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मध्य प्रदेश

एमपी का महामुकाबला: भाजपा- कांग्रेस में सीधी टक्कर

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वर्ष 2018 में हुए चुनाव में जहां भाजपा को सत्ता में आने से ग्वालियर-चंबल और मालवा-निमाड़ क्षेत्र से रोक दिया था। वहीं कांग्रेस को विंध्य का साथ नहीं मिलने से वह स्पष्ट बहुमत में नहीं आ सकी थी। पिछले चुनाव से दोनों ही दलों ने सबक लेकर इन क्षेत्रों में खासा फोकस किया है। इस बार दोनों ही दल ने हर अंचल में अपनी पूरी ताकत लगाई है।
 

ग्वालियर-चंबल के हाल
इस क्षेत्र की 34 सीटों पर पिछले चुनाव में भाजपा बेहतर प्रदर्शन नहीं कर पाई थी। इस बार यहां से पार्टी को मजबूती देने के लिए केंद्रीय मंत्री नरेंद्र सिंह तोमर चुनाव में उतरे हैं। वहीं यहां के दिग्गज नेताओं में शुमार नरोत्तम मिश्रा भी इस क्षेत्र के दतिया से ही चुनाव लड़ रहे हैं। गोहद से लाल सिंह आर्य मैदान में हैं। वहीं इस क्षेत्र के ताकतवर नेता एवं केंद्रीय मंत्री ज्योतिरादित्य सिंधिया भी इस चुनाव में पहली बार भाजपा के स्टार प्रचारक के रूप में हैं। इधर कांग्रेस में इस क्षेत्र से नेता प्रतिपक्ष डॉ. गोविंद सिंह, पार्टी के सीनियर लीडर रामनिवास रावत, केपी सिंह कक्काजू, लक्ष्मण सिंह, जयवर्धन सिंह जैसे दिग्गज मैदान में हैं। इन सभी पर पूरे प्रदेश की नजर हैं।

विंध्य में कौन मजबूत
इस क्षेत्र ने पिछले चुनाव में कांग्रेस को स्पष्ट बहुमत पाने से रोक दिया था। इस बार भी कांग्रेस की ओर से इस क्षेत्र में पूर्व नेता प्रतिपक्ष अजय सिंह, विधानसभा के पूर्व उपाध्यक्ष डॉ. राजेंद्र सिंह, कमलेश्वर पटेल जैसे नेता मैदान में हैं। वहीं इस क्षेत्र पर अपनी पकड़ बरकरार रखने के लिए भाजपा सरकार के मंत्री राजेंद्र शुक्ल, सतना के सांसद गणेश सिंह, सीधी की सांसद रीति पाठक को मैदान में उतारा है। विधानसभा अध्यक्ष गिरीश गौतम भी मैदान में हैं।  हालांकि यहां पर नारायण त्रिपाठी ने विंध्य जनता पार्टी का गठन कर उम्मीदवार उतारे हैं। उनकी पार्टी कितना असर दिखाएगी, यह अभी देखना बाकी है।

मालवा-निमाड़ सत्ता की दिखाता है राह
मालवा-निमाड़ में मिलाकर सबसे ज्यादा सीटें आती है। इस क्षेत्र से पिछले चुनाव में कांग्रेस ने बढ़त बनाई थी और सत्ता तक पहुंची थी। इस बार यहां पर भी मुकाबला रोचक है। भाजपा ने अपने राष्टÑीय महामंत्री कैलाश विजयवर्गीय को मैदान में उतारा है। भाजपा छोड़कर कांग्रेस में आए पूर्व मुख्यमंत्री कैलाश जोशी के पुत्र दीपक जोशी, भैरों सिंह शेखावत दोनों चुनावी मैदान में हैं। प्रदेश के उपमुख्यमंत्री रहे सुभाष यादव के बेटे एवं पूर्व पीसीसी चीफ अरुण यादव के छोटे भाई सचिन यादव भी मैदान में हैं। वहीं कांग्रेस की ओर से जीतू पटवारी, सज्जन सिंह वर्मा, युवा कांग्रेस के अध्यक्ष विक्रांत भूरिया, बाला बच्चन, विजय लक्ष्मी साधौ भी इस क्षेत्र से अपना भाग्य एक बार फिर अजमा रहे हैं।

महाकौशल में किसका कौशल
महाकौशल ने पिछले चुनाव में कांग्रेस का जबरदस्त साथ दिया था। इस बार इस क्षेत्र से पूर्व मुख्यमंत्री कमलनाथ चुनाव मैदान में हैं। यहां के तीन जिलों की चुनाव प्रचार की कमान उनके बेटे नकुल नाथ ने थाम रखी थी। वहीं इस क्षेत्र से भाजपा ने भी अपनी पूरी ताकत लगाई है। यहां से भाजपा ने केंद्रीय मंत्री प्रहलाद पटेल, फग्गन सिंह कुलस्ते और भाजपा के पूर्व अध्यक्ष राकेश सिंह को मैदान में उतारा है।

मध्य क्षेत्र में भी भाजपा रही मजबूत
मध्य क्षेत्र यानि भोपाल, नर्मदापुरम संभाग में भाजपा पिछले कई चुनावों से मजबूत रही है। इस क्षेत्र में मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान चुनावी मैदान में हैं। इस क्षेत्र के नर्मदापुरम लोकसभा क्षेत्र के सांसद राव उदय प्रताप सिंह भी विधानसभा चुनाव में हैं। कांग्रेस में इस क्षेत्र से कोई भी धाकड़ नेता मैदान में नहीं हैं। इसके बाद भी कई सीटों पर रोचक मुकाबला होने के आसार हैं।

बुंदेलखंड में किसका कितना होगा जोर
बुंदेलखंड की 26 सीटों पर कांग्रेस या भाजपा में ही सीधा मुकाबला है। यहां पर पिछले चुनाव में भाजपा ने ज्यादा सीटें जीती थी। इस बार दोनों ही दलों ने पूरी ताकत यहां पर झोंकी है। इस क्षेत्र से भाजपा के गोपाल भार्गव, गोविंद सिंह राजपूत, भूपेंद्र सिंह, जयंत मलैया जैसे ताकतवर नेता मैदान में हैं। बुंदेलखंड से प्रदेश भाजपा अध्यक्ष वीडी शर्मा और केंद्रीय मंत्री प्रहलाद पटेल लोकसभा के सदस्य भी हैं। वहीं कांग्रेस की ओर यहां पर बढ़े नेताओं में मुकेश नायक का नाम है।

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