नेशनल हेराल्ड केस में ED ने कांग्रेस की पूर्व अध्यक्ष सोनिया गांधी, राहुल गांधी समेत कई नेताओं के खिलाफ चार्जशीट दायर की

नई दिल्ली
नेशनल हेराल्ड केस में प्रवर्तन निदेशालय (ED) ने कांग्रेस की पूर्व अध्यक्ष सोनिया गांधी, राहुल गांधी समेत कई नेताओं के खिलाफ चार्जशीट दायर कर दिया है. इस केस में ED ने आरोपियों पर 988 करोड़ रुपये के मनी लॉन्ड्रिंग का आरोप लगाया है. वहीं कांग्रेस सांसद प्रियंका गांधी वाड्रा के पति और बिजनेसमैन रॉबर्ट वाड्रा के खिलाफ गुरुग्राम लैंड डील केस में बुधवार को दूसरी बार पूछताछ हो रही है. पिछले दो दिनों में ये कांग्रेस के खिलाफ केंद्रीय जांच एजेंसियों की दूसरी बड़ी कार्रवाई है.
नेशनल हेराल्ड केस की चार्जशीट में सोनिया गांधी को आरोपी नंबर 1 और राहुल गांधी को आरोपी नंबर 2 बनाया गया है. इनके अलावा सुमन दुबे, सैम पित्रोदा, यंग इंडियन (कंपनी), डॉटेक्स मर्चेंडाइज प्राइवेट लिमिटेड और सुनील भंडारी को भी आरोपी बनाया गया है. इस मामले में अगली सुनवाई 25 अप्रैल 2025 को होगी, जिसमें कोर्ट चार्जशीट पर संज्ञान ले सकता है. कोर्ट ने इस मामले पर 26 जून 2014 को संज्ञान लिया था. बता दें कि 26 मई 2014 को केंद्र में नरेंद्र मोदी की सरकार बन चुकी थी.
लेकिन इससे पहले बीजेपी नेता सुब्रह्मण्यम स्वामी ने 2012 में दिल्ली की पटियाला हाउस कोर्ट में शिकायत दर्ज की, जिसमें आरोप लगाया गया कि सोनिया और राहुल गांधी ने YIL (यंग इंडिया लिमिटेड) के माध्यम से AJL (Associated Journals Limited) की 2000 करोड़ रुपये की संपत्तियों (दिल्ली, मुंबई, लखनऊ में प्राइम प्रॉपर्टी, जैसे हेराल्ड हाउस) को धोखाधड़ी और मनी लॉन्ड्रिंग के जरिए हड़प लिया. ED का दावा है कि यह एक आपराधिक साजिश थी, जिसमें 988 करोड़ रुपये की अवैध कमाई शामिल थी. जांच में फर्जी किराया, बनावटी विज्ञापन, और फर्जी डोनेशन के जरिए 85 करोड़ रुपये से भी ज्यादा की हेराफेरी का खुलासा हुआ.
यह मामला मनी लॉन्ड्रिंग निवारण अधिनियम (PMLA), 2002 के तहत जांच के दायरे में है.
ED की चार्जशीट में आरोप लगाए गए हैं कि वर्ष 2010 में एक आपराधिक साज़िश के तहत AJL की लगभग 2000 करोड़ रुपये की संपत्तियों को अवैध रूप से हड़पने की योजना बनाई गई. बताया गया है कि AJL के 99% शेयर महज 50 लाख रुपये में 'यंग इंडियन' नाम की निजी कंपनी को ट्रांसफर कर दिए गए. इस मामले में राहुल गांधी और सोनिया गांधी की भूमिका अहम थी. 'यंग इंडियन' में सोनिया गांधी और राहुल गांधी की कुल 76% हिस्सेदारी थी. बाकी 24% शेयर मोतीलाल वोहरा और ऑस्कर फर्नांडीस के पास थे, जो कांग्रेस के वरिष्ठ नेता थे. AICC (अखिल भारतीय कांग्रेस कमेटी) ने AJL को पहले 90.21 करोड़ रुपये का लोन दिया था, जिसे बाद में 9.02 करोड़ रुपये के शेयरों में बदलकर यंग इंडियन को मात्र 50 लाख रुपये में दे दिया गया.
