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 IDBI Bank का शेयर बना रॉकेट,जानिए क्यों

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मुंबई
 आईडीबीआई बैंक (IDBI Bank) के शेयरों में शुक्रवार को जोरदार तेजी दर्ज की गई. बैंक के स्टॉक में तेजी बाजार नियामक SEBI के एक फैसले के बाद आई है. सेबी ने IDBI Bank की शेयरहोल्डिंग रिक्लासिफिकेशन को मंजूरी दे दी है. यानी केंद्र सरकार अब IDBI Bank में को-प्रमोटर नहीं रहेगी. बैंक में अब सरकार की हिस्सेदारी को 'पब्लिक' कैटेगरी में रिक्लासिफाई किया जाएगा. सरकार  IDBI Bank के विनिवेश की कोशिश में जुटी है. सेबी के इस फैसले के बाद सरकार को इसमें मदद मिलने की उम्मीद है. आज  IDBI Bank का शेयरों में आठ फीसदी तक की तेजी देखने को मिली.

शेयरों में जोरदार तेजी

शुक्रवार को शेयर बाजार में कारोबार के दौरान दोपहर लगभग 12:00 बजे के आसपास IDBI Bank के शेयर 8 फीसदी से ऊपर पर कारोबार कर रहे थे. सुबह इस बैंक के स्टॉक 56 रुपये पर ओपन हुए और 59.70 रुपये के इंट्राडे हाई पर पहुंचे. IDBI Bank का आज का लो लेवल 56.10 रुपये रहा है. पिछले पांच दिनों में ये स्टॉक बीएसई पर 7.51 फीसदी चढ़ा है. वहीं, पिछले छह महीने में IDBI Bank के शेयरों में 90.89 फीसदी की तेजी दर्ज की गई है.

कितनी हिस्सेदारी बेच रही है सरकार?

एक्सचेंज फाइलिंग में IDBI Bank ने SEBI से मिली इस मंजूरी की जानकारी दी है. बैंक ने बताया कि शेयरहोल्डिंग रिक्लासिफिकेशन के लिए तीन जनवरी 2023 को सेबी से मंजूरी मिली. हालांकि, इसके लिए सेबी ने शर्त रखी है कि सरकार की वोटिंग राइट 15 फीसदी पर ही कैप की जाएगी.  सरकार और जीवन बीमा निगम (LIC) मिलकर आईडीबीआई बैंक में 60.72 फीसदी हिस्सेदारी बेचने की कोशिश में जुटी हैं.

LIC और सरकार की कितनी हिस्सेदारी?

सरकार और जीवन बीमा निगम (LIC) दोनों के पास आईडीबीआई बैंक में 94.71 फीसदी की हिस्सेदारी है. इसमें केंद्र सरकार की हिस्सेदारी 45.48 फीसदी है, तो वहीं एलआईसी का हिस्सा 49.24 फीसदी है. सरकार ने 7 अक्टूबर को आईडीबीआई बैंक के एक्सप्रेशन ऑफ इंटरेस्ट के लिए बोलियां आमंत्रित की थीं. सरकार ने कुछ समय पहले कहा था कि विदेशी फंड और निवेश फर्मों के एक कंसोर्टियम को आईडीबीआई बैंक के 51 फीसदी से अधिक की ओनरशिप की हासिल करने की अनुमति दी जाएगी.

सरकार का विनिवेश का लक्ष्य

वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण (Nirmala Sitharaman) ने फरवरी 2021 में बजट पेश करते हुए IDBI बैंक के अलावा दो और सरकारी बैंकों के निजीकरण का ऐलान किया था. लेकिन कोरोना संकट की वजह से मामला अटक गया था. सरकार ने चालू फाइनेंशियल ईयर के लिए 65 हजार करोड़ रुपये के विनिवेश का टारगेट सेट किया था. हालांकि, अब उम्मीद जताई जा रही है कि IDBI का विनिवेश अगले वित्त वर्ष में ही हो पाएगा.

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