाइनल किया है- राहुल गांधी का, दिग्विजय सिंह का या कमल नाथ का। यह खुला तथ्य है कि कांग्रेस टिकट बेचती है। इन 106 लोगों ने सबसे ऊंची बोली लगाई होगी। लेकिन इसका चुनाव के नतीजे पर कोई असर नहीं पड़ेगा।
You Might Also Like
AAP बिहार में लड़ेगी चुनाव, केजरीवाल का ऐलान- अब किसी पार्टी से गठबंधन नहीं…
पटना आम आदमी पार्टी के संयोजक और दिल्ली के पूर्व मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल ने अहमदाबाद में प्रेस कॉन्फ्रेंस की और...
केरल में फंसे ब्रिटेन के F-35 फाइटर जेट की नहीं हो सकी मरम्मत, अब टुकड़ों में वापस ले जाने की तैयारी
तिरुवनंतपुरम केरल के तिरुवनंतपुरम इंटरनेशनल एयरपोर्ट पर ब्रिटिश रॉयल नेवी के F-35 फाइटर जेट ने 14 जून को इमरजेंसी लैंडिंग...
मध्यप्रदेश के जबलपुर, सागर, रीवा और शहडोल संभाग के 17 जिलों में आज अति भारी या भारी बारिश का अलर्ट
भोपाल मध्यप्रदेश में झमाझम पानी बरस रहा है। 1 जून से अब तक 51% ज्यादा बारिश हो चुकी है। 147.7...
मध्य प्रदेश यूथ कांग्रेस चुनाव की सरगर्मी तेज, चुनाव में युवाओं से ज्यादा वरिष्ठ नेताओं की सक्रियता
भोपाल मध्यप्रदेश युवा कांग्रेस चुनाव के चलते कांग्रेस में सरगर्मी तेज है। सरगर्मी इसलिए भी है क्योंकि इस चुनाव में...