नई दिल्ली
देशभर में मानसून अब रफ्तार पकड़ चुका है और इसके साथ ही खतरे की घंटी भी बजने लगी है। भारतीय मौसम विभाग (IMD) ने आज से 9 जुलाई 2025 के बीच कई राज्यों में भारी से बहुत भारी बारिश की चेतावनी जारी की है। इस दौरान उत्तर भारत से लेकर मध्य और पूर्वी हिस्सों तक मौसम बिगड़ने के पूरे आसार हैं। पहाड़ी इलाकों में बाढ़ और भूस्खलन का जोखिम है, जबकि मैदानी राज्यों में बिजली गिरने और तेज हवाओं से जनजीवन प्रभावित हो सकता है।
किस राज्यों में जारी हुआ ऑरेंज अलर्ट?
IMD ने हिमाचल प्रदेश, उत्तराखंड, मध्य प्रदेश, छत्तीसगढ़, हरियाणा, चंडीगढ़, पूर्वी राजस्थान और पश्चिमी उत्तर प्रदेश के लिए ऑरेंज अलर्ट जारी किया है। इसका मतलब है कि इन क्षेत्रों में भारी बारिश के चलते सतर्कता और तैयारी दोनों जरूरी हैं।
पहाड़ी राज्यों में अलर्ट: हिमाचल और उत्तराखंड
हिमाचल प्रदेश: 5 से 7 जुलाई तक शिमला, सोलन, मंडी और किन्नौर जैसे जिलों में भारी बारिश की चेतावनी। पहाड़ों में भूस्खलन और अचानक बाढ़ की आशंका जताई गई है।
उत्तराखंड: देहरादून, टिहरी, उत्तरकाशी और रुद्रप्रयाग जैसे क्षेत्रों में भारी वर्षा संभावित है। स्थानीय प्रशासन ने नदियों और जलधाराओं के पास जाने से मना किया है।
मध्य और पूर्व भारत पर साइक्लोनिक सर्कुलेशन का असर
मध्य प्रदेश: साइक्लोनिक सर्कुलेशन की वजह से भोपाल, इंदौर, जबलपुर और ग्वालियर में भारी बारिश की संभावना है।
छत्तीसगढ़: महासमुंद, रायगढ़, जशपुर, सरगुजा और कोरबा जैसे उत्तरी जिलों में मूसलधार बारिश के आसार हैं। तेज हवाओं (30-40 किमी/घंटा) और गरज-चमक का भी अनुमान है।
दिल्ली-एनसीआर, हरियाणा और उत्तर प्रदेश में राहत और चेतावनी
दिल्ली और एनसीआर में अगले 5 दिनों तक हल्की से मध्यम बारिश की संभावना है, जिससे लोगों को उमस भरी गर्मी से राहत मिलेगी। हरियाणा और पश्चिमी उत्तर प्रदेश में भारी बारिश की चेतावनी दी गई है, जबकि पूर्वी यूपी के गोरखपुर, बलिया, बनारस जैसे जिलों में बिजली गिरने और बाढ़ जैसी स्थिति बन सकती है।
राजस्थान: पूर्वी जिलों में भारी बारिश, पश्चिम में हल्की बौछारें
-पूर्वी राजस्थान (कोटा, बांसवाड़ा, चित्तौड़गढ़, उदयपुर आदि) में 5 से 9 जुलाई तक लगातार भारी बारिश का अनुमान है।
-पश्चिमी जिलों जैसे जैसलमेर, बीकानेर और जोधपुर में हल्की से मध्यम बारिश संभव है।
IMD की चेतावनी और एहतियात
मौसम विभाग ने साफ किया है कि आने वाले दिनों में जलभराव, ट्रैफिक जाम, पेड़ों के गिरने, बिजली गिरने, और भूस्खलन जैसी घटनाओं की संभावना बहुत अधिक है। लोगों से अपील की गई है कि:
-नदियों, जलाशयों और निचले इलाकों से दूर रहें।
-बिजली कड़कने के समय खुले मैदानों या पेड़ों के नीचे शरण न लें।
-भूस्खलन संभावित क्षेत्रों में यात्रा से बचें।
-स्थानीय प्रशासन और मौसम अपडेट्स पर नजर रखें।
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