कोविड महामारी के बाद तेजी से बढ़े मकानों के दाम, बड़े शहरों में कितनी उछाल?
नई दिल्ली
रियल एस्टेट (Real Estate) मार्केट में इन दिनों भारी उछाल दिख रहा है। कोरोना काल से पहले की बात करें तो तब से अब तक स्थिति काफी बदल गई है। बीते पांच साल में ही देश के टॉप 10 शहरों में प्रॉपर्टी की कीमतें (Property Price) काफी बढ़ गई है। इन शहरों में मकान की कीमतों में 88 फीसदी तक का उछाल आया है। इसकी जानकारी रियल एस्टेट डेटा एनालिटिक्स फर्म प्रॉपइक्विटी (PropEquity) की एक रिपोर्ट से मिलती है।
सबसे ज्यादा कीमत कहां बढ़ी
इस रिपोर्ट के अनुसार इस दौरान गुरुग्राम में सबसे अधिक, 160 फीसदी का उछाल दर्ज किया गया है। साल 2019 में वहां मकान की औसत कीमतें 7,500 रुपये प्रति वर्ग फुट थी। यह साल 2024 में बढ़कर 19,500 रुपये प्रति वर्ग फुट पर पहुंच गई हैं। मतलब कि पांच साल पहले गुड़गांव में 75 लाख रुपये में 1,000 वर्ग फुट का मकान मिल जाता था। अब यह करी दो करोड़ रुपये तक पहुंच गया है।
सबसे कम बढ़ोतरी कहां
बीते पांच साल की अवधि के दौरान मकान की कीमतें सबसे कम मुंबई में बढ़ी है। साल 2019 में मुंबई में रेसिडेंशियल रियल एस्टेट की प्रति वर्ग फुट कीमत 25,820 रुपये थी। यह साल 2024 में बढ़ कर 25,820 प्रति वर्ग फुट हो गई। मतलब कि
महज 37 फीसदी की बढ़ोतरी।
अन्य शहरों का क्या रहा हाल
रिपोर्ट के अनुसार गुरुग्राम के बाद कीमतों में सबसे अधिक बढ़ोतरी नोएडा में (146 फीसदी), बेंगलुरु (98 फीसदी), हैदराबाद (81 फीसदी), चेन्नई (80 फीसदी), पुणे (73 फीसदी), नवी मुंबई(69 फीसदी), कोलकाता (68 फीसदी) और ठाणे में (66 फीसदी)।
सबसे महंगी और सबसे सस्ती प्रॉपर्टी कहां
प्रति वर्ग फीट कीमतों की बात करें तो मुंबई इस दृष्टि से सबसे महंगा शहर है। वहां मकानों की औसत कीमत 35,500 रुपये प्रति वर्ग फुट है। इसके बाद गुरुग्राम में 19,500 रुपये प्रति वर्ग फुट। इन शहरों में सबसे कम प्रॉपर्टी रेट नोएडा में दिखा जहां आवासी परिसंपत्ति की औसत कीमत 16,000 रुपये प्रति वर्ग फुट है।
कितनी परियोजनाएं हुई लॉन्च?
इस अवधि के दौरान देश के टॉप 10 शहरों- बेंगलुरु, चेन्नई, हैदराबद, कोलकाता, मुंबई, ठाणे, नवी मुंबई, पुणे, नोएडा और गुरुग्राम में करीब 15,000 परियोजनाएं लॉन्च की गईं। इनमें अपार्टमेन्ट, फ्लोर और विला शामिल हैं। जमीन वाले मकानों की संख्या इनमें काफी कम रही।
कीमत में बढ़ोतरी के क्या हैं कारण
प्रॉपइक्विटी के संस्थापक एवं सीईओ समीर जसूजा का कहना है, ‘‘पिछले 5 सालों में सभी बड़े शहरों में रियल एस्टेट की कीमतों में ज़बरदस्त बढ़ोतरी देखी गई है। इस बढ़ोतरी में कई कारकों का योगदान है जैसे बुनियादी सुविधाओं का विकास, एनआरआई की बढ़ती रुचि, एचएनआई/यूएचएनआई और स्टॉक मार्केट में मुनाफ़ा हासिल करने वालों द्वारा रियल एस्टेट में निवेश तथा सम्पत्ति बनाने और आय कमाने की चाह, मकान खरीदने की चाह, लक्ज़री/सुपर लक्ज़री मकानों की ओर झुकाव।”
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