नई दिल्ली
दिल्ली विश्वविद्यालय की कार्यकारी परिषद (ईसी) ने संविदा कर्मचारियों के लिए कर्मचारी भविष्य निधि (ईपीएफ) योजना को मंजूरी दी है. यह महत्वपूर्ण निर्णय सोमवार को विश्वविद्यालय के कुलपति प्रो. योगेश सिंह की अध्यक्षता में हुई ईसी की 1272वीं बैठक में लिया गया. यह बैठक विश्वविद्यालय के कन्वेंशन हॉल में आयोजित की गई.
बैठक की शुरुआत पद्म विभूषण रतन टाटा को श्रद्धांजलि देने के लिए दो मिनट के मौन से शुरू हुई. प्रो. सिंह ने बताया कि वित्त समिति की सिफारिशों के अनुसार, सभी कानूनी जटिलताओं पर व्यापक चर्चा के बाद ईपीएफ योजना को मंजूरी देने का निर्णय लिया गया है. उन्होंने पुष्टि की कि यह योजना अक्टूबर 2024 से लागू की जाएगी.
हर साल से 5% वेतन बढ़ेगा
दिल्ली विश्वविद्यालय के रजिस्ट्रार डॉ. विकास गुप्ता ने बैठक का एजेंडा प्रस्तुत किया, जिसमें 10 अक्टूबर को हुई शैक्षणिक परिषद (एसी) की सिफारिशों पर चर्चा शामिल थी. निर्णयों के बीच, ईसी ने पार्ट-टाइम मेडिकल ऑफिसर्स (जीडीएमओ) के संविदा शुल्क में वृद्धि को मंजूरी दी. अब उनका मासिक वेतन 45,000 रुपये से बढ़ाकर 55,000 रुपये किया जाएगा, जो अक्टूबर 2024 से लागू होगा. इसके अलावा अप्रैल से हर साल 5% की वार्षिक वृद्धि भी दी जाएगी.
रिटायर कर्मचारियों को मिलेगा ये फायदा
ईसी ने सेवानिवृत्त कर्मचारियों के लिए वित्त समिति की सिफारिशों के अनुसार एक सैद्धांतिक वेतन वृद्धि को भी मंजूरी दी. इसके अलावा, राष्ट्रीय पेंशन योजना के तहत सरकारी कर्मचारी की सेवा के दौरान मृत्यु की स्थिति में पुराने पेंशन योजना के लाभ प्राप्त करने के लिए जारी कार्यालय ज्ञापन को भी अनुमोदित किया गया.
आगे, परिषद ने मौरिस नगर पुलिस स्टेशन के लिए दी गई भूमि के पट्टे को अगले 10 वर्षों के लिए बढ़ाने की मंजूरी दी. एक और प्रमुख निर्णय में, उच्च शिक्षा सचिव को कार्यकारी परिषद का सदस्य बनाने के प्रस्ताव पर विचार करने के लिए एक समिति गठित की गई है, जो अपनी रिपोर्ट कुलपति को सौंपेगी.
एकेडमिक प्राेग्राम्स भी बढ़ाए गए
शैक्षणिक विकास के क्षेत्र में, ईसी ने रामजस कॉलेज, हंसराज कॉलेज और राम लाल आनंद कॉलेज में पूर्वी एशियाई भाषाओं के पाठ्यक्रमों को मंजूरी दी, जिसमें कोरियाई, चीनी और जापानी भाषाओं के कार्यक्रम शामिल होंगे। इसके अलावा, ईसी ने विश्वविद्यालय कॉलेज ऑफ मेडिकल साइंसेज में मेडिकल प्रयोगशाला विज्ञान (बीएमएलएस) कोर्स और लेडी हार्डिंग मेडिकल कॉलेज में पीडियाट्रिक और नवजात एनेस्थीसिया में डीएम कोर्स को मंजूरी दी.
बैठक के समापन पर, विश्वविद्यालय की 2024-2047 की रणनीतिक योजना और संस्थागत विकास योजना (आईडीपी) के विकास के लिए कुलपति को अधिकृत करने का प्रस्ताव भी स्वीकृत किया गया.
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