महासमुंद
राज्य सरकार की जनकल्याणकारी नीति एवं योजनाओं से समाज के अंतिम व्यक्ति के जीवन में किस तरह प्रभाव पड़ता है इसकी एक बानगी गोधन न्याय योजना में देखने को मिल रही है। गोबर खरीदी ने जैसे आर्थिक समृद्धि के द्वार खोल दिए हैं। राज्य सरकार ने जब से गोबर खरीदी घोषणा की है तब से यह महिलाओं और पशुपालकों के लिए आर्थिक उन्नति का एक जरिया बन गया है। राज्य सरकार की महत्वपूर्ण योजना गोधन न्याय योजना अंतर्गत गौठान में वर्मी खाद निर्माण का कार्य करने हेतु गांव-गांव में गोबर खरीदी किया जा रहा है, जिससे गांव के किसान गोबर बेचकर सफलता की नई कहानी लिख रहे है।
जिले के 564 गोठानों में 17,611 पशुपालकों द्वारा गोबर विक्रय किया जा रहा है। अभी तक जिले में 5 लाख 86 हजार 425 क्विंटल गोबर खरीदी की जा चुकी है जिससे 1 लाख 50 हजार क्विंटल वर्मी कंपोस्ट का उत्पादन हुआ है। इसके विक्रय से 12 करोड़ 61 लाख 65 हजार 900 रुपए की आमदनी पशुपालकों को हुई है। वहीं इससे सुपर कम्पोस्ट और सुपर प्लस कम्पोस्ट खाद का उत्पादन किया जा रहा है। जिसके विक्रय से भी लाभ हुआ है। जिला पंचायत के मुख्य कार्यपालन अधिकारी श्री एस. आलोक ने बताया कि वर्तमान में प्रतिदिन लगभग 1000 क्विंटल गोबर खरीदी हो रही है।
इस योजना के तहत महासमुन्द विकासखंड अंतर्गत ग्राम पंचायत बम्हनी में स्व सहायता समूह की दीदी मंजू यादव द्वारा सबसे अधिक मात्रा में गोबर बेचकर इस योजना से लाभ प्राप्त की है। श्रीमती मंजू यादव बताती है कि उनके द्वारा प्रतिदिन गोबर विक्रय किया जाता है तथा गांव के सभी पशुपालकों को गोबर बेचने हेतु प्रेरित भी किया जाता हैं जिससे सभी पशुपालक शासन की इस महत्वपूर्ण योजना का लाभ ले सकें। मंजू यादव बताती है कि गोबर चोरी होने के डर से दिन रात इसकी रखवाली भी करने लगी है, क्योंकि सरकार द्वारा गोबर खरीद किये जाने के बाद से यह कमाई का एक मुख्य जरिया बन गया है।
मंजू यादव स्वयं की दुकान खोलना चाहती थी ऐसे में गोधन न्याय योजना उनके सपनों को पूरा करने में सहभागी बना। श्रीमती मंजू यादव द्वारा वर्ष 2020 से अब तक 2500 क्विंटल गोबर बेचा गया है, जिससे उन्हें 5 लाख रुपये की बड़ी आमदनी प्राप्त हुई है। इस आमदनी से उन्होंने अपने और घरवालों के सपने भी पूरे किए। खुद के लिये सोने का झुमका, पति के लिये मोटरसायकल एवं घर के फैंसी स्टोर एवं कपड़ा दुकान में राशि का उपयोग कर अच्छे से व्यवसाय भी कर रही है।
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