उज्जैन
हवा का रूख बदलने पर अब तापमान में गिरावट आने का क्रम शुरू हो गया है। सुबह-शाम ठंड असर का दिखाई देने लगा है। दीपावली बाद कड़ाके की ठंड पड़ने का अनुमान लगाया जा रहा है। अभी न्यूनतम तापमान में लगातार गिरावट दर्ज की जा रही है।
बताया कि सप्ताहभर पहले दिन का तापमान 35 डिग्री और रात को 23 डिग्री को पार करता दिखाई दे रहा था, जिसके चलते गर्मी महसूस हो रही थी, लेकिन 2-3 दिनों से तापमान में कमी आना शुरू हो गया है। हवा की रफ्तार भी 4 से 5 किलोमीटर प्रति घंटे से चल रही है। गुरुवार-शुक्रवार रात न्यूनतम तापमान 16 डिग्री दर्ज किया गया।
शुक्रवार को अधिकतम तापमान 33 के करीब आ गया था। सुबह की आर्द्रता 62 और शाम की 23 प्रतिशत रही है। रात के तापमान में कमी आने से सुबह तेज ठंड महसूस हो रही है। दिन में धूप निकलने पर ठंड का असर कम हो रहा है। लेकिन शाम को सूरज ढलने के बाद फिर से गुलाबी ठंड का अहसास होने लगा है। दिनभर थमी हवा सूर्यास्त के बाद 4-5 किमी. प्रतिघंटे से चल रही थी। जो एक सप्ताह बाद ओर अधिक रफ्तार पकड़ सकती है।
दीपावली के बाद हवा का रूख बदलेगा और कड़ाके की ठंडक पड़ने लगेगी। इस बार औसतन से अधिक बारिश दर्ज हुई है, जिसके चलते नमी का वातावरण भी बना रहेगा और नवम्बर के बाद दिसंबर और जनवरी माह में भी ठंड बनी रहेगी। इस दौरान तापमान में उतार-चढ़ाव दिखाई देगा। वर्तमान में पाकिस्तान के आसपास एक कमजोर पश्चिमी विक्षोभ द्रोणिका के रूप में बना हुआ है। वहीं उत्तरी मध्यप्रदेश पर एक चक्रवात दिखाई दे रहा है, जिसके चलते मावठे की बारिश हो सकती है।
शहर में सज गई गरम कपड़ो की दुकानें
गुलाबी ठंड के साथ ही गरम कपड़ों की दुकानें सजी दिखाई देने लगी। आगररोड पर तिब्बती व्यापारियों ने अपना कारोबार पूरी तरह से जमा लिया है। लोग खरीददारी के लिये पहुंचने लगे हैं। गरम कम्बलों की वैरायटी भी बाजार में दिखाई दे रही है। शॉपिंग मॉल में ऑफर के साथ गरम कपड़ों मिलने लगे हैं। सुबह के समय स्कूल जाने वाले विद्यार्थी स्वेटर, जरकीन में दिखाई दे रहे हैं। घरों में एसी-कूलर की रफ्तार थम गई है। पंखे कम स्प्रीड में चल रहे हैं।
गजक का व्यवसाय शुरू
ठंड के मौसम में गजक की महक और स्वाद तैयार करने का काम शुरू हो चुका है। बाहर से आये कारीगर अलग-अलग वैरायटी में गजक तैयार करने में लगे हुए है। कुछ व्यापारियों ने दुकान भी लगा ली है। 200 से लेकर 400 रुपये कीमत तक की गजक बाजार में मिल रही है। सूखे मेवे की डिमांड भी बढऩे लगी है। लोगों ने शीतल पेय से दूरी बनाना शुरू कर दिया है।
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