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भारत ने जितने में बनाया भव्‍य संसद, पाकिस्‍तान उतने अरब डॉलर के लिए गिड़गिड़ा रहा

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इस्‍लामाबाद
 भारत में 971 करोड़ रुपये की लागत से बनी संसद की भव्‍य इमारत को देखकर पाकिस्‍तानियों के होश उड़े हुए हैं। पाकिस्‍तानी विश्‍लेषक और वहां की जनता देश की कंगाली पर जमकर आंसू बहा रही है। उनका कहना है कि पाकिस्‍तान जितने पैसे के लिए आईएमएफ के आगे भीख मांग रहा है, भारत ने उतने में तो संसद बना डाला। एक पाकिस्‍तानी ने तो यहां तक कह दिया कि ऐसी संसद पहले कभी नहीं देखा। यही नहीं जिस तरह से इतनी तेजी से इसे बनाया गया है, ऐसा मैंने पहली बार देखा है। उसने कहा कि यह संसद अगर अंदर से देखो तो आंखें चकाचौंध हो जाती हैं।

पाकिस्‍तानी विशेषज्ञ हामिद बसानी कहते हैं, 'भारत अगर 2.5 अरब डॉलर की लागत से संसद बना रहा है तो यह बहुत दिलचस्‍प है क्‍योंकि ढाई अरब डॉलर पाकिस्‍तान के लिए गले की हड्डी बन गया है। पिछले 6 महीने से आईएमएफ ने गर्दन से पकड़कर पाकिस्‍तान को दीवार पर टांग दिया है। 6 महीने बीत गए हैं लेकिन मिलेगा या नहीं, यह तय नहीं।' उन्‍होंने कहा कि भारत अगर इमारत बना रहा है तो इसके पीछे वजह उसकी तरक्‍की है।' एक पाकिस्‍तानी ने तो यहां तक कह दिया कि भारत की अर्थव्‍यवस्‍था मजबूत है। भारत के पास पैसा है इसलिए वे इसका इस्‍तेमाल कर रहे हैं।

 

डिफॉल्‍ट होने की कगार पर पहुंचा पाकिस्‍तान

आम पाकिस्‍तानी नागरिक ने एक यूट्यूब इंटरव्‍यू में कहा कि आपको पता है कि पाकिस्‍तान भारत के विपरीत 70 साल से कटोरा पकड़कर चल रहा है। कुछ पाकिस्‍तानियों ने कहा कि भारत आज तरक्‍की करके दुनिया की पांचवीं अर्थव्‍यवस्‍था बन चुका है। वे कह रहे हैं कि भारत से सीखने की जरूरत है। पाकिस्‍तानी ऐसे समय पर अपनी बदहाली पर आंसू बहा रहे हैं जब उनका देश आईएमएफ से कर्ज के लिए गिड़गिड़ा रहा है। पाकिस्‍तान के कई बार कर्ज मांगने के बाद भी अभी तक उसे एक फूटी कौड़ी आईएमएफ से नहीं मिली है।

पाकिस्‍तान को अगर जून तक किसी देश से कर्ज नहीं मिलता है तो वह डिफॉल्‍ट हो सकता है। पाकिस्‍तान को कई अरब डॉलर के कर्ज भी लौटाने हैं लेकिन उसके पास विदेशी मुद्राभंडार अभी मात्र 4 अरब डॉलर के ही आसपास है। वहीं अगर भारत की बात करें तो इस संसद भवन को ही बनाने में 971 करोड़ रुपये खर्च किए गए हैं। संसद भवन की इमारत में 26,045 मिट्रिक टन स्‍टील, 63,807 मिट्रिक टन सीमेंट और 9,689 क्‍यूबिक मीटर फ्लाई ऐश का इस्‍तेमाल किया गया है। वहीं कुल 23,04,095 कार्यदिवस पैदा हुए। इस नई संसद के अंदर लोकसभा के 888 और राज्‍यसभा के 300 सदस्‍य बैठ सकेंगे।

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