धर्म-संस्कृति

होलिका दहन बुराई पर अच्छाई की जीत का प्रतीक, जानें क्या करें और क्या नहीं

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देश भर में फाल्गुन मास की पूर्णिमा के दिन होली का त्योहार मनाया जाता है, लेकिन होली से एक दिन पहले होलिका दहन की जाती है. होलिका दैत्यराज हिरण्यकश्यप की बहन थी. होलिका भगवान विष्णु के परम भक्त प्रहलाद को लेकर आग्नि में बैठी थी, ताकि प्रहलाद अग्नि में जल जाए, लेकिन राक्षसी होलिका ही अग्नि में जल गई. होलिका दहन में लोग राक्षसी होलिका को जलाने का जश्न मनाने के लिए आग जलाते हैं.

होलिका दहन को बुराई पर अच्छाई की जीत का प्रतीक माना जाता है. होलिका दहन होली के एक दिन पहले होता है, इसलिए इसको छोटी होली भी कहा जाता है. हिंदू धर्म शास्त्रों में इस दिन लिए कुछ विशेष नियम बताए गए हैं, जिनका पालन अवश्य करना चाहिए. ऐसे में आइए इस लेख में विस्तार से जानते हैं कि इस साल होलिका दहन कब है. साथ ही जानते हैं कि इस दिन क्या करना और क्या नहीं करना चाहिए.

कब है होलिका दहन?
हिंदू पंचांग के अनुसार, इस साल फाल्गुन महीने की पूर्णिमा तिथि की शुरुआत सुबह 10 बजकर 35 मिनट पर हो जाएगी. वहीं, इसका समापन अगले दिन यानी 14 मार्च को दोपहर 12 बजकर 23 मिनट पर हो जाएगा. ऐसे में होलिका दहन 13 मार्च को किया जाएगा. होलिका दहन का मुहूर्त 13 मार्च को रात्रि 11 बजकर 26 मिनट से लेकर 12 बजकर 30 मिनट तक रहेगा. ऐसे में होलिका दहन के लिए कुल 1 घंटे 4 मिनट का समय मिलेगा. होली 14 मार्च को खेली जाएगी.

होलिका दहन के दिन सबसे पहले सुबह के समय होलिका के पूजन का विधान है. यह पूजा हमेशा शुभ मुहूर्त में ही करें. इस दिन व्रत या उपवास भी रखा जा सकता है. इस दिन घर की उत्तर दिशा में घी का दीपक जलाएं. ज्योतिष शास्त्र में बताया गया है कि ऐसा करने से घर में सुख-समृद्धि और शांति आती है. इस दिन सुबह होलिका की पूजा में सरसों, तिल, 11 गोबर के उपले, अक्षत, चीनी और गेहूं के दाने और गेहूं का उपयोग करें. पूजा करने के बाद होलिका की 7 बार परिक्रमा करें. फिर जल दें. इसके बाद दान करें. इस दिन दान करना शुभ होता है.

होलिका दहन के दिन क्या न करें?
हो​लिका दहन के दिन भूल से भी किसी को उधार नहीं दें. ज्योतिष शास्त्र में बताया गया है कि जो भी इस दिन उधार देता है उसके घर में आने वाली बरकत रुक जाती है. होलिका दहन की पूजा करते समय काले और सफेद रंग के वस्त्र धारण न करें. पूजा के समय इन रंगों को पहनना अशुभ बताया गया है. होलिका दहन की पूजा में महिलाएं भूलकर भी बाल नहीं बांधें. खुले बालों से होलिका की पूजा करें. होलिका दहन की रात को सड़क पर पड़ी चीज को हाथ या पैर लगाएं. इस दिन टोटके का खतरा ज्यादा होता है. नवविवाहिता ससुराल में पहली होली पर होलिका दहन की आग न देखे. ये अशुभ माना गया है.

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