भोपाल
नए साल यानि 2021 की शुरुआत हो चुकी है। प्रदेश भर के जिलों और अस्पतालों में तैनात रहे चिकित्सक आज से काम नहीं करेंगे। ऐसा इसलिए होगा क्योंकि बीते साल 2020 में प्रदेश भर के 158 चिकित्सक सेवानिवृत्त हुए हैं। कल यानि 31 दिसंबर को नौ चिकित्सक सेवानिवृत्त हुए हैं।
इनमें राजधानी के जयप्रकाश जिला चिकित्सालय में पदस्थ एकमात्र क्षयरोग विशेषज्ञ डॉ. अजय राव थेटे भी रिटायर हो गए। थेटे के रिटायरमेंट के बाद जेपी अस्पताल का क्षय रोग विभाग विशेषज्ञ विहीन हो गया है। हालांकि वैकल्पिक व्यवस्था के तौर पर एक नवनियुक्त मेडिकल आॅफिसर को टीबी रोग विभाग का चार्ज दिया गया है। गुरुवार शाम जेपी अस्पताल के अधीक्षक डॉ. राकेश श्रीवास्तव, आरएमओ बलराम उपाध्याया, टीएस मिश्रा सहित स्टाफ ने थेटे को सम्मानित कर विदाई दी।
प्रदेश भर में डॉक्टरों की कमी दूर होने के बजाय बढ़ती जा रही है। बीते दो सालों में 335 चिकित्सक जहां सेवानिवृत्त हुए हैं। वहीं डेढ़ दर्जन डॉक्टरों ने स्वैच्छिक सेवानिवृत्ति (वीआरएस) ले लिया। जबकि साल 2020 में आधा दर्जन डॉक्टरों ने नौकरी छोड़ दी। ये स्थिति प्रदेश के स्वास्थ्य विभाग की है। जबकि चिकित्सा शिक्षा और गैस राहत विभाग के हालत और भी खराब हैं।
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