बिहार

झपकी बनी हादसे की वजह: ट्रक से टकराई बस, पत्थरों पर चढ़कर ईंटों के ढेर में जा घुसी

देवघर

झारखंड के देवघर से बासुकीनाथ जा रही कांवड़ियों से भरी मंगलवार सुबह सरठ के पास हादसे का शिकार हो गई। हादसे में छह कांवड़ियों की मौत हो गई है, जबकि करीब 26 घायल हैं। हादसे की सूचना मिलते ही जिला प्रशासन की टीम मौके पर पहुंची और बचाव कार्यों में जुट गया। स्थानीय ग्रामीणों और पुलिस की टीम ने घायलों को तत्काल देवघर सदर अस्पताल और बासुकीनाथ उपस्वास्थ्य केंद्र में भर्ती कराया गया। गंभीर रूप से घायल कांवड़ियों को रांची रेफर किया गया है। यह बस बिहार के नवादा जिले से कांवड़ियों को लेकर आई थी, जो देवघर में जलाभिषेक के बाद दर्शन के लिए  बासुकीनाथ धाम जा रही थी।

बस में सवार एक कांवड़िए के अनुसार, बस तेज रफ्तार में चल रही थी। इस दौरान चालक को झपकी आ गई और बस ट्रक से टकरा गई। इसके बाद वह एक पत्थर पर चढ़कर सीधे ईंटों के ढेर में जा घुसी। हादसे के वक्त अधिकतर कांवड़िए सो रहे थे। हादसा होते ही चीख-पुकार मच गई। प्रशासन ने हादसे की जांच के आदेश दे दिए हैं। जान गंवाने वाले कांबड़ियों की पहचान कर उनके परिजनों को सूचित किया जा रहा है। ज्यादातर कांबड़िए नवादा के अकबरपुर, हिसुआ और पकरीबरावां प्रखंड क्षेत्रों के रहने वाले हैं।

गांव वाले मदद करते तो मेरी पत्नी बच जाती
घायल कांवड़िए सुनील कुमार ने कहा कि अचानक सड़क पर बड़ा पत्थर आ गया। इससे चालक ने अपना नियंत्रण खो दिया और बस ईंटों के ढेर से टकरा गई। मैं किसी तरह बस से निकल गया, लेकिन मेरी पत्नी सुमन कुमारी बस में एक घंटे तक फंसी रही, हमारी किसी ने मदद नहीं की। अगर, समय पर मदद होती तो मेरी पत्नी भी बच जाती।

कुरसेला मोड़ पहले से दुर्घटना स्थल
हादसे के बाद घटनास्थल पर पहुंचे स्थानीय राधेश्याम सिंह, मोहन महतो, मनोज पासवान ने बताया कि कुरसेला मोड़ पहले से ही दुर्घटना स्थल माना जाता है, इससे पहले भी यहां कई हादसे हो चुके हैं। एक अन्य प्रत्यक्षदर्शी रामचंद्र ठाकुर ने कहा, “हम लोग पास के खेत में काम कर रहे थे, तभी एक जोरदार आवाज सुनाई दी। दौड़कर पहुंचे तो देखा बस ईंटों के ढेर में घुसी है। कई लोग उसमें फंसे थे, जिनमें कई खून से लथपथ थे। हमने बिना देरी किए पुलिस को सूचना दी और आसपास के लोगों को बुलाका घायलों को बाहर निकालना शुरू किया।

सुरक्षा व्यवस्था बढ़ाई जाए
एक अन्य स्थानीय महिला रीना देवी ने कहा कि यह जगह बेहद खतरनाक है। यहां कोई स्पीड ब्रेकर नहीं है और न ही चेतावनी बोर्ड। अगर, सरकार ने पहले से ध्यान दिया होता तो ये जानें बच सकती थीं। घटनास्थल पर पहुंचे एक दुकानदार विजय मंडल ने बताया, बस की रफ्तार बहुत तेज थी, इससे हादसा हो गया। हमें प्रशासन को पहले ही बताया था कि सावन में इस रास्ते पर सुरक्षा व्यवस्था बढ़ाई जाए।

 

admin
the authoradmin