भोपाल
होली के पारम्परिक गीत-संगीत और नृत्य के वासंती रंग 18 मार्च को मंगलवार की शाम 6:30 बजे इंदिरा गांधी राष्ट्रीय मानव संग्रहालय के मुक्ताकाश में बिखरेंगे। टैगोर लोक कला एवं संस्कृति केन्द्र, रबीन्द्रनाथ टैगोर विश्वविद्यालय द्वारा ‘होरी हो ब्रजराज’ का रंगारंग आयोजन मानव संग्रहालय, विश्वरंग फाउंडेशन, स्कोप ग्लोबल स्किल यूनिवर्सिटी, वनमाली सृजनपीठ तथा पुरू कथक अकादमी के सहयोग से किया जा रहा है। लोक रंगों में छलकती फागुनी छवियों की यह दृश्य-श्रव्य प्रस्तुति प्रसिद्ध कथक नृत्यांगना क्षमा मालवीय के निर्देशन में मंचित होगी। इस प्रदर्शन में शहर के 50 से भी ज़्यादा कलाकार हिस्सा लेंगे। इस रूपक की मूल संकल्पना कवि-कथाकार संतोष चौबे ने की है। वाचिक स्वर कला समीक्षक विनय उपाध्याय का है। संगीत संयोजन संगीतकार संतोष कौशिक ने किया है। होली की दृश्य-छवियों पर केन्द्रित चित्र प्रदर्शनी ‘बिम्ब-प्रतिबिम्ब’ भी आकर्षण का केन्द्र होगी। प्रस्तुति में दर्शकों का प्रवेश निःशुल्क है।
You Might Also Like
गबार्ड ने कहा- टैरिफ के मुद्दे पर समाधान खोजने में जुटे दोनों नेता, ट्रंप और पीएम मोदी की दोस्ती ही साझेदारी का आधार
नई दिल्ली नई दिल्ली पहुंचीं अमेरिका की राष्ट्रीय खुफिया निदेशक तुलसी गबार्ड ने कहा कि टैरिफ के मुद्दे पर भारत...
जिले की ग्राम पंचायत उदयपुरा, जखारा एवं इकहरा की महिलाओं ने मधुमक्खी पालन को बनाया अपना रोजगार
ग्वालियर राज्य ग्रामीण आजीविका मिशन के अंतर्गत ग्रामीण क्षेत्र की महिलाओं ने संगठित होकर मधुमक्खी पालन को अपना व्यवसाय बनाकर...
पीएम मोदी के बयान की सराहना करते हुए चीन ने कहा कि ड्रैगन और हाथी के बीच बैले नृत्य एकमात्र विकल्प
बीजिंग चीन ने सोमवार को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के बयान पर प्रतिक्रिया दी। पीएम मोदी के बयान की सराहना करते...
औरंगजेब को लेकर देश में सियासी संग्राम जारी, कब्र की रक्षा करेंगे, लेकिन महिमामंडन नहीं होने देंगे: फडणवीस
नई दिल्ली औरंगजेब को लेकर देश में सियासी संग्राम चल रहा है। विश्व हिंदू परिषद और बजरंग दल जैसे हिंदू...