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धनबाद: ज‍िले के पुराने पुल पुल‍ियों को तोड़कर नया बनाया जाएगा

धनबाद
पथ निर्माण विभाग जिले के उन पुल पुलियों को नए सिरे से बनाने की तैयारी कर रहा है, जिनकी लाइफ अब लगभग समाप्त हो चली है। इसके लिए विभाग द्वारा आठ जगहों पर स्थित इन पुल पुलियों की पहचान पुरी कर ली गई है। अब इनके आसपास की जमीन की मिट्टी की जांच विभाग ने शुरू कर दी है। इसकी जानकारी देते हुए पथ निर्माण विभाग के कार्यपालक अभियंता दिनेश प्रसाद ने बताया कि इसमें चिरकुंडा-मैथन राेड और मुगमा में 1-1, बाेर्रागढ़-सुदामडीह-पुटकी राेड में 2 पुलिया, पाथरडीह-सिंदरी राेड में 2 पुल और बलियापुर-पतलाबाड़ी रोड में 2 पुलिया शामिल हैं। ये सब काफी पुराने हाे चुके हैं और उनका लाइफटाइम लगभग खत्म हाे चुका है। इस लिए इनको नये सिरे से बनाने का निर्णय किया गया है। इस क्रम में पथ निर्माण विभाग की टेक्निकल विंग काान्फेक्टरी बाेरिंग पद्धति से वहां की जमीन की टेस्टिंग कर रही है।

प्रसाद ने कहा कि स्वाइल टेस्टिंग के आधार पर ही उन पुल-पुलिया की डीपीआर तैयार की जाएगी। इस दौरान वहां की जमीन में नमी से लेकर उसकी सख्ती की जांच की जाएगी। ताकि यह निर्धारण में आसानी हो सके कि पिलर से पुल निर्माण करना अच्छा हाेगा या बिना पिलर के पुल बनेगा। टेस्ट रिपोर्ट के आधार पर ही आगे की कार्रवाई की बात कहते हुए उन्होंने कहा कि आम ताैर पर काेलियरी क्षेत्र की वजह से धनबाद की जमीन में हार्डनेस है। इसलिए पुल निर्माण में ज्यादा खर्च नहीं आएगा। उनके अनुसार चिरकुुंडा-मुगमा राेड में स्वाइल टेस्टिंग का काम शुरू हाे गया है। इसके बाद अन्य जगहाें के पुल-पुलिया के पास की जमीन की टेस्टिंग की जाएगी। पुल का लाइफटाइम खत्म हो जाने से पहले सुरक्षा के दृष्टिकाेण से भी नए पुल का निर्माण जरूरी है। काेलियरी क्षेत्र हाेने की वजह से धनबाद की सड़काें पर भारी वाहनाें का परिचालन ज्यादा हाेता है। आरसीडी के टेक्निकल विंग के अनुसार एक पुल का अधिकतम लाइफ 70-75 वर्ष हाेता है। अगर समय पर मरम्मत नहीं हाे पाया ताे लाइफटाइम घट जाता है। इसलिए भी पुल की टेस्टिंग और नया पुल का निर्माण जरूरी है।

 

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