धमतरी
जल संरक्षण की दिशा में शासन स्तर पर व्यापक कार्य किये जा रहे है। इन्ही कार्यो में एक है बरसात के पानी को चेकडेम के माध्यम से संग्रहित कर धरती को स्वर्ग बनाने का। सिंचाई एवं जल स्त्रोतों को स्थिर रखने में चेकडेम की बहुत बड़ी भूमिका है। महात्मा गांधी राष्ट्रीय ग्रामीण रोजगार गारंटी योजना के अंतर्गत वित्तीय वर्ष 2019-20 में जिले के कुरूद विकासखंड के ग्राम पंचायत अटंग के नाला में चेकडेम निर्माण किया गया है। इस चेकडेम के माध्यम से नाले के बहते पानी को सहेजने व आसपास की असिंचित उपजाऊ भूमि को सिंचाई के लिए जल उपलब्ध कराने की दृष्टि से बनाया गया है। अटंग नाले में चेकडेम निर्माण से आसपास के जलस्तर में वृद्धि हुई है। वहीं खेतों को सिंचाई के लिए पर्याप्त पानी की भी व्यवस्था हुई है। ग्रामीणों को निस्तार सुविधा के साथ-साथ मवेशियों को पीने के लिए पानी उपलब्ध हो रहा है।
मुख्य कार्यपालन अधिकारी जिला पंचायत श्रीमती रोक्तिमा यादव ने जानकारी देते हुए बताया कि महात्मा गांधी राष्ट्रीय ग्रामीण रोजगार गारंटी योजना का मुख्य उद्देश्य है, पंजीकृत ग्रामीण श्रमिकों को रोजगार प्रदान करना और उनकी आर्थिक शक्ति को सुदृढ़ बनाना। गांव में रहने वाले लोग शहर न जाकर गांव में ही रोजगार प्राप्त कर आत्मनिर्भर बन सके। इसी लक्ष्य को लेकर जिले में नाला गहरीकरण, डबरी निर्माण, मिनी चेकडेम, कुआ, तालाब गहरीकरण, बांधा तालाब गहरीकरण और मिश्रित वृक्षारोपण जैसे रोजगार मूलक कार्य संचालित किये जा रहे है। कुरूद विकासखंड में अटंग ग्राम पंचायत में चेकडेम का निर्माण किया गया है, इस नाला का कैचमेंट एरिया 574 हैक्टेयर है और इसकी लंबाई 5 किलोमीटर है। इस चेकडेम के निर्मित हो जाने से क्षेत्र के लगभग 20 हेक्टयर क्षेत्र अंतर्गत आने वाले 38 किसानों को सीधे लाभ हो रहा है। उन्होंने बताया कि पूर्व में जब अटंग नाले में चेकडेम निर्माण नहीं हुआ था, तब बरसात का पानी धीरे-धीरे बह कर निकल जाता था, जिसके कारण पानी का सदुपयोग नहीं हो पाता था। चेकडेम निर्माण से जलस्त्रोतों में वृद्धि हुई और पानी की बबार्दी को रोककर संग्रहित करने से चेकडेम ग्रामीणों के लिए कारगर साबित हो रहा है।
उल्लेखनीय है कि महात्मा गांधी ग्रामीण रोजगार गांरटी योजनांतर्गत जिले में वित्तीय वर्ष 2016-17 में कुल 76 चेकडेम निर्माण कार्य कराया गया, जिसकी कुल लागत 10 करोड़ 13 लाख 35 हजार है। इसी प्रकार मनरेगा अंतर्गत 1 करोड़ 80 लाख रुपए की लागत से 4 स्टापडेम भी निर्मित किये गये है। वित्तीय वर्ष 2017-18 में कुल 23 चेकडेम निर्माण कार्य कराया गया, जिसकी कुल लागत 2 करोड़ 49 लाख 25 हजार है। इसी प्रकार मनरेगा अंतर्गत 50 लाख रुपए की लागत से 3 स्टापडेम भी निर्मित किये गये है। वित्तीय वर्ष 2018-19 में कुल 8 चेकडेम निर्मित किये गये जिसकी कुल लागत 72 लाख 58 हजार है। वित्तीय वर्ष 2019-20 में कुल 9 चेकडेम निर्माण कार्य कराया गया, जिसकी कुल लागत 86 लाख 7 हजार और 57 लाख 85 हजार रुपए की लागत से 7 स्टापडेम बनाये गये हैं।
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