चार्जशीट में लिखा गया है कि 'यंग इंडियन' नाम की कंपनी को एक गैर-लाभकारी संस्था के तौर पर 'Section 25 कंपनी' के रूप में रजिस्टर्ड किया गया था. जांच में पाया गया कि यंग इंडियन कोई सामाजिक या चैरिटेबल काम नहीं करती है. ईडी ने 20 नवंबर 2023 को AJL की लगभग 752 करोड़ रुपये की संपत्तियों को अटैच किया. आरोप है कि ये संपत्तियां मनी लॉन्ड्रिंग के जरिए हड़पी गई थीं. बता दें कि यह पहला मामला है जिसमें सोनिया और राहुल गांधी को किसी चार्जशीट में औपचारिक रूप से आरोपी बनाया गया है.
केस- गुरुग्राम लैंड डील, आरोपी-रॉबर्ट वाड्रा
ये केस 2008 का है. तब हरियाणा में कांग्रेस की सरकार थी और भूपेंद्र सिंह हुड्डा राज्य के मुख्यमंत्री थे. फरवरी 2008 में ही रॉबर्ट वाड्रा की कंपनी स्काईलाइट हॉस्पिटैलिटी प्राइवेट लिमिटेड ने गुरुग्राम के शिकोहपुर गांव (सेक्टर 83) में 3.5 एकड़ जमीन ओंकारेश्वर प्रॉपर्टीज से खरीदी. ये डील 7.5 करोड़ रुपये में हुई थी. आरोप है कि इस जमीन का म्यूटेशन घंटों में ही पूरा करवा लिया गया था. इसके बाद, मार्च 2008 में, हरियाणा सरकार ने स्काईलाइट हॉस्पिटैलिटी को इस जमीन पर व्यावसायिक कॉलोनी विकसित करने का लाइसेंस (लेटर ऑफ इंटेंट) जारी किया. बाद में स्काईलाइट हॉस्पिटैलिटी ने हुड्डा के प्रभाव से कॉलोनी के विकास के लिए कमर्शियल लाइसेंस हासिल करने के बाद इस जमीन को जून 2008 में 58 करोड़ रुपये की कीमत पर डीएलएफ यूनिवर्सल लिमिटेड को बेच दिया.
इस मामले में सितंबर 2018 में, गुरुग्राम के खेड़की दौला पुलिस स्टेशन में वाड्रा, तत्कालीन सीएम भूपेंद्र सिंह हुड्डा, डीएलएफ और ओंकारेश्वर प्रॉपर्टीज के खिलाफ एक FIR दर्ज की गई थी. नूह के रहने वाले शिकायतकर्ता और सामाजिक कार्यकर्ता सुरेंद्र शर्मा ने आरोप लगाया कि इस सौदे में आपराधिक साजिश, धोखाधड़ी और 50 करोड़ का भ्रष्टाचार हुआ.
केस- बीकानेर लैंड डील, आरोपी- रॉबर्ट वाड्रा
यह पूरा मामला बीकानेर के कोलायत क्षेत्र में 275 बीघा जमीन खरीद-फरोख्त से जुड़ा हुआ है. इस मामले की जांच ईडी में चल रही है. इस जमीन को बीकानेर के महाजन फील्ड फायरिंग रेंज के विस्थापित लोगों को अलॉट की किया जाना था. लेकिन इसे गलत तरीके से खरीदा गया. बीकानेर लैंड डील मामले में जोधपुर कोर्ट में सुनवाई चल रही है. यह मामला रॉबर्ट और उनकी मां मॉरिन वाड्रा से जुड़ा है, जिसकी जांच प्रवर्तन निदेशालय (ED) कर रहा है. मामला वाड्रा की कंपनी स्काईलाइट हॉस्पिटैलिटी प्राइवेट लिमिटेड और बिचौलिए महेश नागर की याचिका से संबंधित है.
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